- नीरज राठौर ने पहला तो अनिल जैन ने रखा दूसरा प्रस्ताव
- विपिन सोढी पड़े अकेले मिला सिर्फ सोनकर का साथ
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पिछले कई दिनों से कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष पद को लेकर चल रही खींचतान गुरुवार को खत्म हो गई। बोर्ड सदस्यों के प्रस्ताव पर कोरम पूरा होने के बाद बीना वाधवा को कैंट उपाध्यक्ष चुना गया। बीना वाधवा के नाम के लिये नीरज राठौर ने पहला तो अनिल जैन ने दूसरा प्रस्ताव रखा। उधर, विपिन सोढी के लिये सिर्फ एक धर्मेंद्र सोनकर का प्रस्ताव आया। बीना वाधवा को उपाध्यक्ष चुने जाने के बाद बोर्ड अध्यक्ष व कैंट बोर्ड सीईओ ने उन्हें प्रमाण पत्र सौंपा।
गुरुवार को कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष पद के लिये कैंट बोर्ड सभागार में बोर्ड अध्यक्ष अर्जुन सिंह राठौर की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें शुरूआत में वार्ड चार से सदस्य नीरज राठौर ने बीना वाधवा के नाम के लिये प्रस्ताव रखा। इसके बाद अनिल जैन ने भी उनके के लिये प्रस्ताव रखा।
जिसमें वार्ड एक से सदस्य रिनी जैन, वार्ड दो से बुशरा कमाल ने भी सहमति दिखाई। विपिन सोढी के नाम के लिये सिर्फ वार्ड सात से सदस्य धर्मेंद्र सोनकर ने प्रस्ताव रखा, लेकिन उन्हें दूसरा सदस्य नहीं मिल पाया। जिसके बाद बोर्ड में कोरम पूरा होने के बाद बीना वाधवा को कैंट उपाध्यक्ष चुना गया।
इसके बाद विपिन सोढी बैठक से निकलकर चले गये। सहमति होने के बाद बोर्ड अध्यक्ष अर्जुन सिंह राठौर और कैंट बोर्ड सीईओ ने उन्हें प्रमाण पत्र सौंपा। इस दौरान उन्होंने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया। इस दौरान वार्ड-छह से बोर्ड सदस्य मंजु गोयल बैठक में नहीं पहुंची।
ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत
बीना वाधवा के कैंट उपाध्यक्ष चुने जाने की सूचना जैसे ही सभागार से बाहर पहुंची तो वहां ढोल बजने शुरू हो गये। इस दौरान कैंट बोर्ड कार्यालय पहुंचे बीना वाधवा के पति सुनील वाधवा ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया और मिठाई बांटी। इस दौरान ढोल बाजे के साथ उनका स्वागत किया गया। उन्होंने इसे जनता की जीत बताया। बीना वाधवा के सभागार से बाहर निकलते ही फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया। इस दौरान काफी संख्या में समर्थक मौजूद रहे।
विपिन सोढी ने बताया व्हिप का उल्लंघन
बोर्ड बैठक के बाद विपिन सोढ़ी ने कहा कि संगठन की ओर से उन्हें उपाध्यक्ष पद का दावेदार बनाया गया था, इसके लिये व्हिप भी जारी किया गया था, लेकिन बीना वाधवा, रिनी जैन, बुशरा कमाल, नीरज राठौर ने व्हिप का उल्लंघन किया है। उन्होंने की उनकी ओर से कोर्ट में भी रिट दायर की गई है।
जिसमें आज की बैठक को भी सम्मिलित किया गया है। अगर हाईकोर्ट इस बैठक को अवैध ठहराता है तो बैठक में किया गया चुनाव भी अवैध होगा। उन्होंने कहा कि संगठन तक बात पहुंची है आगे संगठन की ही जीत होगी। उन्होंने कहा कि इसे लेकर गुरुवार सुबह को भाजपा संगठन ने बैठक भी बुलाई थी, जिससे सभी ने दूसरी बनाकर रखी। वहां मैं और धर्मेंद्र सोनकर ही पहुंचे।
फिर वही कहानी, वही अंदाज और बन गया उपाध्यक्ष
नजारे वही जाने पहचाने थे और चेहरे भी लगभग वही थे। बदली सिर्फ उपाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने वाली शख्स। 10 दिन पहले जिन लोगों के खिलाफ व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था उन्हीं लोगों ने एक बार फिर अनुशासन का पर्याय मानी जाने वाली भाजपा के व्हिप को ठेंगा दिखाते हुए पार्टी के प्रत्याशी को दरकिनार कर बीना बाधवा को उपाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा दिया। भाजपा के महानगर अध्यक्ष ने एक बार फिर यह कह कर संतोष जाहिर किया कि जिन लोगों ने पार्टी लाइन को पार किया है उनके खिलाफ संगठन में रिपोर्ट भेज दी गई है।
