- जानी में आडिट करने के नाम पर शिक्षकों से लिए जा रहे थे 200 रुपये
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बेसिक शिक्षा से संबंधित शिक्षकों से आडिट के नाम पर 200 रुपये की वसूली करने वाले शिक्षकों पर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कार्रवाई कर दी गई है। जिसमें विभाग द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट पर संबंधित शिक्षक दोषी पाए गए। जिस पर विभाग ने दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया। ये जानकारी बीएसए सत्येंद्र कुमार ढाका ने पत्र जारी करते हुए दी।
दरअसल, बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत खंड शिक्षा अधिकारी जानी के कार्यालय में 14 सितंबर को सीए आॅडिट के समय उच्च प्राथमिक विद्यालय फैजाबाद जानी के सहायक अध्यापक विनोद कुमार द्वारा शिक्षकों से आॅडिट के नाम पर 200-200 रुपये घूस लेने के मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी मेरठ में कार्रवाई की है।
घूसखोरी का वीडियो सामने आने के साथ ही विनोद कुमार को निलंबित कर जांच बिठाई गई थी। जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद बीएसए ने अब दो शिक्षकों को घूस देते हुए देखे जाने पर निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही शिकायतकर्ता को भी कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूरे मामले की लिखित जानकारी विभाग को देने की सूचना मांगी है। बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार की ओर से जारी आदेश में प्राथमिक विद्यालय फैजाबाद जानी की प्रधानाध्यापिका अनामिका को 200 रुपये देकर आडिट कराने के लिए निलंबित करते हुए उच्च प्राथमिक विद्यालय अमानुल्लापुर जानी से संबद्ध कर दिया गया है।
इसी तरह वीडियो में 200 रुपये देकर आडिट कराते दिखे उच्च प्राथमिक विद्यालय अमानुल्लापुर जानी के सहायक अध्यापक धीर सिंह को भी निलंबित करते हुए कंपोजिट विद्यालय भूपगढ़ी जानी से संबद्ध कर दिया गया है। दोनों निलंबन प्रकरण की जांच भी शुरू करा दी गई है।
वहीं, इस मामले की शिकायत करने वाले प्राथमिक विद्यालय ढढरा जानी के प्रधानाध्यापक जोगेंद्र सिंह को भी नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। जोगेंद्र सिंह को जारी नोटिस में पूछा गया है कि उन्होंने घूसखोरी की जो वीडियो बनाई और प्रशासनिक अधिकारियों, चैनलों, समाचार पत्रों व शिक्षकों के ग्रुप में भेजा उसकी अनुमति किस सक्षम अधिकारी से ली थी और 14 सितंबर को खंड शिक्षा अधिकारी जानी के कार्यालय में घटित घटना की लिखित शिकायत किन विभागीय अधिकारियों को दी है, उनसे अनुमति ली गई है तो उसकी भी प्रतिदिन दिन में उपलब्ध कराने को कहा गया है।
खंड शिक्षा अधिकारी से भी जवाब मांग है। इसके साथ ही बीएसए सत्येंद्र कुमार ने खंड शिक्षा अधिकारी जानी मनोज कुमार गुप्ता को भी मामले की जानकारी देते हुए उनके द्वारा किसकी अनुमति से दूसरे विकास क्षेत्र में आडिट कराया गया, इसकी जानकारी मांगी गई है। साथ ही उनसे इस बात का स्पष्टीकरण भी मांगा गया है कि जब हर विकास क्षेत्र में सीए आडिट कराने का कार्यक्रम पहले ही घोषित किया गया था, तो उनके क्षेत्र में आडिट कराने वाले प्रधान या कार्यवाहक प्रधानाध्यापक द्वारा बिना किसी अनुमति के दूसरे विकास क्षेत्र की आडिट कैसे कराया गया।