- दो साल से अधिक का समय बीता, कार्रवाई नदारद
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शासन के आदेशों की किस तरह अवहेलना की जाती है। इसका उदाहरण है नगर निगम। यहां पर तैनात एक सहायक अभियंता का तबादला दूसरी जगह हुए दो साल से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन यह आज भी निगम में ही जमे हुए हैं, जबकि शासन से इन्हे तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करने के आदेश हो चुके हैं, लेकिन इनको गंभीरता से नहीं लिया गया।
वहीं, नगर आयुक्त इस मामले से खुद को अनजान बता रहे हैं। उत्तर प्रदेश पालिका अभियंत्रण सेवा के तत्कालीन सहायक अभियंता (सिविल) राजपाल यादव का 2019 में नगर निगम सहारनपुर में सहायक अभियंता के पद पर ही स्थानांतरण हो चुका है। इनको तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करने के आदेश भी तीन जनवरी 2022 को विशेष सचिव संजय सिंह यादव द्वारा दिए गए थे, लेकिन यह अभियंता आज भी निगम के अधिकारियों की मेहरबानी से नगर निगम में ही कुर्सी पर जमे हुए हैं।
जबकि शासन से आए आदेश में साफ लिखा गया है कि अभियंता अपने नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने की सूचना शासन को उपलब्ध कराएं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जबकि आदेश में यह भी कहा गया है कि आदेशों का पालन नहीं होने पर इसे अनुशासनहीनता मानी जाएगी। अब इसको लेकर किसकी जिम्मेदारी बनती है यह सवाल उठ रहे हैं।
निगम की व्यवस्था पर सवाल
तीन साल पहले हुए आदेश का आजतक पालन नहीं कराया गया यह निगम की व्यवस्था पर भी सवाल उठा रहा है। आखिर किन परिस्थितियों में निगम ने सहायक अभियंता को रिलीव नहीं किया। क्या निगम के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं थी या जानकारी होने के बाद भी इसे छिपाया गया। अब चार दिन पहले निगम की साइट पर यह आदेश अपलोड हुआ है।
जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ, लेकिन जिस जगह अभियंता का स्थानांतरण हुआ। वहां पर उनकी जगह कौन नौकरी कर रहा है, यह भी बड़ा सवाल है। माना कि नगर निगम की साइट पर आदेश अपलोड नहीं हुआ था तो क्या सहारनपुर की नगर निगम की साइट पर भी आदेश अपलोड नहीं हुआ। वह भी तीन साल तक, इससे बड़ी लापरवाही या खेल और क्या हो सकता है कहा नहीं जा सकता?
सहायक अभियंता राजपाल सिंह यादव को लेकर ऐसा कोई आदेश हुआ है। इसकी जानकारी नहीं है, जनवरी में भी रिलीव का कोई आदेश आया है। इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं है। अभियंता इस समय भी नगर निगम में ही कार्यरत है।
-अमितपाल शर्मा, नगर आयुक्त