कैंट बोर्ड के उपाध्यक्ष की कुर्सी भाजपा के लिये मैच ड्रा होने जैसी साबित हुई। इतिहास अपने को दोहराता है और पिछले 10 दिन में ऐसा दोबारा देखने को मिला। संघ से नजदीकी से जुड़े विपिन सोढी को जिन सभासदों ने एक राय होकर हटाया उन्हीं सभासदों ने पूर्व में बीना बाधवा को उपाध्यक्ष की कुर्सी से हटा कर विपिन सोढी को बैठा दिया था।
10 दिन पहले बदले घटनाक्रम से पहले जिस तरह से सुनील बाधवा और बीना बाधवा को भाजपा ज्वाइंन कराई गई थी तभी कैंट बोर्ड की राजनीति में एक नये अध्याय की शुरूआत हो गई थी। सुनील बाधवा के पास अर्जुन जैसा लक्ष्य था कि किसी तरह से उपाध्यक्ष की कुर्सी एक बार फिर से धर्मपत्नी को दिलवानी है। इसके लिये पार्टी के अंदर बैठे आला लोगों का आशीर्वाद लिया गया।
10 दिन पहले विपिन सोढ़ी को नाटकीय ढंग से हटा दिया गया। भाजपा के महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल ने व्हिप जारी किया था कि विपिन सोढी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव न लाया जाए इसके लिये अध्यक्ष ने अपने कार्यालय में बैठक बुलाई थी, लेकिन बैठक में सिर्फ धर्मेंद्र सोनकर और विपिन सोढी ही पहुंचे थे। उस वक्त महानगर अध्यक्ष ने कहा था कि जिन लोगों ने व्हिप का उल्लंघन किया है।
उनके खिलाफ संगठन को पत्र लिखा गया है। कैंट बोर्ड में वही कहानी फिर से दोहरा दी गई। महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल ने कहा कि जिन लोगों ने व्हिप का उल्लंघन किया है उनके खिलाफ संगठन में पत्र लिखा गया है। आखिर ऐसी क्या मजबूरी है पार्टी की जिसमें बार-बार गुनाह करने वालों को गीदड़ भभकी देकर छोड़ दिया जाता रहे। खुद पार्टी के जिम्मेदार लोगों का कहना है कि पूरा नाटक पूर्व नियोजित था और प्यादे भी पहले से तैयार कर लिये गए थे।
निष्ठा, समर्पण के साथ करुंगी कार्य: बीना
बीना वाधवा ने इस जीत को जनता की जीत बताया। उन्होंने कहा कि यह जीत भाजपा की जीत है। संगठन उनके लिये सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता पूर्व उपाध्यक्ष विपिन सोढी की कार्यशैली से परेशान थे, लोगों के कार्य भी नहीं हो पा रहे थे। उन्होंने सभासदों का भी विश्वास खो दिया था, जिसके चलते सभी को मिलकर यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएका। रुके हुए सभी कार्यों को पूरा कराया जाएगा। छावनी की जनता और छावनी के लिये कार्य किया जाएगा। सफाई सर्वेक्षण में छावनी को प्रथम स्थान दिलाया जाएगा। पहले भी छावनी के लिये कई योजनाएं सफाई को लेकर चलाई गर्इं थी जिनमें कूड़ा उठाने की योजना, पॉलीथिन बैन आदि थी सभी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उधर, मेरठ छावनी परिषद में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक ही बोर्ड में कोई सदस्य दूसरी बार उपाध्यक्ष बना हो। बीना वाधवा इस बोर्ड में पहले भी उपाध्यक्ष थी। जिसके बाद विपिन सोढ़ी उपाध्यक्ष बने थे। अब इसी बोर्ड में फिर से एक बार बीना वाधवा को कैंट उपाध्यक्ष चुना गया है। उनके उपाध्यक्ष चुने जाने के बाद कैंट बोर्ड के सभी सदस्यों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।
ये रहेगी प्राथमिकता————-
-मोबाइल कनेक्टिविटी को सही किया जाएगा
-सबडिवीजन का रेगुलाइज कराया जाएगा
-सफाई व्यवस्था पर दिया जाएगा विशेष ध्यान
-म्यूटेशन के रुके कार्य होंगे पूरे, प्रक्रिया को किया जाएगा सरल
-छावनी क्षेत्र में कराया जाएगा पूरा विकास