- मेरठ महोत्सव की चौथी शाम सूफी गायिका हर्षदीप कौर के तरानों से सजी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ महोत्सव की चौथी शाम सूफी गायिका हर्षदीप कौर के तरानों से सजी। कार्यक्रम का आरंभ स्कूली बच्चों द्वारा कार्निवल डांस से किया गया। जिसमें बच्चों द्वारा हैरतअंगेज करतब दिखाए गए। जिसके बाद अयोध्या रामायण दर्शन के बाद देशभक्ति से ओतप्रोत रंगबिरंगी लाइट की छठा बिखरेती लेजर लाइट शो हुआ। जिसके बाद सूफी सुल्तान ने लोकप्रिय गीत जुगनी जी के साथ स्टेज पर एंट्री की।
उन्होंने आज दिन चढ़ेया, हीर हीर न करियों…गाकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। रे कबीरा…गीत गाकर उन्होंने पंडाल में मौजूद लोगों का मन मोह लिया। बुल्ला की जाना में कौन…गाकर सभी श्रोताओं में जोश भर दिया व बेटियों के लिये राजी फिल्म का दिलबारों गाना गाया। वहीं, पंजाबी गानो में नित खैर मंगदा, अखियां उदेख दिया, कतिया करूं आदि गाने गाए। इस सुरों की शाम में उन्होंने मोहम्मद रफी साहब के 100वें जन्मदिन पर श्रद्धांजलि देते हुए समर्पित किया। उन्होंने कहा कि मेरठ की यह शाम हमेशा याद रहेगी, जब तक है जान।
खूब हुई जुगलबंदी
लाइव परफॉरमेंस के दौरान द इंडिया वाइस के विनर सुमित सैनी और सूफी सुल्तान की जुगलबंदी खूब पसंद की गयी। इस दौरान उन्होंने राहत फतेह अली खान का गाना सांसों की माला पर सिमरू मैं पी का नाम गाकर श्रोताओं के दिल तक पहुंची। जिसके बाद ये जवानी है दीवानी से अपना लोकप्रिय गीत कबीरा गाया। जिस पर सभी श्रोताओं ने अपने फोन की फ्लैश लाइट से उनका साथ दिया। इस मौके पर वन्स मोरे के साथ कौर को दोबारा यह गाना फरमाइश पर गाना पड़ा।
देश में सबसे ज्यादा म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट मेरठ के
हर्षदीप कौर ने कांसेर्ट के दौरान बताया कि वो मेरठ के पड़ोस दिल्ली की बेटी है। उनके पिता की वाद्य यंत्रों की फैक्ट्री है। इस सिलसिले में कई बार मेरठ आना हुआ। मेरठ की प्रशंसा करते हुए कहा कि पूरे देश में सबसे ज्यादा म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट मेरठ के ही है। मेरठ एक ऐतिहासिक और कल्चरल शहर है। यह शहर गानों के प्रेमियों का शहर है। उन्होंने कहा कि मेरठ की यह शाम हमेशा याद रहेगी, जब तक है जान।
पैरों में अंगारे बांधे सीने में तूफान भरे, आंखों में दो सागर आंजे…
मेरठ: मेरठ महोत्सव के तीसरे दिन भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष की पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय कवि डा. हरिओम पंवार, अनामिका जैन अंबर, नवाज देवबंदी, पापुलर मेरठी, सौरभ जैन सुमन, सत्यपाल सत्यम, सुमनेश सुमन समेत देश की प्रसिद्ध हस्तियों ने काव्य पाठ किया। कवयित्री कोमल रस्तोगी के संयोजन एवं संचालन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. दयाशंकर मिश्र दयालु आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की उपस्थिति रही।
उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का प्रारंभ करते हुए कहा कि अटलजी का व्यक्तित्व शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। भारतीय राजनीति में पथ प्रदर्शक की भूमिका में सदैव अटल को याद किया जाता रहेगा। इस अवसर डा. हरिओम पंवार ने पढ़ा कि पैरों में अंगारे बांधे सीने में तूफान भरे, आंखों में दो सागर आंजे, कई हिमालय शीश धरे मैं धरती के आंसू का संत्रास नही तो क्या गाऊ, खूनी तालिबानों का इतिहास नहीं तो क्या गाऊ, आगामी तूफानों का आभास नहीं तो क्या गाना। अनामिका जैन अम्बर ने पढ़ा कि जहां पर सच दया सम्मान और ईमान रहता है,
