- न्यूटिमा अस्पताल के बेसमेट में पार्किंग, मौके पर चल रही लैब
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने न्यूटिमा को एक नोटिस जारी किया हैं, जिसमें कहा है कि मानचित्र दिखाया जाए। अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। इस नोटिस को कई दिन बीत गए, लेकिन लगता है प्राधिकरण का नोटिस गीदड़ भभकी हैं। कार्रवाई की दिशा में कोई कदम अभी नहीं बढ़ाया गया। प्राधिकरण विशेषज्ञों के अनुसार न्यूटिमा का जो मानचित्र स्वीकृत हैं, उसमें बेसमेंट में पार्किंग दर्शायी गई हैं।
इसी आधार पर न्यूटिमा का मानचित्र स्वीकृत भी हुआ हैं, लेकिन मौके पर बेसमेंट में कोई पार्किंग नहीं चल रही हैं, बल्कि वाहन सड़कों के किनारे पर खड़े किये जा रहे हैं। बेसमेंट में पार्किंग नहीं, बल्कि मरीजों का इलाज किया जा रहा हैं। ये अवैधानिक हैं। ऐसे में न्यूटिमा का मानचित्र अस्वीकृत हो सकता हैं, लेकिन प्राधिकरण में इसकी कोई फाइल तैयार नहीं हैं। सिर्फ हवा-हवाई बात चल रही हैं। नोटिस अवश्य गया हैं, लेकिन कार्रवाई उससे आगे नहीं बढ़ी हैं।
चार दिसंबर से सपा विधायक अतुल प्रधान कलक्ट्रेट में अनशन पर बैठ रहे हैं। अब न्यूटिमा के डॉक्टर उल्टे आत्मदाह की धमकी देने लगे हैं। एक तो न्यूटिमा हॉस्पिटल के निर्माण से पहले जो मानचित्र स्वीकृत हुआ, उसके विपरीत कार्य किया गया। फिर ऊपर से आत्मदाह की धमकी देकर प्राधिकरण को न्यूटिमा प्रबंध तंत्र दबाव में लेने का प्रयास कर रहा हैं। न्यूटिमा ही नहीं, दो दर्जन से ज्यादा शहर के ऐसे हॉस्पिटल है, जिनकी बिल्डिंग अवैध बनी हुई हैं।
हॉस्पिटल के पास पार्किंग तक नहीं हैं, फिर भी हॉस्पिटल चल रहे हैं। सबसे बड़ी जाम की समस्या हॉस्पिटल के पास पार्किंग नहीं होने से पैदा हो रही हैं, लेकिन इसको लेकर मेरठ विकास प्राधिकरण भी गंभीर नहीं हैं। शहर में जाम से निजात दिलाने की बात तो सभी अधिकारी करते है, लेकिन हॉस्पिटल अपनी पार्किंग बनाये, इस पर किसी का दबाव नहीं हैं। ऐसे तो शहर के हालात जाम से बद से बदतर हो जाएंगे।
कुछ वैसा ही न्यूटिमा हॉस्पिटल ने भी कर रखा हैं। हॉस्पिटल संचालित करने से कौन मना कर रहा हैं, लेकिन कम से कम मेरठ विकास प्राधिकरण के नियमों को तो पूरा किया जाए। अब न्यूटिमा को लेकर भी मेरठ विकास प्राधिकरण और प्रशासनिक अफसरों की कृर्त्वय निष्ठा क्या रहेगी, ये भी बड़ा सवाल हैं। तमाम अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर मेडा ने चलाया। हाइवे पर भी ढाबो व होटल गिराये गए? अब देखना ये है कि मेडा न्यूटिमा के मामले में कदम पीछे क्यों खींच रहा हैं? ये भी विचारनीय प्रश्न हैं।
सपा विधायक बोले, मैं अनशन पर अडिग
सपा विधायक अतुल प्रधान अब अपने पक्ष में अधिवक्ताओं का समर्थन जुटाने मंगलवार को कचहरी पहुंचे। यहां उन्होंने मेरठ बार के अध्यक्ष कुवर पाल सिंह, पूर्व अध्यक्ष देवकीनंदन शर्मा आदि से मुलाकात कर न्यूटिमा के खिलाफ समर्थन मांगा। अधिवक्ताओं ने समर्थन देने का सपा विधायक को आश्वासन दिया। इसके बाद सपा विधायक कमिश्नरी चौराहे पर पहुंचे, जहां पत्रकारों से बातचीत की। विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि मैं अनशन पर अडिग हूं।
