Saturday, July 27, 2024
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HomeUttar Pradesh NewsMeerutआज भक्तों पर बरसेगी भोले बाबा की कृपा

आज भक्तों पर बरसेगी भोले बाबा की कृपा

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  • शहर के सभी मंदिर सजकर हुए तैयार
  • औघड़नाथ मंदिर पर ड्रोन व सीसीटीवी कैमरों की रहेगी नजर
  • सुबह साढ़े चार बजे खुल जाएगा बाबा औघड़नाथ मंदिर पांच पहर की होगी आरती

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: पौराणिक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन माता-पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन भक्त महादेव के लिए उपवास करते है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि 18 फरवरी की पड़ रही है। साथ ही इस दिन शनि प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और अपने भक्तों से खुश होते हैं।

शहर के मंदिरों की बात करे तो महाशिवरात्रि को लेकर सभी मंदिर सजकर तैयार हो चुके है। औघड़नाथ मंदिर को मथुरा के प्रेम मंदिर की तर्ज पर सजाया गया है। इससे मंदिर की सुदंरता और बढ़ गई है। वहीं, बाबा बिलेश्वर नाथ मंदिर में भी महाशिवरात्रि को लेकर खास तैयारी की गई है। महाशिवरात्रि को लेकर मंदिर के कपाट शृंगार के बाद सुबह साढ़े चार बजे से खुल जाएंगे जिसके बाद भक्तगण लगातार जलाभिषेक कर सकेंगे।

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इस मौके पर पांच पहर की आरती भी की जाएगी। मंदिर पुजारी श्रीधर त्रिपाठी ने बताया कि महाशिवरात्रि पर रात्रि पूजन का अलग महत्व होता है। पहली आरती सुबह 4 बजे, शाम 6:30 बजे, रात 11 बजे और फिर रात 3 बजे होगी। गरुड़ द्वार से भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा। मंदिर में 18 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और ड्रोन से मंदिर की निगरानी की जाएगी।

महाशिवरात्रि पूजनविधि

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं। उसके बाद 8 लोटे केसर जल चढ़ाएं। उस दिन पूरी रात का दीपक जलाएं। चंदन का तिलक लगाएं, बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं। सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें।

व्रत करने का है विधान

महाशिवरात्रि का पर्व श्रद्धा व आस्था का पर्व है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए दूध, आंक व धतूरे से पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन श्रद्धालु व्रत भी करते है।

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वैसे तो प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी शिवरात्रि के रुप में मनाई जाती है। मगर फाल्गुन में पड़ने वाली यह शिवरात्रि सबसे बड़Þी मानी जाती है। पुराणों के अनुसार इस दिन शिव व पार्वती का विवाह हुआ था।

शिव विवाह का होगा मंचन

महाशिवरात्रि पर चार साल बाद मंदिर परिसर में शिव विवाह का मंचन किया जाएगा। शाम 7 बजे से शिवम आर्ट ग्र्रुप द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा।

महाशिवरात्रि पर ग्रहों की बदलती चाल

इस बार महाशिवरात्रि पर शनि ग्रह भी अपनी राशि कुंभ में ही विराजमान रहेंगे। वहीं, 13 फरवरी को सूर्य भी कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके है। यानी इस बार महाशिवरात्रि पर सूर्य और शनि का एक साथ एक ही राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे, जिससे सूर्य-शनि की युति का निर्माण होगा। वैदिक ज्योतिष के मुताबिक शनि और सूर्य दोनों दुश्मन ग्रह हैं।

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साथ ही इस बार 15 फरवरी को शुक्र भी मीन राशि में प्रवेश कर गए हैं, यानी कि महाशिवरात्रि पर शुक्र मीन राशि में होंगे। शुक्र मीन राशि में 12 मार्च तक रहेंगे। शुक्र का बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर शुक्र का ये गोचर सभी राशियों के लिए अच्छा साबित होगा।

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