Wednesday, January 22, 2025
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अनुज कर्णवाल हत्याकांड का पटाक्षेप, पांच गिरफ्तार

  • चचेरी बहन ​भगाने की रंजिश में हुई अनुज की हत्या
  • मुख्य आरोपी पुलिस पकड़ से बाहर, खुलासे को लेकर उठ रहे सवाल

जनवाणी संवाददाता |

मुजफ्फरनगर: चर्चित अनुज कर्णवाल हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा करते हुए पांच लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि मुख्य तीनों आरोपी अभी भी पुलिस पकड़ से बाहर हैं।

पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है। पुलिस के अनुसार अनुज की हत्या लड़की को भगाने की रंजिश में की गई है। पुलिस लाइन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि थाना भोपा के मोरना निवासी अनुज कर्णवाल उर्फ बबला पुत्र सुशील कर्णवाल जो मोरना में मेडिकल की दुकान करता था।

अनुज की 17 सितम्बर को शाम को कस्बा मोरना में दुकान से घर जाते समय अज्ञात बदमाशों द्वारा रास्ते में गाली मारकर घायल कर दिया था, जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी।

इस संबंध में मृतक के भाई ने तीन अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि इस मामले के खुलासे के लिए भोपा पुलिस के अलावा क्राईम ब्रांच को भी लगाया गया था। जांच के दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि अनुज की हत्या अजीत पुत्र हिन्दपाल, कपिल पुत्र पवन निवासीगण कस्बा मोरना तथा राहुल यादव पुत्र राजपाल निवासी ग्राम भेडाहेडी थाना भोपा तथा आशीष उर्फ टिंकू पुत्र योगेन्द्र निवासी ग्राम शुकतारी थाना भोपा के द्वारा की गई है।

पुलिस ने एक आरोपी आशीष उर्फ टिंकू को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने मामले का पटाक्षेप हो गया। पुलिस के अनुसार आशीष, अजीत, राहुल व कपिल आपस में दोस्त है।

आशीष वर्ष 2010 में हत्या के अभियोग में थाना भोपा से जेल गया था, उसी दौरान अभियुक्त अजीत से दोस्ती हुई जो कि लूट आदि के मुकदमो में जेल गया था, तभी से आपस में दोस्ती थी और अक्सर वह टिंकु के खेत पर बैठकर नशा करते थे। अब अजित का एक लडकी से प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिससे कुलदीप निवासी कपसाड थाना सरधना जनपद मेरठ भी सम्पर्क में आने का प्रयास करने लगा।

यह बात अजीत को पता लगी तो अजीत ने कुलदीप को फोन करके कई बार धमकाया, लेकिन कुलदीप नही माना तब 30 अगस्त 2020 को अजीत, राहुल, कपिल तथा आशीष कस्बा मोरना से दौराला मेरठ गए, जहां अजित ने फोन करके कुलदीप को मिलने के लिए बुलाया।

उन्होंने पुलिस को बताया कि विवाद होने पर कुलदीप को गोली मार दी। उसके बाद मेरठ व मुजफ्फरनगर की पुलिस घरों पर दबिश देकर तलाश करने लगी तो वह मोरना/शुकतारी के जंगलो में ही छिपे रहे, जहाँ राहुल का चाचा ब्रजपाल उर्फ बिजू निवासी भेडाहेडी थाना भोपा व अजीत का चाचा सोहनवीर निवासी मोरना उनके खाने आदि की व्यवस्था करता रहा।

उन्होंने बताया कि 17 सितम्बर को अजीत, राहुल, कपिल व आशीष खेत पर बैठे थे, तो अजीत ने कहा कि पुलिस पीछे पड़ी है। जेल तो जाना ही है। जेल जाने से पहले अनुज कर्णवाल उर्फ बबला को सबक सिखाना है। अनुज कर्णवाल उर्फ बबला के बडे भाई हरिकान्त का साला आदित्य, अजीत के चाचा सोहनवीर की लडकी को लेकर चला गया था।

