- आज से बैंकों में 2000 के नोट जमा करने-बदलने की प्रक्रिया होगी शुरू
- चार माह से अधिक की समयावधि के बावजूद 2000 के नोट से निजात पाना चाह रहे लोग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: 2000 के नोट को बंद करने की घोषणा के बाद तीन दिन से चल रहे पूछताछ के सिलसिले के बीच मंगलवार से बैंककर्मियों के लिए परीक्षा की घड़ी आ रही है। आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक मंगलवार से लोग अपने 2000 के नोट जमा करने या बदलवाने के लिए बैंक संपर्क कर सकते हैं। हालांकि जिला स्तरीय अधिकारियों का कहना है कि बैंकों में अलग से कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। सामान्य स्टाफ के माध्यम से सीधे काउंटर पर रुपये जमा कराने या बदलवाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा।
करीब साढ़े छह साल बाद एक बार फिर से नोटबंदी का ऐलान किया गया है। 10 नवंबर 2016 की रात आठ बजे पीएम नरेन्द्र मोदी ने एकाएक हजार और 500 रुपये के नोट अवैध घोषित कर दिए थे। जिन्हें बदलवाने के लिए बैंकों में लंबी-लंबी कतारें लग गई थीं। वह दौर बैंककर्मियों के लिए बड़ी परीक्षा लेकर आया था। तब बैंक से जुड़े अधिकारियों को शाबासी के साथ-साथ कुछ मामलों में तोहमत का सामना भी करना पड़ा था।
एक बार फिर आरबीआई के आदेश जारी हुए, जिसमें 2000 के नोट वापस करने की बात कही गई। इसके लिए 23 मई से 30 सितंबर तक बैंकों में 20 हजार रुपये तक एक बार में बदलने के आदेश जारी किए गए। इन तीन दिनों में इस आदेश की बात कई बातें स्पष्ट भी की गई।
जिसमें कहा गया कि लोग अपने रुपये पूर्व की भांति बैंक खातों में जितना चाहें जमा करा सकते हैं। 50 हजार से अधिक रुपये जमा करने पर पैनकार्ड की अनिवार्यता पहले से ही लागू है, जो इस व्यवस्था में भी रहेगी। इस बीच तीन दिनों से 2000 के नोट को लेकर बैंकों में की गई पूछताछ के बावजूद लोगों में 2000 के नोट से जल्द से जल्द निजात पाने की होड़ मच सकती है।
जिला अग्रणी बैंक अधिकारी एसके मजूमदार का कहना है कि अब मंगलवार से लेकर 30 सितंबर तक 2000 के नोट को बदलवाने के लिए कोई भी व्यक्ति बैंक की किसी भी शाखा में सामान्य दिनों की भांति कैश काउंटर पर संपर्क कर सकता है। बैंक में रुपये जमा कराने के संबंध में कोई सीमा तय नहीं की गई है। यानि एक दिन में या एक बार में जितने चाहे नोट जमा करा सकता है।
अलबत्ता 2000 के नोट एक बार में 10 ही बदले जा सकेंगे। इनके लिए भी नोट बदलवाने वाले व्यक्ति को सीधे कैश काउंटर पर पहुंचकर अपने नोट कैशियर को देकर उनके बदले में दूसरे नोट प्राप्त करने होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि बैंकों में नोट बदलवाने के लिए अलग से काउंटर खोले जाने की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। उनका कहना है कि इसके लिए बैंकों के पास अलग से कोई स्टाफ नहीं है।
इस पूरी प्रक्रिया को सामान्य दिनों की भांति बैंक में मौजूद स्टाफ और संसाधनों के जरिये पूरा कराया जाएगा। वहीं एसबीआई के चीफ मैनेजर आपरेशन विकास शर्मा का कहना है कि आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार नोटों को जमा कराने या बदलवाने की व्यवस्था हर शाखा पर की जाएगी। जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक सुमनवीर सिंह ने बताया कि आरबीआई के दिशा निर्देश के अनुसार बैंक के सभी अधिकारी और कर्मचारी कार्य करेंगे।
आयकर और खुफिया विभाग की रहेगी नजर
बैंकों में 2000 के नोट जमा कराने के दौरान बड़ी राशि पर आयकर विभाग के साथ-साथ खुफिया विभाग की भी निगाहें रहेंगी। सूत्रों की जानकारी के अनुसार 2000 का नोट बंद करने के पीछे सबसे कारण यही माना जा रहा है कि बाजार से गायब होते जा रहे यह बड़े नोट आखिर कहां खपा दिए गए। इन नोटों को बाहर निकालने के लिए चार महीने एक सप्ताह की अवधि दी गई है। इस अवधि में यही माना जा रहा है कि जिन लोगों ने नोटों को बिछौना बना लिया है,
वे किसी न किसी स्रोत के जरिये इन्हें छोटे नोटों में बदलवाने की फिराक में लगेंगे। इसी कारण आयकर विभाग के साथ-साथ खुफिया एजंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है। इस अवधि में विभिन्न एजेंसियां ऐसे लेन-देन या बैंकों में जमा होने वाले बड़े नोटों पर नजर रखेंगी, जिनको अप्रत्याशित माना जा सकता है। इसमें छोटे खाताधारकों के अकाउंट में एकाएक आने वाली बड़ी राशि पर भी एजेंसियों की निगाहें रहेंगी।