- अभी तक नहीं लगा सुराग, पुलिस परेशान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बरेली जेल से इलाज के लिए आया बंदी मेडिकल कालेज अस्पताल से सोमवार फरार होने के बाद पुलिस अभी तक उसे पकड़ नहीं पाई है। फरार हुए बंदी को 36 घंटे से ज्यादा बीत गए, लेकिन पुलिस को बंदी का कोई खास सुराग हाथ नहीं लग पाया। पुलिस बरेली पुलिस से संपर्क कर बंदी के ठिकानों की तलाश में जुटी है।
बरेली जेल के बंदी आवला निवासी काले खां उर्फ तौफीक को पांच पुलिसकर्मियों ने शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर जेल अधिकारियों के निर्देश पर मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया था। काले खां एनडीपीएस एक्ट के मुकदमे में जेल में बंद था। सोमवार सुबह काले खां सुबह साढ़े सात बजे के आसपास पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया। बताते हैं कि सभी पुलिसकर्मी सो रहे थे। जिसका फायदा बंदी ने उठाया और वहां से फरार हो गया।
पुलिसकमियों की नींद खुली तो बंदी बेड पर नहीं था। मंगलवार को मेडिकल पुलिस ने फरार बंदी काले खां की गिरफ्तारी के लिए बरेली पुलिस से संपर्क किया। जहां से उसके पुराने मुकदमे में जानकारी सहित उसके ठिकानों व घर की जानकारी की, लेकिन 36 घंटे बीतने के बाद भी मेडिकल पुलिस को अभी तक बंदी का सुराग हाथ नहीं लगा है।
मेडिकल पुलिस बरेली पुलिस से लगातार फरार बंदी की धरपकड़ के लिए संपर्क बनाये हुए है। बरेली के इन पुलिसकर्मियों हेड कांस्टेबल खेम सिंह, कांस्टेबल राहुल, कांस्टेबल मौहम्मद यूसुफ, कांस्टेबल सुधांशु व कांस्टेबल आकाश और बंदी काले खां पर मेडिकल पुलिस ने धारा 223, 224 में मुकदमा दर्ज किया है।
गंभीर धाराओं में एफआइआर
युवती से छेड़खानी की एफआईआर का विरोध और पीड़ित से जबरन समझौते के लिए डराने धमकाने पर एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आरोपी का डूडा में ना केवल नौकरी करना बल्कि फाइलों तक उसकी पहुंच का होना गंभीर सवाल पैदा करता है। साथ ही सूरजकुंड स्थित डूडा कार्यालय में बैठने वाले अफसरों पर भी सवाल है कि जिस शख्स के खिलाफ थाना कंकरखेड़ा मे अपराधिक मामला दर्ज है, वह भला कैसे सरकारी नौकरी में लिया जा सकता है।
ये है पूरा मामला
कंकरखेड़ा के दायमपुर निवासी सतीश पुत्र सोनी ने गत 10 जुलाई 2019 में थाना कंकरखेड़ा पुलिस को सूचना दी कि गांव के सतीश, रोहित व मोनू उसको डरा धमका रहे हैं। दरअसल सतीश की बेटी कैंट स्थित एक स्कूल में पढने के लिए जाती थी। आरोप है कि गांव के कुछ आवारा किस्म के युवक उसकी बेटी से छेड़खानी करते थे। इसकी शिकायत सतीश ने थाना कंकरखेड़ा पुलिस से की।
जांच के बाद पुलिस ने छेड़खानी के आरोपियों सौरभ पुत्र रिषी, मोंटू पुत्र सतीश व प्रशांत पुत्र मीनू के खिलाफ छेड़खानी की गंभीर धाराओं में लिखा पढ़ी कर दी। पीड़ित का आरोप है कि इससे चिढ़ कर गांव के रोहित व सतीश आदि उससे दुश्मनी रखने लगे। इतना ही नहीं इन लोेगों ने छेड़खानी को लेकर जो मुकदमा कंकरखेड़ा थाना में कायम कराया था, उसको वापस लेने के लिए दवाब डालना शुरू कर दिया।
जब पीड़ित ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया तो आरोप है कि उसके साथ मारपीट की गयी। इस घटना को लेकर पीड़ित की तहरीर पर कंकरखेड़ा पुलिस ने रोहित, सतीश व एक अन्य के खिलाफ मुकदमा लिख दिया। इस मुकदमें नामजद रोहित डूडा दफ्तर में नौकरी कर रहा है। जबकि नियमानुसार ऐसा शख्स सरकारी नौकरी नहीं कर सकता जिसके खिलाफ कोई अपराधिक मामला चल रहा हो, लेकिन रोहित कर रहा है।
पिटबुल का आतंक, पीड़ित ने एसएसपी से लगाई गुहार
पिटबुल से परेशान पीड़ित परिवार ने एसएसपी रोहित सिंह सजवाण से मिलकर छुटकारा दिलाने की गुहार लगाई है। पीड़ित परिवार ने बताया कि वह इसकी शिकायत थाने पर की मगर, कोई सुनवाई नहीं हुई। आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकी लगातार दे रहे हैं। एसएसपी ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
बता दें कि थाना किला परीक्षितगढ़ क्षेत्र के ग्राम पसवाड़ा निवासी अंकित रुहेला पुत्र सुभाष रुहेला मां रेणु देवी के साथ मंगलवार को एसएसपी दफ्तर पहुंचे। शिकायती पत्र देते हुए बताया कि पड़ोस के रहने वाले दो भाई यूपी पुलिस में सिपाही हैं। जिन्होंने पिटबुल कुत्ता पाला हुआ है। दोनों भाई रौब गांठने के लिए पिटबुल कुत्ते को खुला छोड़ देते हैं। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पिटबुल कुत्ता गांव वालों पर हमला कर चुका है। 11 सितंबर को भी उन्होंने मामले की शिकायत डायल 112 की पुलिस से की थी,
लेकिन पुलिसकर्मियों को जब दो भाइयों के पुलिस विभाग में होने की जानकारी मिली तो वह बिना कार्रवाई के चले गए। वहीं पीड़ित परिवार ने बताया कि गांव के लोग मामले की शिकायत थाना पुलिस से भी कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अंकित रोहिल्ला ने दोनों सिपाही भाइयों पर धमकाने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए एसएसपी को शिकायती पत्र दिया। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।