Friday, July 18, 2025
- Advertisement -

गजब: मंत्री जी के जाते ही स्वास्थ्य सेवाएं चौपट

  • एक दिन पहले डिप्टी सीएम स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि अमेरिका से बेहतर हैं मेरठ की स्वास्थ्य सेवाएं
  • जनवाणी ने दिनभर की जांच पड़ताल तो नजारा दिखा जुदा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का अमेरिका से बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा और मेरठ में सरकारी स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों की जमीनी हकीकत जो आमतौर पर जानते हैं, उसके चलते स्वास्थ्य मंत्री के दावों की हकीकत का पता करने के लिए यह संवाददाता सोमवार को जिला अस्पताल जा पहुंचा। उम्मीद की थी कि जब स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सेवाएं अमेरिका से बेहतर होने का दावा किया है तो हो सकता है कि उनके दौरे के मद्देनजर अफसरों ने शायद कुछ चमत्कार कर दिया हो,

20 20

लेकिन जब मौके पर मुआयना करने पहुंचे तो ऐसा कुछ नहीं लगा कि जिसे कह सके कि मेरठ में स्वास्थ्य सेवाओं के हालात अब बदल गए हैं। न तो स्वास्थ्य सेवाओं का ढर्रा बदला हुआ नजर आया और न ही नेताओं की तर्ज पर स्वास्थ्य मंत्री ने मेडिकल में जो बयान दिया था, उसमें कुछ बदलाव था। मसलन जिस प्रकार से नेता जनता के बीच दावा कर देते हैं, स्वास्थ्य मंत्री ने जो कुछ भी कहा वो वैसा ही नजर आया।

कुछ ऐसा था नजारा

21 17

सोमवार सुबह कुछ बेहतर की उम्मीद में जब जिला अस्पताल पहुंचे तो स्ट्रेचर पर पडेÞ मरीज को बजाय वार्ड ब्वॉय नहीं, बल्कि तीमारदार खींच रहे थे। तीमारदारों को जब स्वास्थ्य मंत्री के अमेरिका वाले बयान की जानकारी दी तो बगैर कुछ बोले हाथ जोड़कर आगे बढ़ गए। यह इकलौता मामला नहीं था। कुछ दूसरे मरीज भी खासतौर से इमरजेंसी वार्ड के सामने ऐसे ही स्ट्रेचर पर ले लेटाकर उनके तीमारदार लेकर जा रहे थे।

एक वृद्ध मरीज जो काफी कमजोर था सर्दी मौसम में जमीन पर बैठा था। शायद उसके साथ जो तीमारदार आए थे वो किसी काम से चले गए थे या हो सकता है कि दवा लेने गए हों। कारण कुछ भी हो सकता है, लेकिन यह मरीज जो बेहद गंभीर व कमजोर नजर आ रहा था, उसके आसपास कोई भी स्वास्थ्य कर्मी नहीं था। जहां तक सुनने में आया है, अमेरिका में ऐसा शायद नहीं होता।

19 20

पर्चा काउंटर पर भीड़ देखकर भंडारे का भ्रम

ओपीडी के लिए जहां पर्चा बनवाया जाता है, वहां नजर पड़ी तो एक बारंगी तो ऐसा लगा कि मानों किसी ने भंडारा चलाया हुआ है लोगों की भीड़ खाना लेने के लिए एक दूसरे के साथ धक्का-मुक्की कर रही है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था, वहां पर ओपीडी में मरीज को दिखाने के लिए पर्चे बनाए जा रहे थे। कुछ ऐसा ही नजारा जहां से दवाएं मिलती हैं, वहां का था। यदि अमेरिका में स्वास्थ्य सेवाओं के यहां से भी बुरे हालात हैं तो फिर अमेरिका में मरीजों को कोई भी नहीं बचा सकता।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Dipika Kakar: लीवर सर्जरी के बाद अब दीपिका कक्कड़ ने करवाया ब्रेस्ट कैंसर टेस्ट, जानिए क्यों

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक​ स्वागत...

Sports News: 100वें Test में Mitchell Starcs का धमाका, टेस्ट Cricket में रचा नया इतिहास

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और...

Dheeraj Kumar Death: ‘ओम नमः शिवाय’, ‘अदालत’ के निर्माता धीरज कुमार का निधन, इंडस्ट्री में शोक

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Nimisha Priya की फांसी पर यमन में लगी रोक, भारत और मुस्लिम नेताओं की पहल लाई राहत

जनवाणी ब्यूरो |नई दिल्ली: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की...
spot_imgspot_img