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सीएम बोले- हमारा प्रयास, प्रयागराज कुंभ 2025 से पहले पूरा हो गंगा एक्सप्रेसवे का काम
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देश में सबसे अधिक मेट्रो सेवा यूपी में
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70 सालों में जिन्हें नहीं पूछा गया, उन्हें भी दी आवास की सुविधा
जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: सीएम ने कहा कि अपने कार्यों के माध्यम से हमने केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को पूरी ईमानदारी के साथ पहुंचाने का काम किया। पूर्वी यूपी आज पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और बुंदेलखंड बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ जुड़ चुका है। पश्चिमी यूपी को मध्य यूपी और पूर्वी यूपी से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे का काम तेज गति से चल रहा है।
हमारा प्रयास है प्रयागराज कुंभ 2025 से पहले गंगा एक्सप्रेस वे का काम पूरा हो। गंगा एक्सप्रेसवे श्रद्धालुओं का स्वागत करे। हर जिला मुख्यालय को 4 लेन से जोड़ने की कार्रवाई या तो पूरी हो चुकी है या तेज गति से चल रही है। जिला मुख्यालय को रिंग रोड से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं। देश में सबसे अधिक मेट्रो सेवा यूपी में है। पांच शहर में मेट्रो चल रही है, जबकि छठवें शहर आगरा में नवंबर-दिसंबर तक इसे चालू कर देंगे। रैपिड रेल सेवा भी अगले महीने तक पीएम के कर कमलों से लोकार्पित किया जाएगा।
पूर्वी बंदरगाह से भी जुड़ गया यूपी
सीएम ने कहा कि 2017 में जब हम आए थे, तब दो एयरपोर्ट क्रियाशील और दो आंशिक थे, आज हमारे पास नौ एयरपोर्ट पूरी तरह से क्रियाशील हैं। 12 एयरपोर्ट पर हम वर्तमान में काम कर रहे हैं। इनमें से पांच को एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एयर कनेक्टिवटी के साथ जोड़ने के लिए सहमति दे दी है। अगले दो वर्ष के अंदर यूपी पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला पहला राज्य होगा। तीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट वर्तमान में क्रियाशील हैं। अयोध्या और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अगले साल तक क्रियाशील कर दिया जाएगा।
देश का पहला वाटर वे वाराणसी से हल्दिया के लिए शुरू कर दिया गया है। यूपी को हमेशा ये मलाल रहता था कि हम बंदरगाह से नहीं जुड़े हैं, मगर आज वाराणसी से हल्दिया को यानी पूर्वी बंदरगाह को यूपी को जोड़ दिया गया है। किसानों के उत्पाद को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।
बदला यूपी का परसेप्शन, डबल इंजन सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि
सीएम ने कहा कि यूपी ने बीते 6 साल में यूपी ने सचमुच परसेप्शन बदला है। आज यूपी के बारे में कोई नकारात्मक नहीं सोच रहा है। पहले लोग संदेह की दृष्टि से देखते थे, लेकिन आज यूपी का नाम सुनते ही लोगों के चेहरे पर चमक आ जाती है। ये हमारी डबल इंजन सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। हमारे नौजवानों के सामने अपनी पहचान छिपाने का संकट नहीं आ सकता है। आज उन्हें पूरे सम्मान के साथ अपने राज्यों और देशों मे कार्य देने के लिए लोग तैयार हैं। आज यूपी भी तैयार हो चुका है।
हम आज डबल और ट्रिपल स्पीड के साथ अपने कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। याद कीजिए हमने यूपी में कार्यों की शुरुआत ही 80 हजार करोड़ के औद्योगिक विकास की परियोजनों के साथ की थी। यूपी में 6 साल में 5 लाख करोड़ की निजी क्षेत्र की परियोजनाओं की शुरुआत हुई, जिसमें लाखों युवाओं को नौकरियां मिली। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 35 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव ने सभी को चौंका दिया। 25 सेक्टरों में अलग-अलग रणनीति बनाकर पॉलिसी तैयार की गयी।
विद्युत आपूर्ति में वीआईपी कल्चर समाप्त
सीएम ने कहा कि पूववर्ती सरकार के पहले ढाई साल में मात्र ढाई लाख शौचालय बने थे, उसके बाद (वर्ष 2017) के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में 2.61 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ। पीएम आवास योजना (शहरी) में 18 हजार स्वीकृत हुए थे पर बने नहीं थे जबकि 6 साल में शहरी/ग्रामीण क्षेत्र में 5,27,7000 आवास स्वीकृत किये गये हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 1 लाख से अधिक गरीबों को आवास उपलब्ध कराए गये।
इनमें मुसहर, वनटांगिया, थारू, कोल और सहरिया जैसी जातियां शामिल हैं, जिनकी आजादी के 70 साल तक आवाज नहीं सुनी जाती थी। वीआईपी कल्चर को समाप्त करते हुए समान रूप से सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की गयी। यूपी आज देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है। यूपी के बजट को दोगुना बढ़ाया गया।
पहले निराश्रित पेंशन के अंतर्गत 17 लाख महिलाओं को 500 रुपये प्राप्त होता था, आज 31 लाख महिलाओं को 1000 रुपये पेंशन दिए जा रहे हैं। पहले 37 लाख लाभार्थियों को 500 रुपये मासिक वृद्धावस्था पेंशन की सुविधा प्राप्त होती थी पर आज 56 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है, मासिक राशि भी दोगुनी की गई है।
किसान-नौजवान सभी खुशहाल
सीएम ने कहा कि 2016 में बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत थी, आज ये घटकर 3-4 प्रतिशत है। यूपी में 2007 से 2017 के बीच जितना गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ, आज हमने उससे दोगुना गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। मुझे प्रसन्नता है हमने अब तक 2लाख 2 हजार करोड़ से अधिक का गन्ना मूल्य कर दिया है। धान और गेहूं में दलाल और एजेंट के माध्यम से खरीद होती थी।
2012 से 17 के बीच में मात्र 123 लाख मीट्रिक टन का धान क्रय बिचौलियों के माध्यम से हुआ था, जिसमें 17190 करोड़ का भुगतान किया गया था। मगर 17 से लेकर अब तक 345 लाख मीट्रिक टन धान क्रय हुआ और 64 हजार करोड़ का भुगतान डीबीटी के माध्यम से सीधे अन्नदाताओं के पास गया। इसी प्रकार गेहूं के मामले में बिचौलियों के माध्यम से 12 से 17 के बीच 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं क्रय हुआ और 12800 करेाड़ का भुगतान बिचौलियों के माध्यम से हुआ। 2017-23 के बीच 219 लाख मीट्रिक टन खरीद किया और 40159 करोड़ का भुगतान अन्नदाता के खाते में किया गया।
शिक्षा-स्वास्थ्य में यूपी समृद्धि की राह पर