वही जाकर वो अल्लाह और वो भगवान रहता है। पॉपुलर मेरठी ने पढ़ा कि जय राम तुम भी आओ सुलेमान तुम भी आओ, ऐसा कोई ना कह सके हम सब में फूट है। नवाज देवबंदी ने पढ़ा कि खुद ही 100 रास्ते निकलते हैं, जब कोई रास्ता नहीं होता। कवि सौरभ जैन ने पढ़ा कि इस क्रांतिधरा में भड़की दबी हुई इक चिंगारी, काली पलटन ने अंग्रेजी बेड़ी का ताला खोला था। कोमल रस्तोगी ने पढ़ा कि रण बीच दुंदुभि बाजेगी नभ में गूंजेगा शंखनाद, यह युद्ध एक अंतिम होता है जाएंगे सब दुख विषाद।
पुरस्कार मिले…महिला प्रधानों के चेहरे खिले
किठौर: ग्राम पंचायत, पंचायतराज विभाग की बेसिक ईकाई है। इसका कार्यक्षेत्र सीमित और संकुचित होता है। खंड विकास कार्यालय ग्राम पंचायतों का मुख्यालय होता है और वहीं से तमाम योजनाएं कार्यान्वित होती हैं। ऐसे में विशेष विकास कार्यों के लिए जिलास्तर पर पहचान बनाना किसी भी प्रधान की बड़ी उपलब्धि है। पेश है जिले की उन चुनिंदा महिला ग्राम प्रधानों की रिपोर्ट जो तमाम रिवायतें तोड़ अपने खास विकास कार्यों के दम पर मेरठ मोहत्सव में पुरस्कृत हुईं। पुरस्कार मिले तो उनके चेहरे खिल गए।
क्रांतिधरा के भामाशाह मैदान में (21 से 25 दिसंबर) पांच दिवसीय मेरठ महोत्सव में मंगलवार को जिले की उन नौ महिला ग्राम प्रधानों को राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी और कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने पुरस्कृत किया जिन्होंने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत सतत विकास लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए अपने गांवों में विशेष विकास कार्य कराए। इनमें परीक्षितगढ़ ब्लॉक से नंगला गौसाई की ग्राम प्रधान सरिता सिंह को गांव के आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे के विकास, ग्राम पंचायत निधि से गांव में शूटिंग रेंज निर्माण के लिए, असीलपुर की ग्राम प्रधान खालिदा बेगम को स्वनिधि से औषधीय वन लगवाने के साथ गांव को स्वच्छ व हरा भरा बनाने और सिकंदरपुर (कालीनगर) की ग्राम प्रधान सुषमा को जल के समुचित दोहन व पर्याप्त जलयुक्त गांव बनाने के लिए पुरस्कृत किया गया।
वहीं, माछरा ब्लॉक से नंगली किठौर की ग्राम प्रधान बृजबाला तम्बाकू मुक्त स्वस्थ गांव, खरखौदा ब्लॉक से कैली की ग्राम प्रधान मनीषा सामाजिक रूप से सुरक्षित एवं न्यायसंगत गांव, रजपुरा ब्लॉक से अम्हेड़ा आदिपुर की ग्राम प्रधान रिचा सिंह गरीबी मुक्त गांव बनाने के लिए पुरस्कृत हुईं। ब्लॉक जानीखुर्द से घाट ग्राम प्रधान अनीता बाल हितैषी, ब्लॉक सरधना के कुशावली गांव से प्रधान हेमलता महिला हितैषी और ब्लॉक मेरठ के मोहिउद्दीनपुर से ग्राम प्रधान विमला देवी सुशासन वाला गांव के लिए पुरस्कृत की गईं। पुरस्कार मिलते ही महिला ग्राम प्रधानों के चेहरे खुशी से खिल गए। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अपर मुख्य सचिव पंचायतराज नरेंद्र भूषण और निदेशक पंचायतराज अटल कुमार राय विभागीय समीक्षा बैठक में व्यस्तता के कारण मेरठ नहीं पहुंचे मगर मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल, जिला पंचायतराज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव मौजूद रहीं।