- सिवालखास नगर पंचायत का है मामला, डीएम तक पहुंच रहे पीएम स्वनिधि टेंडर के मामले, जांच के आदेश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जनपद की तमाम नगर पंचायतों में पीएम स्वनिधि संचालित की जा रही है। इसके तहत नगर पंचायत में विकास कार्य वरीयता के आधार पर किए जा रहे हैं, लेकिन इसके टेंडर में बड़ा घालमेल सामने आ रहा है। दरअसल, सिवालखास नगर पंचायत में अति अल्पकालीन निविदा के टेंडर निकाले गए थे, जिसमें सेटिंग-गेटिंग का खेल सामनेआया है। यह पूरा मामला डीएम दीपक मीणा तक पहुंचा तथा उन्होंने जांच के आदेश भी दे दिए हैं।
निविदाएं प्रोफाइलिंग कार्य के लिए मांगी गई थी, जिसमें पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थी और उनके परिवारों की आर्थिक रूप रेखा, आवास व अन्य कार्य नगर पंचायत को टेंडर ओपन करने के बाद किए जाने थे, लेकिन नगर पंचायत के स्तर पर ये टेंडर में बड़ा खेल कर दिया गया। बताया गया कि सिवालखास नगर पंचायत में 24 फरवरी को निविदाएं शाम 4 बजे खोली जानी थी, लेकिन यहां पर अधिशासी अधिकारी ही गायब थे।
टेंडर पहले ही खोल दिया गया। कैसे घालमेल हुआ, जो निर्धारित समय पर खुलने थे, वो पहले ही कैसे सेटिंग से खोल दिये गए। ये बड़ा सवाल हैं। ये मामला शनिवार का है। शनिवार को ही इस प्रकरण की शिकायत कुछ लोगों ने की हैं, जिसके बाद डीएम दीपक मीणा से की गई। इसके बाद उन्होंने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। पीएम स्वनिधि योजना जनपद की सभी नगर पंचायत और नगर पालिकाओं में संचालित है।
इसके तहत लाभार्थियों के आर्थिक स्तर को ऊपर उठाने और उनके आवास का निर्माण करने की योजना है। इस योजना को भी अधिकारी पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। इससे अधिशासी अधिकारी इस बात से भी नहीं डर रहे हैं कि ये योजना सीधे प्रधानमंत्री से जुड़ी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों को आवास बनाकर देने का जो संकल्प लिया है, उसमें अधिकारी ही बाधा बने रहे हैं। इसी वजह से यह पीएम स्वनिधि योजना का लाभ लाभार्थियों को नहीं मिल पा रहा है।
चुनाव आचार संहिता मार्च के प्रथम सप्ताह में लग सकती है। ऐसी संभावनाएं जताई जा रही है, लेकिन जो केंद्र सरकार की योजनाएं हैं, उनको धरातल पर पूरा नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते ये योजनाएं टेंडर में घालमेल के चलते लटकी हुई है। चुनाव आचार संहिता से पहले इस योजना का नगर पंचायतों में व्यापक स्तर पर काम हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक ये टेंडर प्रक्रिया में ही योजना लटकी हुई हैं।
आम व गरीब आदमी तक इस पीएम स्वनिधि योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। एक बार नहीं,बल्कि इनके कई-कई बार टेंडर हो चुके हैं, लेकिन किसी न किसी अनियमितता के चलते इनको पेंडिंग में डाल दिया जाता है। एक नगर पंचायत नहीं, बल्कि ज्यादातर नगर पंचायतों में यही खेल हो रहा है।
इसमें पारदर्शिता कतई नहीं बरती जा रही है, जिसके चलते योजना पीएम स्वनिधि योजना का लाभ गरीब परिवारों को नहीं मिल पा रहा हैं। टेंडर ओपन करने का जब समय निर्धारित किया गया तो फिर अधीशासी अधिकारी कैसे गायब हो गए? ये बड़ा सवाल हैं। इसकी डीएम को भी शिकायत हुई हैं, जिसके बाद ही जांच पड़ताल आरंभ हुई।