उनका ये अनशन 4 दिसंबर से कलक्ट्रेट में चलेगा। अनशन को बड़ा रूप देने के लिए सपा विधायक जनता का समर्थन जुटा रहे हैं। अनशन पर बड़ी भीड़ इक्कठा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंपर्क किया जा रहा हैं। न्यूटिमा और पुलिस के बीच चल रहे गठजोड़ को लेकर सपा विधायक ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात की और उनको पूरा घटनाक्रम बताया। इस मामले को सपा तूल देकर अड़ा आंदोलन खड़ा करने के मूड में हैं, जिसकी तैयारी में जुट गई हैं।
उधर, सपा विधायक अतुल प्रधान ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी लड़ाई आईएमएए से नहीं हैं। उनकी लड़ाई गुंडागर्दी के खिलाफ हैं। न्यूटिमा गुंडागर्दी का अड्डा बन गया हैं। प्रशासन ने भी अपनी रिपोर्ट में माना है कि मरीजों के साथ बाउंसर का बर्ताव अमर्यादित हैं। न्यूटिमा का बेसमेंट पार्किंग के लिए था, जिसके आधार पर मानचित्र स्वीकृत हैं, मगर मौके पर लैब न्यूटिमा की पार्किंग में चल रहा हैं। इस तरह से नियमों के विपरीत न्यूटिमा चल रहा हैं। मेडा कब कार्रवाई करेगा, इसका इंतजार किया जा रहा हैं।
अतुल प्रधान के पक्ष में उतरे छात्र, किया पैदल मार्च
सपा विधायक अतुल प्रधान के खिलाफ दर्ज कराये गए मुकदमे के मामले का विरोध अब तूल पकड़ने लगा हैं। मंगलवार को छात्रों की भीड़ कमिश्नरी चौराहे पर एकत्र हुई, जहां से एक जुलूस की शक्ल में कलक्ट्रेट तक पहुंचे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अतुल प्रधान के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुकदमा वापस लेने की मांग की गई।
संयुक्त छात्र समिति के तत्वाधान में अतुल प्रधान के समर्थन में आदेश प्रधान एवं राजदीप विकल्प पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेतृत्व में छात्रों की भीड़ चौधरी चरण सिंह पार्क पर एकत्र हुई। यहां से डीएम आॅफिस तक प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाला और डीएम को ज्ञापन दिया। प्रदर्शनकारियों ने पैदल मार्च किया। ज्ञापन में अतुल प्रधान पर हुए फर्जी मुकदमे के विरोध में सभी तथ्य से अधिकारियों को अवगत कराया तथा सभी छात्र-छात्राओं ने कहा कि न्यूटिमा हॉस्पिटल एक अवैध इमारत है
जिसमें कभी भी कोई भी बड़ी घटना हो सकती है और पुलिस प्रशासन के द्वारा जो अतुल प्रधान पर फर्जी तरीके से मुकदमा दर्ज किया गया है, उसको तथ्य के आधार पर जांच कर कर वापस लिया जाए। प्रदर्शन करने वालों में अनुज चावला, हर्ष ढाका, प्रशांत चौधरी, अनुज भड़ाना, आकाश भड़ाना, नीतू गुर्जर, गुरदीप लोहिया, अंकुश नगर, महकार पहलवान, नीटू गुर्जर, भानु प्रताप, शुभम मलिक, गोलू प्रधान, अरुण पाल, मालू गुर्जर, संदीप गौतम, गौरव राणा, विकास तोमर, राजकमल आदि शामिल रहे।
शमन कराए न्यूटिमा संचालक
मेरठ विकास प्राधिकारण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि जांच में पाया नक्शा नर्सिंगहोम का पास कराया गया है, लेकिन जांच में कुछ खामियां पायी गई। जिसके चलते नोटिस देकर शमन कराने को कहा गया है। यदि शमन नहीं कराया तो प्राधिकरण कार्रवाई करेगा।
