- सब बेखबर, मेडा इंजीनियर ने मूंदी आंखे, छह माह से चल रहा अवैध निर्माण का कार्य
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एनएच-58 की सड़क के सेंट्रल से 150 मीटर तक ग्रीन वर्ज है। इसमें किसी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता। इसका भू-उपयोग भी परिवर्तित नहीं हो सकता। ये तस्वीर देखिये जो हाइवे पर स्थित ग्रैंड-5 की है, जहां पर 12 से 15 फीट ऊंची दीवारें ग्रीन वर्ज में खड़ी कर दी गई है। यहां लगातार अवैध निर्माण चल रहा हैं। ये पूरा ग्रीन वर्ज है। इसमें तमाम निर्माण कार्य चल रहे हैं, लेकिन ग्रीन वर्ज में चल रहे निर्माण कार्य भी मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों को दिखाई नहीं देते हैं।
हालांकि हर रोज इंजीनियरों की टीम यहीं से होकर गुजरती है। फिर भी ग्रैंड-5 पर इंजीनियर खास मेहरबान है। आखिर इस खास मेहरबानी की वजह क्या है? ये सब जगजाहिर है। महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय बेहद सख्त है और ईमानदार भी है, लेकिन बावजूद इसके इंजीनियर उपाध्यक्ष को भी गुमराह कर अवैध निर्माण करने से बाज नहीं आ रहे हैं। हाल ही में शहर में करीम होटल के निर्माण को लेकर मेरठ विकास प्राधिकरण की खासी किरकिरी हुई है।
इसमें इंजीनियर से लेकर अफसर तक को मुंह छुपाना पड़ा। ठीक वैसा ही मामला ग्रैंड-5 में चल रहा है। यह पूरा अवैध निर्माण ‘जनवाणी’ के फोटो जर्नलिस्ट ने अपने कमरे में कैद किया, जिसकी तस्वीर हम आपको दिख रहे हैं। ये तस्वीर मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर और ग्रैंड-5 के मलिक के बीच हुई सेटिंग की कलई खोलने के लिए काफी है। क्योंकि ये निर्माण एक दिन में नहीं हुआ, बल्कि पिछले छह माह से चल रहा है।
फिर भी कोई कार्रवाई इसमें इंजीनियर की तरफ से नहीं की गई। चालान तक नहीं काटा गया। इससे स्पष्ट है कि इसमें इंजीनियर की सेटिंग का खेल चल रहा हैं। अधिकारियों को भी गुमराह किया जा रहा हैं। ऐसा तब है जब प्राधिकरण उपाध्यक्ष अवैध निर्माण के मामले में बेहद सख्त हैं। फिर भी निर्माण ग्रीन वर्ज में कैसे होने दिया जा रहा हैं। पहले प्राधिकरण उपाध्यक्ष कह भी चुके है कि जो पहले अवैध निर्माण ग्रीन वर्ज में हो चुके हैं, उनके बाद कोई निर्माण यहां होता है तो उसके खिलाफ तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाएगी।
इंजीनियर भी इसकी रिपोर्ट उपाध्यक्ष को नहीं दे रहे हैं। फिर ये तो सीधे अवैध निर्माणकर्ता का दुस्साहस ही कहा जाएगा कि ग्रीन वर्ज में अवैध निर्माण लगातार करते जा रहे हैं। व्यापक स्तर पर ग्रैंड 5 में निर्माण कर दिया गया हैं। इतना बड़ा निर्माण भी इंजीनियरों को क्यों नहीं दिखा। बता दे कि जिस स्थान पर 15 फीट ऊंची दीवार बनाई गयी हैं, यहां पर पहले जर्मन हैंगर लगा था, जिसमें डेढ़ वर्ष पहले आग लग गयी थी। आग भीषण लगी थी, जिसके बाद पूरा जर्मन हैंगर जलकर राख हो गया था। उस दिन यहां पर विवाह समारोह भी चल रहा था।
इसी स्थान पर अब दीवार बनाकर टीनशेड या अन्य व्यस्था की जा रही है। टीन शेड डालने की भी कोई अनुमति मेरठ विकास प्राधिकरण से नहीं ली गई। ग्रीन वर्ज में कोई पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता, लेकिन यहां तो 15 फीट ऊंची दीवार कर दी गई हैं। पांच फीट से ऊंची दीवार ग्रीन वर्ज में नहीं की जा सकती, लेकिन यहां तो बड़ा अवैध निर्माण कर दिया गया हैं, फिर भी जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं।