Tuesday, June 17, 2025
- Advertisement -

रामदेव संत नहीं, बिजनेसमैन: शंकराचार्य

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: हां, मैं कह तो रहा हूं…रामदेव संत नहीं है, बल्कि बिजनेसमैन है। संत का कोई हॉस्पिटल नहीं होता। संत दवाई नहीं बेचता। संत यदि सेवा भी करता है तो नि:शुल्क।

पुलिस से जान बचाने के लिए कोई संत महिला के कपड़े पहनकर नहीं भागता, ये जो कृत्य रामदेव ने किये हैं, वो संत के हो ही नहीं सकते। छोड़िये, वो अब विशुद्ध बिजनेसमैन बन गए हैं।

रही बात योगी आदित्यनाथ की तो वह संत परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। राजनीति में भी धर्म का होना अनिवार्य है, मगर यूपी में चल रहे एनकाउंटर के सवाल पर शंकराचार्य बोले कि योगी आदित्यनाथ यूपी के राजा है, उनके राज में यदि किसी बदमाश का एनकाउंटर हो रहा है, उसमें फर्जी एनकाउंटर भी हो जाते हैं, तो उसमें भी योगी आदित्यनाथ को दोष अवश्य ही लगेगा, लेकिन योगी आदित्यनाथ गुरु गोरखनाथ की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

तप किया है तो राज तो मिलना ही था, लेकिन राज मिलने के बाद कुछ ऐसे काम हो जाते हैं, जिससे पाप भी लग जाता है, लेकिन बाकी योगी आदित्यनाथ के विवेक पर सब कुछ निर्भर करेगा। यह कहना है जगत गुरु शंकराचार्य इंद्रप्रस्थ पीठाधीश्वर श्रीकृष्ण स्वरूप जी महाराज का।

संत किस तरह से शुद्ध व्यापारी बन गए हैं। लग्जरी कारों में घूमते हैं? वैराग्य होने पर लोग घर छोड़कर संत बन जाते हैं, लेकिन इसके बाद कुर्सी पाने की लालसा क्यों खत्म नहीं होती?

इन तमाम मुद्दों को लेकर जगत गुरु शंकराचार्य इंद्रप्रस्थ पीठाधीश्वर श्रीकृष्ण स्वरूप जी महाराज से जनवाणी के चीफ रिपोर्टर ने विशेष बातचीत की।

शंकराचार्य भी बिना लाग-लपेट के खुलकर बोले, कह दिया कि वो किसी से डरते नहीं है, जो सच है, वहीं बोल रहा हूं। योग गुरु रामदेव पर निशाने साधते हुए बोले कि पहली बात तो यह कि रामदेव संत नहीं है।

अभी मैने कहा जान बचाने के लिए पीतवस्त्र त्यागकर महिला के सूट सलवार पहनकर रामदेव दिल्ली से भागे थे, यह आपको स्मरण करा रहा हूं। ये काम संतों का नहीं होता। संत मर जाएंगे, मगर भागेंगे नहीं। फिर रामदेव तो दवाई समेत कई बिजनेस कर रहे हैं, वो कारोबारी बन गए हैं, उन्हें संत मत कहिए। यह सच है।

कहा कि योगी आदित्यनाथ का मैं भक्त नहीं हूं, समर्थक कह सकते हैं। योगी आदित्यनाथ संत है, जो नाथ परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। हां, फर्जी एनकाउंटर जो हो रहे हैं, उसमें पाप लग सकता है।

उन्होंने कहा कि संतों को बिजनेस ने दूर रहना चाहिए। जनता के कल्याण के लिए संतों को काम करने की आवश्यकता है। वागभट ऋषि व उनके गुरु चरक ऋषि ने जनता के कल्याण के लिए आयुर्वेदिक दवाओं की खोज की, फिर लोगों की जान बचाने के लिए दवाइयों के बारे में बताया। चरक व वागभट जैसे संत भारतीय भूमि ने दिये हैं, जिन पर पूरा देश गर्व करता है।

शिक्षक के पक्ष में कूदे शंकराचार्य

जगत गुरु शंकराचार्य इंद्रप्रस्थ पीठाधीश्वर श्रीकृष्ण स्वरूप महाराज मंगलवार को खुदकुशी करने वाले शिक्षक के परिजनों के पक्ष में कूद गए। शंकराचार्य ने कहा कि यह बेहद दर्दनाक घटना है,जो सात माह से वेतन नहीं मिलने पर शिक्षक ने आत्महत्या कर ली।

शिक्षक बच्चों का भविष्य तैयार करते हैं, लेकिन उल्टे शिक्षकों का भविष्य बिगड़ रहा है। नौबत यहां तक आ गई है कि स्कूल संचालक शिक्षकों को वेतन नहीं दे रहे हैं,जिसके चलते शिक्षक आत्महत्या कर रहे हैं। इस तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ध्यान देने की जरूरत है।

इंटरनेशनल दीवान स्कूल के शिक्षक के साथ हुई घटना शर्मसार कर देने वाली है। इसमें स्कूल प्रबंध तंत्र को भी विचार करना चाहिए कि शिक्षकों को आत्महत्या करने तक मजबूर कर दिया गया। वेतन तो मिलना चाहिए। एक भी बच्चे की फीस नहीं छोड़ रहे हैं, लेकिन शिक्षकों को वेतन नहीं दे रहे हैं, ये दुर्भाग्यपूर्ण बात है।

स्कूल प्रबंध तंत्र के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाए। पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व महामंडलेश्वर गुरु मां नीलिमा महाराज भी मौजूद थी।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

spot_imgspot_img