Saturday, June 14, 2025
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परिवार नियोजन में कारगर है बास्केट आफ च्वाइस

  • मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी के लिए स्वास्थ्य विभाग की ठोस पहल

जनवाणी संवाददाता |

सहारनपुर: मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि शादी के दो साल बाद ही पहले बच्चे के जन्म की योजना बनायी जाए। दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर होना चाहिए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बहुत कारगर और सुरक्षित साधनों से युक्त बास्केट आॅफ च्वाइस मुहैया करा रखी है। इसके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि किसको, कब और कौन सा साधन अपनाना श्रेयस्कर होगा। बास्केट आॅफ च्वाइस में परिवार नियोजन के लिए नौ साधनों को शामिल किया गया है।

इस बाबत परिवार नियोजन के नोडल डाक्टर धर्मवीर सिंह का कहना है कि जिले में सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन काउंसलर व कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर (सीएचओ) की मदद से बॉस्केट आफ च्वाइस के बारे में लाभार्थी की स्थिति के अनुसार सही परामर्श दिया जाता है। प्रत्येक माह की 21 तारीख को आयोजित होने वाले खुशहाल परिवार दिवस, प्रत्येक गुरुवार को आयोजित होने वाले अंतराल दिवस एवं प्रत्येक माह की नौ तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर भी इस बारे में जानकारी दी जाती है । पुरुष और महिला नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, माला एन, कंडोम, छाया और ईसीपी की गोलियां बॉस्केट आफ च्वाइस का हिस्सा हैं ।

जनपद में परिवार नियोजन में जिले की स्थिति

वित्तीय वर्ष 2021-22 में महिला नसबंदी कराने वाली महिलाओं की कापर टी साधन इस्तेमाल करने वाली मासिक संख्या 520 व क्रमिक संख्या 1205 है। जबकि सीसी यूजर्स की संख्या 674 मासिक व 1568 क्रमिक है। इसी तरह आरेल पिल्स लेने वाले लाभार्थिोयों की संख्या 200 मासिक व 483 क्रमिक है। जबकि साल 2021-22 में कुल 65 महिलाओं ने नसबंदी कराई है।

यह भी जानें

महिला नसबंदी प्रसव के सात दिन के भीतर, माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर और गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर करवाई जा सकती है । वह महिलाएं इस साधन को अपना सकती हैं जिनकी उम्र 22 वर्ष से अधिक और 49 वर्ष से कम हो । दम्पति के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो । पति ने पहले नसबंदी न करवाई हो और सुनिश्चित कर लें कि महिला गर्भवती न हो और प्रजनन तंत्र में संक्रमण न हो। आईयूसीडी को माहवारी के शुरू होने के 12 दिन के अंदर या असुरक्षित यौन संबंध के पांच दिन के अंदर अपना सकते हैं।

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