जांच कमेटी बनायी गयी
जिलाधिकारी दीपक मीणा का कहना है कि न्यूटिमा प्रकरण में किसी मरीज के पैसों को लेकर कुछ विवाद हुआ था। जिसमें संचालकों ने विधायक के खिलाफ तहरीर दी है। वह अलग जांच चल रही है। मामले की जांच के लिए प्रशासन ने भी एक जांच कमेटी एडीएम एफ की अध्यक्षा में बनायी है।
मरीजों से व्यवहार आपत्तिजनक
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि न्यूटिमा प्रकरण की जांच करायी गयी है। इसमें मरीजों को दवा लेने के लिए बाध्य किया जाना उचित नहीं। इसके अलावा जांच में पाया गया कि सुरक्षा कर्मियों का मरीजों व तिमारदारों से भी व्यवहार आपत्तिजनक पाया गया।
सीओ पर गिरी गाज
सीओ सिविल लाइन अरविन्द चौरसिया ने अतुल के धरना स्थल पर जाकर बोल दिया था कि जो मुकदमा अतुल के खिलाफ दर्ज हुआ है, वो फेक हैं। इसको लेकर आला पुलिस अफसरों ने सीओ अरविन्द चौरसिया पर गाज गिरा दी। सीओ को सिविल लाइन से हटाकर आॅफिस अटैच कर दिया गया हैं। ऐसी सूचनाएं मिली हैं। हालांकि अधिकृत रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई हैं।
लैब टेक्नीशियन पर हमला, सिर फोड़ा
मेडिकल क्षेत्र स्थित न्यूटिमा अस्पताल के लैब टेक्नीशियन को दर्जन भर कर्मचारियों ने अस्पताल के बाहर लाठी-डंडों से हमला कर सिर फोड़ दिया। दबंग कर्मचारियों ने उसे अस्पताल के बाहर और अंदर ले जाकर जमकर पीटा। मारपीट में घायल को मेडिकल के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है। जानी थाना क्षेत्र ग्राम ढढरा निवासी आसिब पुत्र मौसम अली न्यूटिमा अस्पताल में लैब टेक्नीशियन है। आसिब शाम चार बजकर 40 मिनट पर आसिब अस्पताल की पार्किंग से अपनी बाइक लेने जा रहा था।
अस्पताल की लैब में काम करने वाले श्ुाभम, अंशुल व कार्तिक और आठ दस अन्य युवकों ने आसिब की बाइक की चाबी निकाल ली। इस पर आसिब ने विरोध किया तो उस पर शुभम और कार्तिक व अंशुल ने हमला बोल दिया। उस पर लोहे की रॉड से हमला कर घायल कर दिया। आसिब अस्पताल के मलिक संदीप गर्ग से शिकायत करने पहुंचा
तो तीनों कर्मचारियों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर अस्पताल में दोबारा फिर पीटा और घसीटते हुए बाहर डाल दिया। मारपीट में घायल आसिब ने मेडिकल थाना पहुंचकर नामजद तहरीर दी है। उधर घायल को थाना पुलिस ने मेडिकल इमरजेंसी में उपचार के लिए भिजवाया।
डाक्टर मारपीट होते देखते रहे
आसिब का आरोप है कि जब उसके साथ कर्मचारी मारपीट कर रहे थे। तब वहां उसने अस्पताल के डा. अमित उपाध्याय, डा. राजीव रस्तौगी, विश्वजीत बैम्बी से मारपीट की शिकायत की, लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं कहा। मारपीट के दौरान सभी डाक्टर ऐसे ही तमाशबीन बने रहे।
विधायक अतुल पहुंचे घायल को देखने
न्यूटिमा में मारपीट के दौरान घायल लैब टेक्नीशियन आसिब को देखने सपा सरधना विधायक अतुल प्रधान मेडिकल इमरजेंसी में पहुंचे। वहां विधायक ने घायल से बातचीत की और मारपीट की वजह जानी।