जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने जीएसटी नेटवर्क को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत लाने का फैसला किया है। बता दें कि इस नियम के बाद अब जीएसटी से जुड़े आपराध के मामलों में प्रवर्तन निदेशालय सीधा दखल दे सकेगी। साथ ही जीएसटी नेटवर्क का पूरा डेटा भी ईडी से शेयर किया जा सकेगा।
बता दें कि केंद्र सरकार ने जीएसटी नेटवर्क को पीएमएलए के तहत लाने के लिए शनिवार एक अधिसूचना जारी की। जीएसटी कलेक्शन में होने वाली अनियमितताओं को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकेगा। क्योंकि जीएसटी से जुड़े अपराधों की जांच ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के रूप में कर सकेगी। इस फैसले के बाद फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लेना, फर्जी चालान आदि जैसे जीएसटी अपराध धन शोधन निवारण अधिनियम में शामिल होंगे।
दरसअल, काला धन अर्जित करने वालों पर लगाम कसने के लिए पीएमएलए साल 2002 में लाया गया था, जिसका मकसद गैर कानूनी काले धन को सफेद करने के तौर-तरीकों पर रोक लगाना है।
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