जिसके सम्बन्ध में थाना भोपा पर मुकदमा दर्ज हुआ था। अपने चाचा की लड़की को वापस करने के लिये अजीत ने काफी बार हरिकान्त व अनुज कर्णवाल उर्फ बबला से कहा था। इसी बात पर अनुज कर्णवाल उर्फ बबला से विवाद हुआ था।

इसी बात पर घटना वाले दिन आरोपियों द्वारा योजना बनायी और उसी के अनुसार मृतक अनुज कर्णवाल बबला की दुकान से घर जाते समय रात्रि करीब 09 बजे गोली मारकर हत्या कर दी।

इस हत्याकांड में पुलिस ने आशीष उर्फ टिंकू पुत्र योगेन्द्र निवासी ग्राम शुकतारी और इनके शरणदाता सोहनवीर पुत्र ईश्वर निवासी ग्राम मोरना, ब्रजपाल यादव उर्फ बिरजू निवासी ग्राम भेडाहेडी, रीना पत्नी राजू उर्फ राजीव यादव निवासी नंगला अहीर थाना गागलहेडी सहारनपुर, राजू उर्फ राजीव यादव पुत्र महेन्द्र थाना गागलहेडी सहारनपुर शामिल हैं। इस हत्याकांड में पंकज पुत्र कन्हैया निवासी पीनना थाना कोतवालीनगर मुजफ्फरनगर और रितू पत्नी पंकज फरार बताये गये हैं।

घटना के खुलासे को लेकर उठ रहे सवाल

पुलिस के लिए सिरदर्द बना चर्चित अनुज कर्णवाल हत्याकांड का खुलासा तो हो गया, परन्तु यह खुलासा लोगों के गले नहीं उतर रहा है। इस खुलासे को लेकर सवालिया निशान लगने लगे हैं।

इस खुलासे से न तो मृतक के परिजन संतुष्ट नजर आ रहे हैं और आरोपियों के परिजन तो इसे पुलिस की स्क्रिप्ट बता रहे हैं। पुलिस के इस खुलासे से दो हत्याओं का राज खुला है।

दवा व्यापारी अनुज कर्णवाल की हत्या जहां मुजफ्फरनगर प्रशासन के साथ ही राज्य सरकार के लिए भी एक नया सिरदर्द बन गई थी। वहीं मेरठ के कपसाड़ में हुए एक युवक के कत्ल को लेकर पुलिस के सामने बनी चुनौती को भी मुजफ्फरनगर पुलिस के एक गुडवर्क ने पूरा करने का काम किया।

हालांकि मोरना और कपसाड़ हत्याकांड के तीन मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस द्वारा उन पर 25-25 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया गया है, जबकि मेरठ पुलिस मेरठ पुलिस पहले ही इनको ईनामिया बदमाश घोषित कर चुकी है।

17 सितम्बर की शाम हुई अनुज कर्णवाल की हत्या के दूसरे दिन ही एसएसपी अभिषेक यादव ने बयान जारी कर अनुज मर्डर केस में बदमाशों की शिनाख्त होने का दावा करते हुए उन्हें शीघ्र गिरफ्तार किये जाने का दावा किया था।

मृतक अनुज के परिवार ने मोरना से बदमाशों की दहशत में पलायन करने के बाद इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया था तथा विपक्षी दलों द्वारा राज्य सरकार व पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने शुरू कर दिये थे, जिसके चलते यह खुलासा न केवल मुजफ्फरनगर पुलिस के लिए बल्कि सरकार के लिए भी चुनौती बन गया था।

बहरहाल इस खुलासा होने के बाद जहां राज्य सरकार ने राहत की सांस ली है, वहीं पुलिस भी अब चेन की बंसी बजा रही है, परन्तु इस खुलासे को लेकर राजनीतिक दल सवाल खड़ा कर रहे है। आरोप है कि पुलिस ने दबाव के चलते आनन-फानन में गलत खुलासा किया है और मुख्य आरोपी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।

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