जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी के एक अदालत में मजिस्ट्रेट के सामने सरेआम पेशी पर आए गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर दिया था। हालांकि अधिवक्ताओं ने हमलावर को दबोचकर बुरी तरह से पीटा और फिर मौके पर पहुंची पुलिस के हवाले कर दिया था।
पुलिस ने दबोचे गए हमलावर की पहचान जौनपुर जिला निवासी विजय यादव के रूप में की। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी विजय यादव ने पुलिस की पूछताछ में एक बड़ा खुलासा किया है।
शूटर विजय यादव ने पुलिस को बताया कि प्रयागराज के अशरफ ने उसे जीवा की सुपारी दी थी। विजय के मुताबिक लखनऊ जेल में बंद अशरफ के भाई आतिफ से जीवा की कहासुनी हुई थी।
संजीव जीवा ने आतिफ की काफी बेइज्जती की थी और एक बार तो जीवा ने आतिफ की दाढ़ी भी नोच ली थी। कुछ दिन पहले ही आतिफ जमानत पर जेल से बाहर आया और अपने भाई अशरफ को पूरी कहानी सुनाई, जिसके बाद अपने भाई आतिफ की बेइज्जती का बदला लेने के लिए ही अशरफ ने जीवा को मरवाया, ऐसा शुरुआती जांच में सामने आ रहा है। एक करीबी के जरिए अशरफ ने नेपाल में विजय को बीस लाख रुपए में जीवा की सुपारी दी थी।
पूछताछ में सामने आया कि हत्याकांड के दिन ही विजय लखनऊ आया था और कैसरबाग बस अड्डे पर उसे एक युवक ने रिवॉल्वर और वकील की ड्रेस दी थी। कोर्ट परिसर में भी अशरफ के एक करीबी युवक ने विजय को जीवा की पहचान कराई थी जिसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग कर विजय ने जीवा की हत्या कर दी।
पुलिस को मौके से विजय की रिवॉल्वर, खोखे और मोबाइल भी मिले थे। अब विजय के मोबाइल से तमाम बातों और विजय के बयानों की पुष्टि में पुलिस लगी है। केस की जांच कर रही पुलिस जल्द ही विजय को कस्टडी रिमांड पर लेगी।
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