जनवाणी सवांददाता |
बिजनौर: आभास महासंघ ने निजीकरण का विरोध करते हुए पुतला फूंका। बाद में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया।
मंगलवार को आभास महासंघ मिशन की ओर से जनविरोधी नीतियों व किसान विरोधी कानून को लेकर डीएम द्वारा राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया गया कि सरकार द्वारा बनायी जा रही नीतियों और मजदूर किसान युवा विरोधी काले कानून को समाप्त कर राष्ट्रीय हित में समाजवादी राज्य लोकतांत्रिक व्यवस्था में सुधार किया जाये।
भारत पूर्व 70 वर्षों से अपने निर्माण की प्रक्रि या को सतत जारी किये हुये है जिससे देश का मजदूर किसान युवा दिन रात मेहनत करता है किन्तु आज देश अपनी मूल विचार धारा अथवा सिद्धांत से दूर भाग रहा है।
ज्ञापन में कहा गया कि समान शिक्षा निशुल्क शिक्षा अनिवार्य शिक्षा लागू की जाने, तरह तरह के बोर्ड और पाठ्यक्र में समाप्त करने, देश के आर्थिक संसाधनों जल, जगंल और जमीनों का निजीकरण रोकने, देश की गरीबी को दूर करने के लिए राष्ट्रीय आय का आधा हिस्सा गरीबों को देने, संपूर्ण भारत में शराब उत्पादन और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध करने की मांग रखी।
इस दौरान ज्ञापन देने वालों में अरविन्द के शरवाल, ओमवेश टिकै त, हीरा सिंह, अभिषेक सूर्यवंशी, धीर सिंह, अंकुर कुमार, सलमान, रवि कुमार, मुकूल कुमार, आकाश चन्द्रा, शिवा कुमार, जतिन कुमार व सतीश कुमार मौजूद रहे।