- पीड़ित परिवारों का सब्र देने लगा जवाब, बोले-कब खत्म होगा सजा के एलान का इंतजार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोतवाली गुदड़ी बाजार के तिहरे हत्याकांड में सजा का एलान आज तक के लिए टाल दिया गया है। कसूरवारों को सजा के एलान की उम्मीद में पीड़ित परिवारजन बुधवार सुबह को ही कहचरी स्थित नई बिल्डिंग में पहुंच गए थे। दोपहर तक कोर्ट की ओर टकटकी लगाए देखते रहे। मुख्य आरोपी बताया जा रहा हाजी इजलाल समेत तमाम आरोपी वहां पहुंचे थे। बाद में आरोपियों के लिए राहत और पीड़ितों को लिए निराश करने वाली सजा के एलान को एक दिन के लिए टाल देने वाली खबर मिली आयी।
पीड़ित परिजन सिर पकड़ कर बैठ गए। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि ऐसी उम्मीद नहीं थी। जो हो रहा है ठीक नहीं हो रहा है। इससे पहले 30 जुलाई को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के चलते भी फैसला टल चुका है। आज तीसरी बार यह सजा के एलान का फैसला टाला गया है। हालांकि आज का दिन सजा के एलान के लिए मुकर्रर किया गया था, लेकिन कुछ तकनीकि कारणों का हवाला देकर सजा का एलान नहीं किया गया।
25 को सुनाई जानी थी सजा
इससे पहले तिहरे हत्या कांड़ पर बीती 25 जुलाई को सुनवाई होनी थी। न्यायालय अपर जिला जज स्पेशल कोर्ट एंटी करप्शन-2 की अदालत में अभियुक्त अब्दुल रहमान उर्फ कलुआ के अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा ने प्रार्थना पत्र दिया कि इस मामले में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में ट्रांसफर प्रार्थना पत्र 128 सन 2024 विचाराधीन है। इसमें मुकदमे की सुनवाई के लिए मेरठ से किसी अन्य जिले में कराने के लिए प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट में दिया गया। इस मामले में प्रार्थना पत्र की सुनवाई करते हुए तथा उच्च न्यायालय इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन ट्रांसफर प्रार्थना पत्र में नियत तिथि 30 जुलाई थी। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर सजा के एलान का रास्ता साफ कर दिया। था, लेकिन सजा का एलान एक दिन के लिए फिर टाल दिया गया।
ये था मामला
कोतवाली के गुजरी बाजार मे बीते 22 मई 2008 की रात को कोतवाली के गुदड़ी बाजार में नृशंस हत्याकांड हुआ था। इस मामले में हाजी इजलाल, उसके भाई अफजाल व परवेज समेत दस आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। कुल 14 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल हुई है। इनमें हाजी इजलाल कुरैशी, परवेज और अफजाल पुत्रगण स्व. इकबाल, मेहराज पुत्र मेहताब, इसरार पुत्र रशीद, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र स्व. उस्मान और बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श, शम्मी और माजिद के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करते हुए हत्याकांड को साबित करने के लिए कुल 37 गवाहों के नाम दिए। शीबा सिरोही को इस मामले में इजलाल को घटना के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया। इस पर शीबा कोर्ट से स्टे ले आई।