Thursday, June 26, 2025
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48 घंटे और बरसेंगे बदरा

  • बारिश से धान, सब्जी और गन्ने की फसल को भारी नुकसान

जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: दो दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते मौसम में ठंडक बढ़ गई है। हालांकि अभी मौसम वैज्ञानिकों ने अगले 48 घंटे बारिश जारी रहने के संकेत दिए हैं। यह बारिश धान और गन्ने की फसल के लिए बेहद खतरनाक बताई जा रही है। इस बारिश के चलते सब्जियों की फसल भी नष्ट हो गई है। जिससे आलू की बुवाई पर भी लेट होने के बादल मंडरा गए हैं।

अक्टूबर के महीने में बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस महीने में गर्मी का अच्छा खासा असर देखने को मिल रहा था, लेकिन मौसम में एकाएक परिवर्तन हुआ और बारिश का दौर शुरू हो गया। इस बारिश ने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं। क्योंकि इस माह में हो रही बारिश अब तक की सबसे अधिक बारिश है। अन्य वर्षों के मुकाबले भी इस माह की बारिश अधिक बताई जा रही है।

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बारिश का अत्यधिक होना किसानों के लिए बेहद चिंता का विषय है। राजकीय मौसम वैधशाला पर रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 19.4 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। अधिकतम आर्द्रता 100 एवं न्यूनतम आर्द्रता 98% दर्ज की गई। बारिश रविवार को 46.6 मिमी दर्ज की गई।

12 8

अब तक बारिश 80.3 मिमी दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिक सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के डॉ. यूपी शाही का कहना है कि अगले 48 घंटे बेहद खतरनाक है। क्योंकि 48 घंटों में बारिश का प्रकोप रहेगा। इसलिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

क्या कहना है इनका

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. आरएस सेंगर का कहना है कि बारिश से धान और गन्ने की फसल को नुकसान है। खेत से पानी निकालना किसानों को बेहद जरूरी है। इस बारिश से सब्जियों को ज्यादा नुकसान हुआ है।

12 अक्टूबर तक बारिश होने की संभावना है। इसलिए आलू की बुवाई भी इस बार लेट होगी। इसलिए किसानों को बेहद सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि किसान सतर्कता बरते का तो निश्चित ही उसकी फसल को कम नुकसान होगा।

इन वर्ष में बारिश का रिकॉर्ड

2010 में बारिश                                                       शून्य

2011 में बारिश                                                        शून्य

2012 में बारिश                                                        शून्य

2013 में बारिश                                                        0.4 मिमी

2014 में बारिश                                                        2.1 मिमी

2015 में बारिश                                                        शून्य

2016 में बारिश                                                        1.2 मिमी

2017 में बारिश                                                        शून्य

2018 में बारिश                                                        4.0 मिमी

2019 में बारिश                                                        22.9 मिमी

2020 में बारिश                                                        शून्य

2021 में बारिश                                                        शून्य

2022 में बारिश                                                        80.3 मिमी

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