- दैनिक जनवाणी के साथ विशेष संवाद में बोले सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, मेरठ, गोरखपुर और आगरा में बननी चाहिये हाईकोर्ट बेंच
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अब इंतजार की घड़ियां खत्म होने वाली है। चंद महीनों में क्रांतिधरा को हवाई पट्टी की सुविधा मिल सकती है। सांसद राजेन्द्र अग्रवाल का कहना है कि केन्द्र सरकार ने इसके लिये सहमति दे दी है बस प्रदेश सरकार को इसके लिये जमीन की व्यवस्था करनी है। 72 सीटर जहाज मेरठ से उड़ान भरा करेंगे।
सांसद ने यह भी कहा कि वर्षों से चली आ रही हाईकोर्ट की बेंच की मांग नितांत जरूरी है और केन्द्र और प्रदेश सरकार की रजामंदी भी है बस हाईकोर्ट को इसकी अनुमति देनी आवश्यक है। बैंच तो मेरठ ही नहीं प्रदेश में गोरखपुर और आगरा में भी बननी चाहिये।
सांसद राजेन्द्र अग्रवाल मंगलवार को दैनिक जनवाणी के संवाद कार्यक्रम में शरीक हुए और राजनीतिक, सामाजिक और निजी जिंदगी से जुड़े विषयों पर खूब बोले। मेरठ में काफी लंबे समय से एयरपोर्ट की मांग उठती आ रही है और राजनीतिक दलों के चुनावी एजेंडों में यह शुमार भी रहता है। इस पर सांसद ने खुलकर कहा कि दिल्ली और मेरठ की कनेक्टीविटी खासकर सड़क और रैपिड पर काम चल रहा है।
अब हवाई पट्टी का मामला बचा हे। सांसद ने कहा कि जेवर में एयरपोर्ट बन रहा है। दिल्ली से मेरठ की दूरी 150 किलोमीटर से कम है। जीएमआर कंपनी और सरकार के बीच इस बात का समझौता हुआ है कि 150 किलोमीटर से कम दूरी पर एयरपोर्ट न बने।
इसके बावजूद केन्द्र सरकार मेरठ में हवाई पट्टी को लेकर रजामंद है। अब प्रदेश सरकार को इसके लिये जमीन उपलब्ध करानी होगी। कुछ महीनों में मेरठ को हवाई पट्टी मिल जाएगी। सांसद ने कहा कि मेरठ से प्रयाग और मेरठ से लखनऊ के लिये पहले हवाई सेवा शुरू होनी चाहिये।
होनी चाहिए हाईकोर्ट बेंच: सांसद
सांसद ने 40 साल से अधिक समय से चली आ रही वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग पर कहा कि मेरठ में हाईकोर्ट की बेंच होनी चाहिये। इसके लिये काफी समय से प्रयास किये जा रहे हैं। संसद में इस बाबत कई बार सवाल भी उठाये गए हैं। एक बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी प्रतिनिधिमंडल मिल चुका है।
हालांकि प्रधानमंत्री ने कोई भी टिप्पणी भले न की हो, लेकिन उन तक बात पहुंचना ही काफी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य में भाजपा सरकार होने के कारण जिम्मेदारी भी ज्यादा बनती है। बेंच मेरठ के अलावा गोरखपुर और आगरा में भी बैंच बननी चाहिये। इन तीनों जगहों के सांसद भी सदन भी एकमत थे। जिस दिन हाईकोर्ट आदेश कर देगा, बेंच का मुद्दा हल हो जाएगा।
देवानंद के दीवाने, साधना के मुरीद
तीसरी बार लोकसभा में पहुंचने वाले सांसद राजेन्द्र अग्रवाल राजनीति के मजबूत खिलाड़ी होने के साथ साथ फिल्मों के भी दीवाने हैं। संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि उनको देवानंद का अल्हड़ अंदाज, एक्टिंग और स्टाइल काफी पसंद थी। उनकी फिल्म गाइड काफी पसंद आई थी। वहीं, बालीवुड की पसंदीदा हीरोइनों में उनको साधना की एक्टिंग और सौंदर्य ने ज्यादा प्रभावित किया था।
इसके अलावा कागज के फूल, साहब बीबी और गुलाम, आनंद जैसी फिल्में पसंद करने वाले सांसद को साहित्य से खास लगाव है और छात्र जीवन से ही पढ़ने के शौक ने साहित्य के प्रति लगाव पैदा कर दिया था। सांसद ने बताया कि फिल्मों के अलावा क्रिकेट और टेनिस से काफी लगाव है।
संसद में सवालों की झड़ी, घर में खामोशी
सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने संसद में 172 बहसों में भाग लिया और 298 प्रश्न पूछे, लेकिन खुद सांसद का कहना है कि संसद की आदत घर में नहीं चलती। मेरे प्रश्न पूछने से पहले घर वाले ही ज्यादा सवाल करते हैं और इसमें खुद को एडजस्ट करना पड़ता है। लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने के समय भी इस बात का ख्याल रखना पड़ता है कि वो किसी एक पार्टी के अध्यक्ष नहीं बल्कि सभी पार्टियों के लिये अध्यक्ष हैं। इसलिये सवाल और जबाव संसद तक ही सही है।
सांसद एक नजर में
- नाम : राजेन्द्र अग्रवाल
- पत्नी : उमा अग्रवाल
- परिवार : एक बेटा, एक बेटी
- राजनीतिक जीवन : 2009, 2014, 2019 सांसद मेरठ
- भाजपा महानगर अध्यक्ष, संघ के प्रचारक, तमाम समितियों के सदस्य