Wednesday, January 22, 2025
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आज राज्यसभा में पेश होंगे कृषि विधेयक, सरकार को 122 वोटों की जरूरत

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: सरकार के पुराने सहयोगी दलों की नाराजगी और किसानों के साथ विपक्ष की लामबंदी के बीच रविवार को कृषि से संबंधित तीनों विधेयकों पर राज्यसभा में चर्चा और मतदान होगा। लोकसभा से पारित विधेयकों को राज्यसभा में पास कराना सरकार के लिए चुनौती है।

राज्यसभा में बहुमत का गणित सरकार के पक्ष में है, लेकिन अकाली दल का मुखर विरोध दूसरे सहयोगियों पर असर डाल सकता है। वहीं, एनडीए से बाहर लेकिन आमतौर पर सरकार का साथ देने वाले दलों का रुख भी विधेयक को रोकने या पास कराने में भूमिका निभाएगा।

कृषि विधेयकों पर जमकर विरोध जता रहे विपक्षी दल खासकर कांग्रेस की कोशिश इसे राज्यसभा में रुकवाने की है। विपक्षी दल विधेयक को किसान विरोधी ठहरा रही है। जबकि प्रधानमंत्री के साथ पूरी सरकार की कोशिश विधेयक को पास कराने और इसे किसानों का हितैषी बताने की है।

राज्यसभा में इस विधेयक पर मतदान से सरकार की ताकत और रणनीति का अंदाजा भी लगेगा। साथ इस विधेयक और किसानों के साथ कौन से दल खड़े हैं इसका खुलासा होगा।

245 सदस्यों वाली राज्यसभा में भाजपा 86 सांसदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। इस समय 9 स्थान रिक्त हैं। तीनों विधेयकों को पास करवाने के लिए सरकार को कम से कम 122 वोट की जरूरत पड़ेगी।

सरकार को उम्मीद है कि एनडीए से बाहर के  बीजू जनता दल के 9, एआईएडीएमके के 9, टीआरएस के 7 और वाईएसआर कांग्रेस के 6, टीडीपी का एक और कुछ निर्दलीय सांसदों की मदद से तीनों विधेयकों को पास करा लेगी। विपक्षी दलों के साथ अकाली दल के तीन सदस्य भी जो दिए जाएं तो संख्या सौ के पास पंहुचती है।

हरसिमरत कौर का इस्तीफा ‘असफल नाटक’: ढींढसा

अकाली दल के बागी नेता सुखदेव सिंह ढींढसा ने किसानों से जुड़े कृषि विधेयकों के विरोध में मोदी सरकार की कैबिनेट से हरसिमरत कौर के इस्तीफे को ‘असफल नाटक’ बताया है। उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) का असली चेहरा उजागर हो गया।

ढींढसा ने पूछा कि हरसिमरत ने तब इस्तीफा क्यों नहीं दिया, जब केंद्रीय कैबिनेट ने जून में किसानों से संबंधित इन विधेयकों को मंजूरी दी थी। कुछ महीने पहले एसएडी से अलग होकर शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) नाम से नई पार्टी बनाने वाले ढींढसा ने कहा, मोदी कैबिनेट से इस्तीफा से देकर हरसिमरत कौर सिर्फ नाटक कर रही हैं।

पंजाब के किसानों के सामने उनकी पार्टी का चेहरा बेनकाब हो गया है। राज्य की जनता और किसान इसके लिए कभी भी अकाली दल को माफी नहीं करेंगे। गौरतलब है कि कृषि विधेयकों का विरोध करते हुए हरसिमरत ने बृहस्पतिवार को मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।

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