नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। प्रतिवर्ष अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। इस वर्ष यह व्रत आज यानी 4 अगस्त को है। अधिक मास में पड़ने की वजह से यह व्रत हर तीन साल में एक बार आता है।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत को करने से सफलता, सुख, समृद्धि और वास्तु दोष से मुक्ति मिलती है। तो आइये जानते हैं विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि के बारें में…
विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023 मुहूर्त
विभुवन संकष्टी चतुर्थी तिथि की शुरूआत: 4 अगस्त, शुक्रवार, दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से
विभुवन संकष्टी चतुर्थी तिथि की समाप्ति: 05 अगस्त, शनिवार, सुबह 09 बजकर 39 मिनट पर
विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा-विधि
विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन आप गणेश स्थापना करके गणपति बप्पा की पूजा करें। उनको गेंदे का फूल, उसकी माला, गुड़, मोदक आदि अर्पित करें। दूर्वा चढ़ाएं और सर्वमनोकामना पूर्ति गणेश मंत्र ओम गं गणपतये नम: और गणेश स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इससे आपके कार्य सफल होंगे। विघ्न और बाधाएं दूर हो जाएंगी।
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