जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: बिहार सरकार ने राज्य के लाखों शिक्षकों को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने राज्य के लगभग 3.5 लाख शिक्षकों के मूल वेतन में 15 फीसदी वेतन वृद्धि करने की घोषणा की है।
इसके साथ ही वेतन वृद्धि की यह सुविधा राज्य के पुस्तकालयाध्यक्षों को भी मिलेगी। राज्य के शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को यह सुविधा 1 अप्रैल 2021 के प्रभाव से मिलेंगी।
इससे पहले बीते साल अगस्त 2020 में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने पंचायती राज संस्थानों एवं नगर निकाय संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को मिलने वाले वेतन में 15 फीसदी वृद्धि का संकल्प जारी किया था।
इसके लिए प्रस्ताव राज्य के वित्त विभाग को भी भेजा गया था। वित्त विभाग की स्वीकृति मिलने के बाद अब जाकर शिक्षा विभाग ने इसके लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं और इसे बिहार गजट में शामिल करने के लिए कहा है।
39,200 तक मिलेगा अधिकतम मासिक वेतन
वेतन वृद्धि के लागू होने के बाद प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के प्रशिक्षित शिक्षकों के वेतन में तीन से चार हजार रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी। अनुमान है कि इससे उनका मासिक वेतन 39,200 तक हो जाएगा।
हालांकि, इस प्रक्रिया में अब भी काफी समस्या सामने आने की बात कही जा रही है। वेतन की संरचना को निर्धारित करने के लिए विभाग द्वारा जिस कैलकुलेटर का प्रयोग किया जाता है, वह अब तक तैयार नहीं हो पाया है। इस कारण इस वेतन वृद्धि की प्रक्रिया को शुरू होने में अब भी समय लग सकता है।
शिक्षा विभाग के अनुसार कैलकुलेटर के तैयार हो जाने के बाद शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को वेतन वृद्धि की यह सुविधा दी जाएगी।
इस वेतन वृद्धि का निर्धारण विभाग द्वारा 2017 में निर्धारित की गई पे मैट्रिक्स में प्राप्त मूल वेतन में 1.15 गुणा करके किया जाएगा। इस मामले पर काफी रोष भी देखने को मिल रहा है।
शिक्षकों का कहना है कि एक साल की देरी से यह सुविधा शुरू की गई है, लेकिन इसमें कई ऐसे पेंच फंसा दिए गए हैं जिससे इस प्रक्रिया को पूरा होने में काफी समय लग जाएगा।