जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: देश से वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी उन्मूलन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को समय से पहले पूरा करने को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है। इस संकल्प को सही मायने में धरातल पर उतारने को लेकर नए कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं।
टीबी उन्मूलन को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों और योजनाओं के बारे में जिला अस्पताल के क्षय रोग अधिकारी डाक्टर राजेश जैन ने बताया कि एक रोज पहले प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने लखनऊ में विस्तार से मीडिया को जानकारी दी।
मंत्री का हवाला देते हुए डाक्टर जैन ने बताया कि आगामी एक नवंबर से प्रदेश के 29 जिलों में एक बार फिर सघन टीबी रोगी खोज (एक्टिव केस फाइंडिंग) अभियान शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री एक नवंबर को लखनऊ से इस अभियान का शुभारम्भ करेंगे । दस दिन तक चलने वाले इस अभियान के दौरान घर-घर जाकर टीम लोगों की स्क्रीनिंग करेगी और जिनमें लक्षण नजर आयेंगे उनके बलगम की जांच करायी जाएगी। हालांकि चयनित जिलों में सहारनपुर नहीं है।
निक्षय पोषण योजना बनी मददगार
टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रुपए प्रतिमाह दिए जाने के लिए अप्रैल 2018 में लायी गयी निक्षय पोषण योजना बड़ी मददगार साबित हुई है । योजना के तहत प्रदेश में अब तक 162 करोड़ रुपये की धनराशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तातंरण के माध्यम से क्षय रोगियों को प्रदान की जा चुकी है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इसमें वर्ष 2018 में 66,20,81000 रुपए, वर्ष 2019 में 72,61,89500 रुपए और जनवरी 2020 से अब तक 21,78,53000 रुपए का भुगतान किया गया है । यह भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाता है।
टीबी व कोविड के लक्षण समान, रखें खास ख्याल
उधर, सीएमओ डाक्टर बीएस सोढ़ी ने बताया कि कि टीबी और कोविड के लक्षण मिलते-जुलते हैं, इसलिए ऐसे में खास सावधानी बरतने की जरूरत है । इस तरह के लक्षण वालों की कोविड की जांच के साथ टीबी की भी जांच करायी जा रही है । इससे बचने के लिए जरूरी प्रोटोकाल जैसे- मास्क पहनना अनिवार्य है, क्योंकि इन दोनों ही बीमारियों में खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों से संक्रमण का खतरा रहता है । इसलिए अपने साथ दूसरों को सुरक्षित करने के लिए मास्क से मुंह और नाक को ढककर रखें ।