- न्यायालयों में लगाए जाए सीसीटीवी कैमरे, अधिवक्ता महासम्मेलन में कई बिंदुओं पर मंथन, 24 प्रस्ताव पास
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिला बार एसोसिएशन की ओर से प्रदेश के सभी जनपदों की बार के पदाधिकारियों का अधिवक्ता सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें तमाम जिलों के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, मंत्री और अधिवक्ताओं ने शिरकत की। इस दौरान सम्मेलन की अध्यक्षता जिला बार एसोसिशएन के अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने की। संचालन मंत्री आनंद कश्यप ने किया। सम्मेलन में उपस्थित हुए समस्त बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व मंत्री के विचारों के बाद 24 प्रस्ताव पारित किए गए। वहीं, कई बिंदुओं पर मंथन हुआ। अधिवक्ताओं के हक के लिए तमाम तरह के फैसले लिए गए।
महात्मा गांधी सभागार में शुक्रवार को आयोजित हुए अधिवक्ता सम्मेलन में अधिवक्ताओं की मूलभूत जरूरतों, बार और बेंच के बीच विवाद का कारण बनने वाले मुद्दों, संपूर्ण उत्तर प्रदेश बार एसोसिएशन से समन्वय के लिए एक समिति का गठन किए जाने व राज्यसभा और विधान परिषद में अधिवक्ता प्रतिनिधि भेजने समेत कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मंथन हुआ। सम्मेलन के लिए जिला बार के लाल बहादुर शास्त्री सभागार और बाहर बैठने के लिए व्यवस्था की गई थी। जिनके लिए कई स्क्रीन लगाई गई थी।
एसोसिएशन के मंत्री आनंद कश्यप ने बताया कि सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि प्रदेश के समस्त अधिवक्ताओं की मूलभूत व मौलिक आवश्यकतों की पूर्ति और अधिवक्ताओं के सामने आ रही प्रदेशव्यापी समस्याओं के संबंध में निराकरण के लिए एक प्रदेश स्तरीय समिति का नामकरण किया गया। जिसका नाम संयुक्त बार एसोसिशएन आॅफ उत्तर प्रदेश होगा। इसका उद्देश्य अधिवक्ताओं की समस्याओं को बार काउंसिल आॅफ इंडिया, बार काउंसिल आॅफ उत्तर प्रदेश, केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष प्रभावशाली तरीके से उठाते हुए उसका निराकरण कराना होगा।
इसके अलावा यह भी प्रस्ताव पास किया गया कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा के दृष्टि से विधि आयोग में विचाराधीन एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जल्द से जल्द लागू किए जाने के लिए आवश्यक व प्रभावी कार्रवाई की जाए। अधिवक्ताओं के बैठने के लिए स्थायी व्यवस्थित चैंबर और वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जाए। अधिवक्ताओं को सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना और अधिवक्ता की मौत के बाद मिलने वाली सामूहिक टर्म पॉलिसी के अंतर्गत अच्छादि किया जाए। राज्य सभा और विधान परिषद में अधिवक्ताओं के लिए अधिक से अधिक सीट आरक्षित की जाए।
प्रदेश के सभी जनपद न्यायालय में पहले से गठित मॉनिटरिंग सेल की बैठक में बतौर सदस्य बार एसोसिशएन के अध्यक्ष व मंत्री को भी शामिल किया जाए और बैठक माह में दो बार आयोजित की जाए। इसके अलावा शिकायत निवारण समिति में सभी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व मंत्री के साथ-साथ संबंधित जनपद के एसपी व जिलाधिकारी को बतौर सदस्य नामित किया जाए। जनपद न्यायालयों में रिक्त न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति किया जाना न्यायहित में होगा, इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाए।
सभी न्यायालयों में सीसीटीवी कैमरे लगे जाए। जनपद न्यायालय में एक पृथक जमानत सत्यापन केंद्र की स्थापना की जाए। नए अधिवक्ताओं के लिए 10 हजार रुपये मासिक स्टाइपेंड और 60 साल के ऊपर अधिवक्ताओं के लिए 25 हजार रुपये मासिक बतौर पेंशन प्रदान किए जाने की कार्रवाई की जाए। प्रदेश के निर्धन वादकारियों को सम्यक न्याय दिलाने के लिए प्रत्येक प्रदेश मुख्यालय में सर्वोच्च न्यायालय की एक विशेष खंडपीठ तथा प्रदेश के प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद की विशेष खंडपीठ का गठन किया जाए।
इन जनपदों से आए बार एसोसिएशन के अधिवक्ता
अधिवक्ता सम्मेलन में गोरखपुर से पूर्व महामंत्री नरेंद्र द्विवेदी, एडवोकेट रामकृष्ण दीक्षित, प्रभात शुक्ला, अमित पांडे, अनिमेश मिश्रा, सीतापुर से नीरज मिश्रा, औरैया से पंकज मिश्रा, आजमगढ़ से कुमार पांडे, बनारस से अवधेश सिंह, लखनऊ से अंजलि, प्रयागराज से राजेंद्र प्रसाद, गौरी शंकर चतुर्वेदी, राजेंद्र मिश्रा, सीतापुर से विकास यादव, सिद्धार्थनगर से इंद्र कुमार सिंह, औरैया से शैलेश कुमार, भदोही से सुरजीत सिंह, बलिया से रणजीत सिंह, हमीरपुर से भगवान दास दीक्षित, अंबेडकर नगर से केडी मिश्रा, मऊ से संजय सिंह, मिर्जापुर से संजय उपाध्याय, बिजनौर से यशपाल सिंह, सिद्धार्थनगर से सुशील, देवरिया से प्रवीण द्विवेदी, सहारनपुर से विपिन मौर्य, कुशीनगर से विवेकानंद मिश्रा, बाराबंकी से सत्यदेव सिंह, आगरा से अजय सागर, बांदा से राम प्रकाश, महोबा से वीरेंद्र मांझी, हाथरस से मनीष कौशल, महाराजगंज से रामराज चौधरी, मुरादाबाद से प्रदीप सिंह, शामली से ब्रह्म सिंह चौधरी, नसीम अहमद, नजीबाबाद से जावेद सिद्दीकी, गढ़ से राजवीर सिंह, मुजफ्फरनगर से प्रमोद त्यागी, विजेंद्र मलिक, गढ़मुक्तेश्वर से हरवीर सिंह, बागपत से नरगिस परवीन, बदायूं से सत्य प्रकाश, हापुड़ से रामनिवास सिंह, कानपुर से नरेश चंद्र त्रिपाठी, लखीमपुर खीरी से अवधेश सिंह, चंदौसी से नजर कुरैशी और संभल से सुनील सिंह समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल हुए।