- पार्टी के पार्षद और संगठन के कई पदाधिकारी पार्टी की साख को लगे डुबोने में
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बेहद अनुशासित और संगठित कही जाने वाली भाजपा में अराजकता घुस गई है। पार्टी के शीर्ष नेता हर मंच से पार्टी को संगठित करने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन पार्टी के पार्षद और संगठन के कई पदाधिकारी पार्टी की साख को डुबोने के काम में लगे हुए हैं। जिस तरह से नगर निगम की कार्यकारिणी के चुनाव में भाजपा के अंदर सेंधमारी हुई उसने साबित कर दिया कि अब लोग पार्टी के अनुशासन से कम निजी लाभ के लिये काम कर रहे हैं।
भाजपा के समर्पित नेताओं का मानना है कि जिस तरह से कैंट बोर्ड और नगर निगम के चुनाव में पार्टी के आदेशों का खुलकर उल्लंघन किया गया उसने पार्टी की छवि को धूमल करके रख दिया। यह पता लगाना जरुरी हो गया है कि आखिर कौन कौन गद्दार है जो पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। पहला मामला कैंट बोर्ड में उपाध्यक्ष पद से जुड़ा हुआ है।
इसमें पार्टी की महानगर इकाई ने सभासदों को व्हिप जारी किया था कि विपिन सोढ़ी को वोट किये जाएं लेकिन हुआ इसका उलटा। महानगर अध्यक्ष ने पार्टी से जुड़े पार्षदों को बैठक के लिये कार्यालय में बुलाया था, लेकिन विपिन सोढ़ी और धर्मेन्द्र सोनकर ही आए और बाकी लोगों ने विपिन सोढ़ी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ गए। बाद में पार्टी ने फिर से व्हिप जारी किया और पार्षदों ने फिर से ठेंगा दिखाते हुए व्हिप का उल्लंघन किया और बीना बाधवा को उपाध्यक्ष बनवा दिया।
इससे पार्टी की काफी किरकिरी हुई। जयचंद टाइप के पार्षदों की अनुशासनहीनता की जांच के लिये जांच कमेटी बनाई गई थी। भाजपा नेता सुरेश जैन रितुराज ने इनकी जांच की और रिपोर्ट प्रदेश के संगठन को भेज दी, लेकिन आज तक उस पर कार्रवाई नहीं हुई। इसी तरह नगर निगम के कार्यकारिणी के चुनाव में जिस तरह पार्टी में सेंध लगाई गई और कांग्रेस के रंजन शर्मा को उपाध्यक्ष बनाया गया उसने भाजपा की महानगर ईकाई को ही संदेह के दायरे में खड़ा कर दिया है।
सवाल यह उठ रहा है कि पार्टी से जुड़े पार्षदों पर पार्टी के संगठन का दबाब क्यों नहीं है। पार्षदों की इतनी हिम्मत कैसे हो गई कि व्हिप का खुलकर उल्लंघन करने लगे। पार्टी के महानगर अध्यक्ष और महामंत्री को बजाय लोगों को खुश रखने के सख्त कदम उठाने चाहिये जिन लोगों ने भाजपा के गढ़ में पार्टी की किरकिरी कराई है।
भाजपा के पार्षद दल के नेता विपिन जिंदल को उस पार्षद की खोज करनी चाहिये जिसने यह पूरा नाटक रचा। अगर पार्षद दल के नेता और महानगर अध्यक्ष इस बारे में कठोर निर्णय नहीं लेते हैं तो यह समझना आसान हो जाएगा कि भाजपा में अराजकता खुलकर प्रवेश कर गई है।
सात भाजपा नेताओं को मिली प्रदेश कार्यकारिणी में जगह
काफी लंबे समय से प्रतीक्षारत भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की सूची आज जारी हो गई। 213 सदस्यीय सूची में मेरठ के सात पदाधिकारियों को जगह मिली है। वहीं पूर्व विधायक डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को कार्यकारिणी के स्थायी सदस्यों में रखा गया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सूची जारी करते हुए बताया कि प्रदेश कार्यकारिणी की सूची में पूर्व विधायक अमित अग्रवाल, डा. चरण सिंह लिसाड़ी, पूर्व विधायक रवीन्द्र भड़ाना, पूर्व महानगर अध्यक्ष करुणेश नंदन गर्ग, जयकरण गुप्ता के अलावा अंजू वारियर, राखी त्यागी और अनीता सिंह को शामिल किया गया है।
भाजपा संगठन को मजबूत करने के लिये काफी दिनों से कार्यसमिति की सूची को लेकर कयास लगाये जा रहे थे। इस सूची में नाम शामिल कराने के लिये पार्टी के पदाधिकारी काफी दिनों से क्षेत्रीय कार्यालय और प्रदेश के बड़े नेताओं के यहां चक्कर लगाने में लगे हुए थे। पार्टी ने उन लोगों को ही सूची में शामिल किया जिनकी सक्रियता काफी दिनों से चली आ रही है।