- अनेक संगठनों की प्रशासन से अलाव जलवाए जाने की मांग
- खुले आसमान तले रात गुजारने वालों को अफसरों की नींद टूटने का इंतजार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ठंडी हवाओं का सितम जारी है। हाड़ कंपाने वाली ठंड से फिलहाल निजात मिलती नहीं दिख रही है। गुरुवार को भी कोहरे के साथ कड़ाके की ठंड और हवाओं का कहर जारी रहा। ऐसी ही ठंड पड़ती रही तो जिले के लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। गुरुवार सुबह भी मौसम का मिजाज ठीक नहीं रहा। घने कोहरे और गलन से दिन भर लोग कांपते नजर आए।
शाम के चार बजते ही शीतलहर का प्रकोप शुरू हो गया। शरीर को चीरने वाली ठंडी हवाओं और कुहासे से पारा और लुढ़क गया। चार बजे से ही कोहरे का असर साफ दिखने लगा। शाम होते-होते कोहरा घना होता देख मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न कस्बों और बाजारों में सन्नाटा पसर गया। ठंडी हवाओं के चलते बढ़ी गलन से बचने के लिए लोग घरों में दुबक गये।
पिछले कई दिन से लगातार पड़ रही कड़ाके की ठंड से कांप रहे जिले के गरीब वाशिदों के लिए अलाव का इंतजाम जिला प्रशासन मात्र रस्म अदायगी के तौर पर कर रहा है। सर्दी का सितम शुरू हो गया है। महानगर के अलग-अलग इलाकों में खुले आसमान के नीचे रात गुजरने को मजबूर लोगों को अलावा के लिए अफसरों की नींद टूटने का बेसब्री से इंतजार है। वहीं, दूसरी ओर अनेक संगठनों ने प्रशासन से सर्द रातों में चौराहों पर ड्यूटी करने वालों तथा खुले आसमान के नीचे रात गुजारने वालों के लिए अलावा का इंतजाम कराए जाने की मांग की है।
सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ ही महानगर के शहर और कैंट के इलाकों में दशकों से अलाव जलाने की रिवायत रही है। छावनी इलाके में कैंट बोर्ड और शहर में नगर निगम की ओर से सर्द रातों में अलाव के लिए लकड़ियां मुहैय्या करायी जाती हैं। इसके लिए बाकायदा शासन से बजट रिलीज किया जाता है। सर्दी का सितम शुरू हो गया है और अलावा के सहारे सर्द रातें गुजारने वालों को अलाव के जलने का ब्रेसब्री से इंतजार है। महानगर के कई ऐसे इलाके हैं जहां सर्दियां अलावा के सहारे ही गुजरती हैं।
इनमें से कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां 24 घंटे अलावा जला करता है। ऐसे अलावा जो 24 घंटे जलते हैं, वहां यदि प्रशासन की ओर से दी जाने वाली लकड़ियां यदि कम पड़ जाती हैं तो लोग आपस में सहयोग कर अपनी ओर से लकड़ियों का इंतजाम करते हैं ताकि सर्दी से बचाया जा सके। महानगर में कई ऐसे स्थान भी हैं जहां प्रमुख चौराहों पर सड़क से एक ओर हटकर लोग अलावा के सहारे सर्दी काटते हैं। ऐसे अलावा दिन रात जलते हैं।
इंसान ही नहीं बेजुबान भी
सर्द मौसम केवल इंसान ही नहीं बल्कि बेजुबान पशु जिनमें स्ट्रीट डॉग व गोवंश भी बड़ी संख्या में होते हैं।
सर्द रात गुजरने के लिए अलावा भी उनके लिए बड़ा सहारा होता है। सदर तथा कई अन्य इलाकों में कुछ लोग अपनी ओर से भी अलावा जलाने के लिए लकड़ियों का इंतजाम कराते हैं। जहां-जहां भी अलावा जलते हैं वहां जरूर कोई न कोई पशु जरूर आसपास मिल जाएगा।
प्रशासन से अलाव की मांग
अनेक संगठनों से जुड़े लोगों ने जिला प्रशासन से अलावा जलवाए जाने की मांग की है। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता व इस्माइल इंटर कालेज प्रबंध कार्यकारिणी के अध्यक्ष मनीष प्रताप, कांग्रेस के चौधरी यशपाल सिंह, रालोद के पूर्व मंत्री डा. मैराजुद्दीन अहमद, रालोद प्रवक्ता सुरेन्द्र शर्मा, भाजपा के युवा नेता अंकित चौधरी, एडवोकेट शक्ति सिंह, एडवोकेट मृदुला सिंह आदि ने भी अलावा जलवाए जाने की मांग की है।