- कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में ओलंपिक साइज का तरणताल के साथ नहीं बना प्रशिक्षण के लिये मिनी पूल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: क्रांतिधरा पर बीते 20 वर्षों में जहां एक ओर विभिन्न खेलों में खिलाड़ी मेडलों की बरसात करके खेल विभाग का नाम रोशन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर तैराकी के मामले में स्थिति बेहद निराशाजनक है। इसका कारण अच्छे तैराक तैयार करने के लिये सरकारी स्तर पर कोई प्रशिक्षण पूल न होने के रूप में सामने आया है। साथ ही अभी तक इस दिशा में कोई ठोस योजना धरातल पर उतारने के भी आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं।
यूं तो मेरठ में निजी स्तर पर विभिन्न तरणताल स्थापित कर उनमें तैराकों के लिये तमाम इंतजाम किये गये हैं। इधर सरकारी स्तर पर अभ्यास के लिये कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में ओलंपिक साइज का 50 मीटर का तरणताल है, जोकि अप्रैल से सितंबर तक अभ्यास के लिये खोला जाता है या फिर विभिन्न तैराकी प्रतियोगिताओं या ट्रायल के लिये इसे समय रहते तैयार कर दिया जाता है,
लेकिन इसकी गहराई अधिक होने के कारण नये प्रशिक्षुओं के लिये इसमें उतरना संभव नहीं है। ऐसे में मेरठ की धरती से तैराकी में सोने का तमगा हासिल करने की दिशा में प्रयास न के बराबर ही हैं। जानकारों की माने तो जिले में प्राइवेट स्तर पर 50 से अधिक प्राइवेट तरणताल हैं जो तय फीस लेकर सुविधाएं देते हैं। इनमें करण पब्लिक स्कूल, विक्टोरिया पार्क, एलेजेंडर क्लब आदि प्रमुख रूप से जाने जाते हैं।
तैराकी के प्रशिक्षण के लिये सरकारी स्तर पर मिनी साइज के लर्निंग पूल के संबंध में कैलाश प्रकाश खेल मैदान के प्र. क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्र पाल सिंह से बात करने पर पता चला कि हाल फिलहाल में ऐसी किसी योजना पर काम नहीं चल रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्य तरण-ताल अभ्यास के लिये अप्रैल माह में खोला जाता है,
जोकि इस बार तैराकी के राज्यस्तर ट्रायल के लिये थोड़ा पहले खोला जा रहा है। ट्रायल 20 और 21 तारीख को होना है। ट्रायल की तैयारियों को लेकर तैराकी कोच चंचल ने बताया कि पूल में तीन दिन पहले ही पानी भरा गया था, जिसे समय-समय पर बदला जाता है। साफ-सफाई नियमित की जाती है।