नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार,माघ का महीना शुरू हो गया है। सनातन धर्म में इस महीने को विशेष महत्व दिया गया है। वहीं, इस माह में स्नान,दान और पूजा पाठ को अत्यधिक शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मास में भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है। साथ ही, इस महीने में किए गए कुछ विशेष कार्यों से व्यक्ति को पुण्य लाभ प्राप्त होता है। तो चलएि जानते हैं माघ मास में कौन-कौन से कार्य शुभ माने गए हैं और उनका क्या महत्व है?
अवधि
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास हिंदू वर्ष का ग्यारहवां महीना है। यह महीना तब शुरू होता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं, और माघ मास 12 फरवरी तक रहेगा।
शुभ कार्य
भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा
माघ महीने में भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की उपासना करना शुभ माना जाता है। इससे मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।
भोजन और दान का महत्व
इस माह में घर आए किसी भी व्यक्ति को भूखा न जाने दें। जरूरतमंदों को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करना पुण्यकारी माना गया है।
सात्त्विक जीवनशैली अपनाना
माघ मास में तामसिक भोजन से परहेज करें और पवित्र नदियों में स्नान करें। इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।
मन की शुद्धता और साधना
इस महीने में मन को शांत और स्वच्छ रखना चाहिए। किसी को कठोर शब्द कहने से बचें और साधना में मन लगाएं।
तिल और गुड़ का सेवन
माघ मास में तिल और गुड़ का सेवन स्वास्थ्य और धार्मिक दृष्टि से लाभकारी माना गया है। इससे सूर्य और शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
पद्म पुराण में माघ मास का महत्व
“प्रीतये वासुदेवस्य सर्वपापनुत्तये।
माघ स्नानं प्रकुर्वीत स्वर्गलाभाय मानवः।।”
इसका अर्थ है कि भगवान वासुदेव को प्रसन्न करने और पापों से मुक्ति पाने के लिए माघ मास में पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से स्वर्ग की प्राप्ति संभव होती है। माघ मास का यह पवित्र समय आत्मिक और सामाजिक कल्याण के लिए उपयुक्त है। इसे धर्म, पुण्य, और साधना का मास माना गया है।
व्रत-त्योहार की सूची
14 जनवरी 2025 – मकर संक्रांति, पोंगल, उत्तरायण
17 जनवरी 2025 – सकट चौथ
25 जनवरी 2025 – षटतिला एकादशी
27 जनवरी 2025 – मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
29 जनवरी 2025 – माघी अमावस्या, मौनी अमावस्या
1 फरवरी 2025 – विनायक चतुर्थी
2 फरवरी 2025 – बसंत पंचमी
4 फरवरी 2025 – नर्मदा जयंती
8 फरवरी 2025 – जया एकादशी
9 फरवरी 2025 – प्रदोष व्रत
12 फरवरी 2025 – माघ पूर्णिमा व्रत, कुंभ संक्रांति, गुरु रविदास जयंती