- मेडिकल प्रशासन की बड़ी लापरवाही, शव के लिए घंटों खाते रहे धक्के
- शव मिलने पर देरी में गांव वालों ने मोर्चरी पर किया जमकर हंगामा, उसके बाद भी लगा दिए दो घंटे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना संक्रमित महिला की मौत के करीब 10 घंटे तक मेडिकल प्रशासन ने परिजनों को खबर तक नहीं दी। गांव के कुछ लोग जब मेडिकल से लौटे तब उन्होंने महिला की मौत की खबर परिजनों को दी। रोते बिलखते परिजन मेडिकल पहुंचे, लेकिन उसके बाद भी शव के लिए इधर-उधर धक्के खाते रहे। इसकी खबर जब गांव वालों को मिली तो वो मेडिकल पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। उसके बाद भी शव देने में दो घंटे लगा दिए।
ये पूरा मामला किठौर थाना के अंबेड़ा सैनी निवासी मुनेश पत्नी प्रमोद से जुड़ा है। 23 सितंबर को वह मेडिकल आयीं थी। उन्हें शुगर की शिकायत थी, लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें एडमिट करा दिया गया। मृतक के पति का कहना है कि एडमिट करने के बाद मेडिकल के स्टाफ ने एक बार भी मुनेश से परिजनों की बात नहीं करायी।
उनकी तबीयत ऐसी नहीं थी कि मौत हो जाए। उन्होंने बताया कि मौत की खबर मिलने पर उन्होंने डेड बॉडी इंचार्ज डा. सुधीर राठी से बात की। उनके रिश्तेदार भाजपा नेता आकाश तोमर ने भी डा. राठी से बात की। आकाश तोमर ने बताया कि समय देने के बाद भी डा. राठी नहीं पहुंचे।
मोर्चरी पर दर्ज समय के अनुसार शनिवार सुबह 10 बजे मुनेश का शव वहां लाया गया। उससे करीब तीन घंटे पहले मौत होने की बात कही जा रही है, लेकिन परिजनों को देर शाम तक मौत की खबर नहीं दी गयी।
ये पहला मामला नहीं
मेडिकल को कोरोना आइसालेशन वार्ड में भर्ती मरीजों की मौत की खबर परिजनों को देने में देरी व लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें संक्रमित की मौत की खबर परिजनों को नहीं दी गयी। कई मामलों में तो शव घंटों वार्ड में बेड पर अन्य संक्रमितों के बीच पडे रहे। इसको लेकर हंगामा होता तो दो चार दिन तो असर दिखाई देता उसके बाद फिर वही रवैया शुरू हो जाता।
सीख लेने को तैयार नहीं मेडिकल प्रशासन
करीब एक पखवाड़ा पूर्व मेडिकल में कोरोना संक्रमितों के शव बदलने को लेकर जमकर बबाल हुआ था। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया था। मेडिकल की एक स्टाफ नर्स सस्पेंड कर दी गयी थी। तब शवों को लेकर हालात सुधारने का दावा मेडिकल प्रशासन की ओर से किया गया था, लेकिन हालात कितने सुधरे इसका अंदाजा अंबेड़ा सैनी की मुनेश की घटना से लगाया जा सकता है। जहां तक कोरोना वार्ड की बद इंतजामी की बात है तो इससे जुड़ी घटनाओं की एक लंबी फेरिस्त है।
कोरोना से महिला की मौत, सामान गायब
कोरोना वायरस लगातार लोगों की जान ले रहा है। सरधना में एक महिला कोरोना की चपेट में आकर मौत की शिकार हो गई। जिससे उसके परिवार में कोहराम मच गया। मगर इस परिवार का दर्द यहां कम नहीं हुआ। आरोप है कि महिला के सोने का लोकेट व मोबाइल उन्हें नहीं मिला है।
पीड़ित पक्ष ने मामले की शिकायत करते हुए सामान दिलाने की मांग की है। बिनौली रोड भारतीय जैन मिलन हॉस्पिटल परिसर में रहने वाले संजय ने बताया कि एक सितंबर को उसकी मां मीना देवी को बुखार आया था। जांच कराई तो पता चला कि वह कोरोना से संक्रमित हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें मुलायम सिंह यादव अस्पताल में भर्ती करा दिया।
हालत बिगड़ने पर मेडिकल में रेफर कर दिया गया। इस बीच परिवार की महिला से कोई मुलाकात नहीं हो सकी। चार दिन पूर्व यानी बीती 22 सितंबर की रात को फोन पर कहा गया कि महिला की मौत हो गई है। महिला की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। परिजन मेडिकल पहुंचे और सारी प्रक्रिया पूरी करके शव ले आए।
अंतिम संस्कार के बाद परिवार को सुध आई तो उन्होंने सामान की जानकारी हासिल की। संजय के अनुसार उन्हें सारा सामान मिल गया। मगर मां के गले में पड़ा सोने का लोकेट व मोबाइल नहीं मिला है। उन्होंने इस संबंध में मेडिकल में शिकायत करते हुए सामान दिलाने की मांग भी की है।
अभी तक उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। वहीं, सीएचसी प्रभारी डा. राजेश कुमार का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है, लेकिन वह उनके अधिकार क्षेत्र का नहीं है। उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।