Monday, June 16, 2025
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Meerut News: 20 किमी दूर मवाना की अवैध कॉलोनियों पर तो हो रही कार्रवाई, लेकिन लावड़ रोड पर कोई एक्शन नहीं

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को 25-30 किलोमीटर गांव देहात में काटी जा रही अवैध कॉलोनियां तो नजर आती हैं और तुरंत अमला लेकर उन्हें ध्वस्त कराने भी पहुंच जाते हैं, लेकिन एनएच-58 के आसपास या फिर लावड़ रोड पर काटी जा रही अवैध कॉलोनियां व विवाह मंडप नजर नहीं आते। इन जगहों पर बहुत तेजी से अवैध कॉलोनियां बनती जा रही हैं। प्राधिकरण के इंजीनियरों की सेटिंग होने के चलते इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यही कारण है कि अवैध कॉलोनियां तेजी से पांव पसार रही हैं।

ऐसी अवैध कॉलोनियों के लिए न ग्रीन बेल्ट की परवाह न रोड बाइडिंग की फ्रिक। फिर ध्वस्तीकरण की तो परवाह होती ही नहीं। क्योंकि यदुवंशी जोनल अफसर हैं ना। यही नहीं जिनके जिम्मे टाउन की प्लानिंग हैं, वही जब सबको आशीर्वाद दिये रहते हैं तो फिर किस बात की चिंता। हाईवे का वन फेरर, बागपत रोड फ्लाईओवर के समीप ग्रीन एम्बेसी, खड़ौली की वेदा कॉलोनी, नेहरू रोड का पुराने मकान में बना दिया गया तीन मंजिला होटल हो, सभी में प्राधिकरण के टाउन प्लानर और यदुवंशी जोनल अधिकारी का नाम लिया जा रहा है। गंभीर आरोपों के चलते जिस यदुवंशी जोनल अधिकारी को हटा दिया गया था, उसको दोबारा महत्वपूर्ण जोन सौंप दिया जाना हैरानी भरा है। महानगर में जितने भी अवैध निर्माण या कॉलोनियां हैं, उन सभी में इन्हीं का नाम लिया जाता है। ऐसा ही एक मामला मीरास बिस्ट्रो का है जो रोबिन चौधरी से जुड़ा है। जिसके ग्रीन बेल्ट और रोड बाइंडिंग में तैयार किये गए रेस्टोरेंट और विवाह मंडप में दो बार आग लगी। एक बार तो सैकड़ों महिलाएं व बच्चे व अन्य उसमें फंस गए।
उनकी जान पर बन आयी, लेकिन इसके बाद भी इस अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं की गयी। कुछ दिन पहले दूसरी बार आग लगी तब भी पूरा प्राधिकरण प्रशासन नींद में नजर आया। किसी ने मौके पर जाकर झांकने तक की जरूरत नहीं समझी। प्राधिकरण में ठीकठाक पैंठ के चलते ही रोबिन चौधरी अब किसी अवैध कॉलोनियों के धंधे में भी उतर आया है।

एनजीटी का खौफ नहीं

एनजीटी भले ही हाइवे पर ग्रीन बेल्ट में बनाए गए होटल, ढाबों पर कार्रवाई कराने की बात करे लेकिन प्राधिकरण के जिम्मेदार कोई कदम नहीं उठाते। हाइवे के खिर्वा इलाके में तो एक भूमाफिया ने अपनी वेदा नाम की अवैध कॉलोनी का रास्ता बनाने के लिए एनएचएआई की सर्विस रोड को ही कब्जा कर लिया। जिस अवैध कॉलोनी के लिए रास्ते को सर्विस रोड पर कब्जा किया गया, वह अवैध कॉलोनी काफी पहले ध्वस्त की जा चुकी है। पेपरों में यह आज भी सील है। अवैध निर्माण करने वाले या अवैध कॉलोनी काटने वाले सील की परवाह कतई नहीं करते। उन्हें मालूम है कि मेडा में जो वो चाहते हैं, वो हो ही जाता है।

पूरा हाइवे अवैध होटलों और ढाबों से आबाद

एनएच-58 की यदि बात की जाए तो पूरा हाइवे ही अवैध होटलों, ढाबों, विवाह मंडपों से गुलजार है। हाईवे के बागपत फ्लाईओवर के नीचे तो शराब ठेके के बराबर में तीन मंजिला अवैध होटल ग्रीन एम्बेसी बना दिया गया। आरोप है कि यहां अवैध काम भी होते हैं, पुलिस की जानकारी में भी सब कुछ है पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

सेटिंग है तो सब कुछ संभव

यदि अवैध कॉलोनी या ग्रीन बेल्ट, रोड बाइंडिंग में कोई भी अवैध निर्माण करना है तो पहले ही जोनल अधिकारी या जेई से संपर्क कर लिया जाए। ऐसा ही सब कुछ चल भी रहा है। अगर सेटिंग हो गई तो फिर आराम से कोई भी निर्माण करें, कोई भी व्यवधान नहीं होगा। फिर निर्माण में रोड़ी, सीमेंट की भी जरूरत नहीं होगी। केवल जंग लगे पाइपों पर ही बहुमंजिला वन फेरर जैसे अवैध निर्माण कर दिया जाएगा।

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