- बरसात होते ही स्टेडियम के रनिंग ट्रैक पर भर जाता है पानी
- सड़क पर दौड़ लगाने को मजबूर खिलाड़ी नहीं कर पा रहे अभ्यास
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: खेलों में अपना भविष्य बनाने के लिए बड़ी संख्या में खिलाड़ी कैलाश प्रकाश स्टेडियम पहुंचते हैं। जिससे वह यहां अभ्यास कर सके, लेकिन सिंथेटिक ट्रैक नहीं होने के कारण बरसात होते ही स्टेडियम के रनिंग ट्रैक पर पानी भर जाता है, इस वजह से खिलाड़ी यहां अभ्यास करने से महरूम हो जाते हैं। वहीं, स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक लगाने की मांग कई सालों से उठ रही है लेकिन निगम की अनदेखी के चलते खिलाड़ियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में इन खिलाड़ियों को नियमित अभ्यास करने को नहीं मिल पाता है।
मूलरूप से बुलंदशहर के रहने वाले एथलीट मयंक ने बताया वह 400 मीटर रनिंग के खिलाड़ी है। पिछले कई महीनों से स्टेडियम के पास ही कमरा लेकर यहां अभ्यास करने आते हैं, लेकिन स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक नहीं होने की वजह से मामूली बरसात में ही मैदान गीला हो जाता है। ऐसे में उन्हें मजबूर होकर स्टेडियम व उसके आसपास की सड़कों पर दौड़ना पड़ता है। सड़क पर दौड़ने की वजह से उनके पैरों में चोट लगने का खतरा बना रहता है।
किला रोड स्थित गांवड़ी गांव के रहने वाले 400 मीटर एथलीट प्रिंस ने बताया सिंथेटिक ट्रैक नहीं होने की वजह से उनको बरसात में अभ्यास करने को नहीं मिलता है। 200 मीटर इवेंट में स्टेट लेवल तक खेल चुके हैं अब 400 मीटर की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बरसात होने पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हॉकी के मैदान पर सिंथेटिक ट्रैक बिछा है, जो महज दिखावा बनकर रह गया हैं। इसके बदले एथलीटों के लिए ट्रैक होना चाहिए, लेकिन वह नहीं है।
गांवड़ी के ही रहने वाले एथलीट भूरे ने बताया वह 800 व 1500 मीटर इवेंट के खिलाड़ी है। देश के लिए दौड़ना चाहते हैं, लेकिन स्टेडियम में बरसात होने के बाद उन्हें अभ्यास करने को नहीं मिलता। यह सिलसिला पूरे बरसात के मौसम में बना रहता है, इससे उनकी प्रैक्टिस प्रभावित हो रही है। ऐसे में बिना अभ्यास के वह किस तरह अपनी दौड़ को कम से कम समय में पूरा करने की तैयारी करें यह बड़ा सवाल है। आरएसओ से भी कई बार सिंथेटिक ट्रैक की मांग की।
मूलरूप से बड़ौत के रहने वाले 100मी. एथलीट रितिक ने बताया वह मेरठ में केवल अपने खेल को सुधारने के लिए ही रह रहे है। उन्होंने किराए पर कमरा ले रखा है जिससे वह स्टेडियम में अभ्यास कर सके, लेकिन बरसात होते ही उनका सपना पानी में बह जाता है। सड़क पर दौड़ लगाने पर घायल होने का खतरा बना रहता है। यदि सिंथेटिक ट्रैक हो तो इस परेशानी से छुटकारा मिल सकता है लेकिन उनकी परेशानी को सुनने वाला कोई नहीं है।
पीएसी मोदीपुरम से रोज स्टेडियम अभ्यास करने पहुंचने वाले 400मी. स्टेट में ब्राउंज मेडल जीतने वाले एथलीट सुमित का कहना है बिना सिंथेटिक ट्रैक के अभ्यास करने में खासी परेशानी हो रही है। बरसात के मौसम में तो हालात और भी खराब हो जाते है। कुछ समय पहले सड़क पर दौड़ लगाते समय घायल हो गए थे लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है।
परीक्षितगढ़ के मैनापूठी गांव निवासी एथलीट कुलदीप का कहना है मेरठ में किराए का कमरा लेकर रह रहे हैं। जिससे उन्हें स्टेडियम में अभ्यास करने को मिले, लेकिन बरसात होते ही यहां पानी भर जाता है, ऐसे में वह सड़क पर दौड़ लगाने को मजबूर है। सड़क पर वाहनों की लगातार आवाजाही बनी रहती है। वहीं सड़क पर दौड़ते समय किसी भी दुर्घटना का भी अंदेशा बना रहता है। कई बार स्टेडियम प्रशासन से सिंथेटिक ट्रैक की मांग की। अब सड़क पर दौड़ लगाते समय अपने कॅरियर को भी दांव पर लगाना पड़ रहा है।