- स्टेडियम के बहुउद्देशीय मैदान में भाला फेंकने का प्रैक्टिस करते समय हादसा होने से बचा
- आरएसओ के अनुसार बिना रजिस्ट्रेशन के जैबलिन थ्रो के खिलाड़ी करते हैं प्रैक्टिस
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में रोजाना एक हजार से अधिक विभिन्न खेलों के खिलाड़ी प्रैक्टिस करने पहुंचते है। इन खेलों में जैबलिन थ्रो के खिलाड़ी भी शामिल है, लेकिन भाला फेंकने का खेल खतरनाक श्रेणी में आता है, जिस कारण इस खेल से जुड़े खिलाड़ियों को अपनी प्रैक्टिस साढ़े तीन बजे से पहले समाप्त करने के आदेश शासन से मिले हुए हैं,
लेकिन कुछ दबंग खिलाड़ियों की वजह से भाला फेंकने वाले खिलाड़ी देर शाम तक मैदान पर रहते है और अभ्यास करते हैं। इस दौरान स्टेडियम में प्रैक्टिस करने वाला एक हॉकी खिलाड़ी भाले की चपेट में आने से बाल-बाल बच गया। अब स्टेडियम के एथलेटिक्स कोच ने भाला फेंकने का अभ्यास कराने वाले दबंग खिलाड़ियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी की है।
घटना शनिवार शाम साढ़े चार बजे की है, एथलेटिक कोच गौरव ने बताया कि जेबलिन थ्रो व अन्य खेलों से जुड़े खिलाड़ी शाम के समय अभ्यास कर रहे थे। उसी समय जेबलिन थ्रो के एक खिलाड़ी ने मैदान पर भाला फेंक दिया। यह भाला करीब 50 मीटर की दूरी पर अभ्यास कर रहे हॉकी खिलाड़ी के सीने के पास से गुजरते हुए जमीन में धंस गया। जिससे हॉकी खिलाड़ी घबरा गया और उसने आरएसओ से शिकायत की।
जरा-सी चूक से चली जाती जान
स्टेडियम में अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों ने पहचान छिपने की शर्त पर बताया कि जेबलिन थ्रो के खिलाड़ियों के लिए यह मैदान नहीं है, लेकिन वह जानबूझकर यहां अभ्यास करने आते हैं, जबकि उनके लिए शासन स्तर से अलग से समय निर्धारित किया गया है। बावजूद इसके वह उसका पालन नहीं कर रहे हैं। भाला फेंकना खतरनाक खेलों की श्रेणी में आता है। जरा-सी चूक से किसी भी खिलाड़ी की जान भी जा सकती है, लेकिन इसको लेकर भाला फेंकने वाले खिलाड़ी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं।
हॉकी के मैदान को अभी खिलाड़ियों को नहीं सौंपा
एथलेटिक कोच गौरव ने बताया कि स्टेडियम में हॉकी का मैदान बनकर तैयार है, लेकिन इसे अभी खिलाड़ियों के लिए नहीं खोला गया है। इसी वजह से हॉकी के खिलाड़ी अन्य खिलाड़ियों के बीच में ही अभ्यास करते हैं, लेकिन जेबलिन थ्रो जैसे खतरनाक खेल के लिए मैदान अलग से होना चाहिए, इससे अन्य खिलाड़ी भी सुरक्षित रहेंगे।
जानलेवा है भाला
जिस भाले को फेंकने का अभ्यास खिलाड़ियों द्वारा भरे मैदान पर किया जा रहा है, वह जानलेवा है। दो तरह के भाले इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन दोनों की नोंक काफी खतरनाक होती है। लोहे का भाला तो और भी घातक होता है, यदि यह किसी भी इंसान के सीने में धंसता है तो उसकी जान जाना निश्चित है। क्योेंकि इसका वजन भी काफी ज्यादा होता है, ऐसे में यह सबसे ज्यादा खतरनाक है।
खिलाड़ी बिना रजिस्ट्रेशन के करते हैं प्रैक्टिस
इस समय जैबलिन थ्रो के 20 खिलाड़ी रोजाना स्टेडियम में अभ्यास करने आते हैं, लेकिन इन खिलाड़ियों ने स्टेडियम में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। बिना रजिस्ट्रेशान के यह खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ियों के बीच में ही अभ्यास करते है। जिस घटना में हॉकी खिलाड़ी बाल-बाल बचा है। वह बेहद खतरनाक है, महज कुछ सेंटीमीटर के फासले से हॉकी खिलाड़ी की जान जाने से बची। यदि थोड़ा सा भी फासला इधर-उधर होता तो कुछ भी हो सकता था।
प्रांतीय क्रीड़ा अधिकारी गदाधर बारीकी का कहना है कि भाला हॉकी खिलाड़ी के सीने में घुसने में जरा ही फासले से रह गया। इसको लेकर हम ऊपर वाले का शुक्रिया करते हैं।
साथ ही भाला फेंकने वाले खिलाड़ियों को दूसरी जगह जाने को भी कहा गया है, लेकिन इनमें कुछ दबंग किस्म के युवा है, जो उनकी बात नहीं सुनते। अब इन खिलाड़ियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की जाएगी।