Thursday, May 29, 2025
- Advertisement -

तोड़ो नहीं जोड़ो

Amritvani 19


उंगुलिमाल नाम का एक डाकू था। वह लोगों को मारकर उनकी उंगलियां काट लेता था और उनकी माला पहनता था। इसी से उसका यह नाम पड़ा था। आदमियों को लूट लेना, उनकी जान ले लेना, उसके बाएं हाथ का खेल था। लोग उससे डरते थे। संयोग से एक बार भगवान बुद्ध उपदेश देते हुए उधर आ निकले। लोगों ने उनसे प्रार्थना की कि वह वहां से चले जाएं। उंगुलिमाल ऐसा डाकू है, जो किसी के आगे नहीं झुकता।

बुद्ध ने लोगों की बात सुनी, पर उन्होंने अपना इरादा नहीं बदला। वह बेधड़क वहां घूमने लगे। जब उंगुलिमाल को इसका पता चला तो वह झुंझलाकर बुद्ध के पास आया। वह उन्हें मार डालना चाहता था, लेकिन जब उसने बुद्ध को मुस्कराकर प्यार से उसका स्वागत करते देखा, तो उसका पत्थर का दिल कुछ मुलायम हो गया। बुद्ध ने उससे कहा, ‘क्यों भाई, सामने के पेड़ से चार पत्ते तोड़ लाओगे?’ उंगुलिमाल के लिए यह काम क्या मुश्किल था!

वह दौड़ कर गया और जरा-सी देर में पत्ते तोड़कर ले आया। ‘बुद्ध ने कहा, अब एक काम करो। जहां से इन पत्तों को तोड़कर लाए हो, वहीं इन्हें लगा आओ।’ उंगुलिमाल बोला, ‘यह कैसे हो सकता?’ बुद्ध ने कहा, ‘भैया! जब जानते हो कि टूटा जुड़ता नहीं, तो फिर तोड़ने का काम क्यों करते हो?’ इतना सुनते ही डाकू को बोध हो गया और वह उस दिन से बुद्ध की शरण में आ गया।


janwani address 5

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Saharanpur News: सहारनपुर पुलिस की हुई वाहन चोरों से मुठभेड़ गोली लगने से एक बदमाश घायल

जनवाणी संवाददाता |सहारनपुर: कुतुबशेर थाना पुलिस की शातिर वाहन...
spot_imgspot_img