- पुलिसकर्मियों की फिटनेस पर उठ रहे सवाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ पुलिस वालों की फिटनेस की बात की जाये तो उस पर कई सवाल उठते रहे हैं। पुलिसकर्मियों और दारोगाओं की तोंद निकले देख तो लोग उन्हें दूर तक सवाल भरी नजर से देखते हुए रह जाते हैं। सेहत के प्रति लापरवाह ये पुलिसकर्मी दौड़ लगाने में हांफते दिखाई देते हैं। दबिश के दौरान फरार अपराधियों का पीछा कर उन्हें पकड़ पाना, ऐसे पुलिसकर्मियों के फिटनेस पर सीधा सवाल है।
जिले में सिपाहियों से लेकर हेडकांस्टेबल और दारोगाओं की फिटनेस पर गौर किया जाये तो यूपी पुलिस में यह अपनेआप में बड़ा सवाल है। अक्सर थानों में या लाइन में तैनात सिपाहियों के शारीरिक मापदंड का आंकलन किया जाये तो यह बड़ा चौंकाने वाला है। अधिकांश सिपाहियों और हेडकांस्टेबिल के पेट अक्सर बाहर की ओर निकले हुए दिखाई देते हैं। कई पुलिसकर्मी या दारोगा की हालत ऐसी होती है कि उनकी तोंद उनके लिए हास्यापद बन जाती है। पुलिस लाइन मेें हर पुलिसकर्मी और दारोगा के लिए परेड में जाना अनिवार्य होता है।
हर शुक्रवार एक दारोगा और चार सिपाही का परेड में जाना नियत है। जिसमें सभी पुलिसकर्मियों को यूपी पुलिस की गाइडलाइन के मुताबिक लाइन में बने मैदान के 400 मीटर गोल सर्किल के चार चार चक्कर लगाने और जरूरी व्यायाम करने के निर्देश हैं। इसके बावजूद पुलिसकर्मियों और थानेदारों की तोंद कम होने का नाम नहीं ले रही। उनके फिटनेस की पोल उस समय खुल जाती हैं। जब वे चंद मीटर दौड़ते ही कुछ फासले पर हांफने लगते हैं। कोई धीरे-धीरे चलने लगता है। जैसे-तैसे एक चक्कर पूरा कर पाते हैं।
ज्यादतर पुलिसकर्मियों का वजन समय के साथ-साथ बढ़ता जा रहा है। उसके बाद भी ये न तो जिम जाने के लिए तैयार हैं न ही अनिवार्य व्यायाम की चिंता है। ऐसे पुलिसकर्मियों का शारीरिक मापदंड से ज्यादा है। अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिसकर्मियों की फिटनेस बहुत आवश्यक है। राज्य में कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सभी पुलिस कर्मियों की फिटनेस जरूरी है। जब सड़कों पर रोजाना ऐसे कई पुलिसकर्मी दिख जाते हैं। जिनकी तोंद निकली हुई हैं। तो उन्हें पुलिस लाइन में व्यायाम करने के लिए कहा जाता है।
हालांकि पुलिस लाइन में एक जिम की व्यवस्था है, लेकिन फिर भी पुलिस को फिटनेस को ध्यान में रखते हुए हर थाने में एक जिम की व्यवस्था यूपी पुलिस को करनी चाहिए। पुलिस थानों पर पुलिस कर्मचारियों के स्वास्थय को ध्यान में रखते हुए पुलिसकर्मियों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखना जरूरी है। स्वास्थय से बेपरवाह कई पुलिसकर्मियों को हार्ट अटैक के पुलिस तनाव के चलते अपनी ड्यूटी और स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। यही वजह है कि पुलिसकर्मी अब शारीरिक व्यायाम और जिम जाने से कतराते हैं।