Wednesday, May 21, 2025
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कोरोना को लेकर लापरवाही का मंजर

  • वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार से कोरोना रिटर्न सरीखे हालात
  • जनसंख्या के अनुपात में अब भी कम को मिला है टीका
  • कोरोना वॉरियर्स और हेल्थ केयर वर्कर भी पूरी तरह आच्छांदित नहीं
  • भीड़ भरे इलाकों में भी तार तार है कोरोना प्रोटोकॉल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार और कोरोना प्रोटोकॉल के पालन में बरती जा रही लापरवाही से विशेषज्ञ कोरोना रिटर्न की आशंका जता रहे हैं। जो हालात बने हुए हैं, उसके चलते कोरोना के बडे अटैक की आशंका जताई जा रही है।

कोरोना का जितना बड़ा और व्यापक हमला हुआ, उसके मद्देनजर वैक्सीनेशन जितने बडे स्तर पर किया जाना चाहिए था। उसको लेकर भी सवाल खडे किए जा रहे हैं। यदि कोरोना रिटर्न सरीखे हालात बनते हैं तो उसके लिए सिस्टम के अलावा वो लोग भी जिम्मेदार हैं। जिन्होंने चेहरे पर लगाने के बजाय फेस मास्क उतारकर फेंक दिए हैं। सबसे बड़ा खतरा उन इलाकोें में लोगों की भीड़ को माना जा रहा है, जहां कोरोना के वायरस को पनपने के पर्याप्त हालात मौजूद हैं।

अभी टला नहीं है खतरा

कोरोना रिटर्न की आशंका जताने वालों को कहना है कि ये बात ठीक है कि संक्रमण के मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि जहां जहां कोरोना ने सबसे पहले और मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई थी, वहां दोबारा से धमाकेदार एंट्री कोरोना की है। नाइट कर्फ्यू की भी नौबत आ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण का ग्राफ नीचे आने का मतलब खतरा टल गया है, नहीं माना जा सकता। इसलिए अलर्ट तो बनता है।

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निपटने की तैयारी छोटी

रिटर्न की आशंका जताने के पीछे ठोस वजह भी है। दरअसल कोरोना ने जो भयानक रूप दिखाया है। उसे याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं। कोरोना के जिनके अपने छीन लिए उनके अपनों की आंखें आज भी याद कर नम हो जाती हैं। इन हालात से निपटने के लिए सिस्टम की जिन तैयारियों खासतौर से वैक्सीनेशन को लेकर जो उम्मीद आम आदमी कर रहा है वो अभी पूरी होती नजर नहीं आ रही है।

वैक्सीनेशन की जो रफ्तार है आशंका जताने वाले उसको लेकर भी खासे निराश हैं। उनका कहना है कि वैक्सीनेशन का पहला चरण 22 जनवरी को शुरू हुआ था और पहला चरण अभी कोरोना वॉरियर और हेल्थ केयर वर्कर के ईदगिर्द ही सिमटा है। लॉकडाउन के दौरान जो लोग खासतौर से कर्मचारी आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने में जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे थे एक माह से ज्यादा का वक्त होने को आया वैक्सीन के बुलावे का इंतजार कर रहे हैं।

आम आदमी के हिस्से में लंबा इंतजार

कोरोना वॉरियर, सेकेंड लाइन हेल्थ केयर वर्कर और फिर अन्य सरकारी कर्मचारी उसके बाद कहीं जाकर आम आदमी को कंसीडर किए जाने की बात कही जा रही है। आम आदमी की यदि बात की जाए तो बकौल सरकारी स्वास्थ्य एजेंसियों के जो लोग 50 साल से ऊपर के हैं, उन्हें वैक्सीन दी जाएगी। इसके अलावा जो लोग 45 आयु वर्ग के हैं और शुगर, हार्ड व कम इम्युनिटी वाली श्रेणी में उन्हें भी वैक्सीन की बात कही जा रही है, लेकिन बड़ा सवाल यही कि उनका इंतजार पूरा कब होगा।

कोरोना प्रोटोकॉल तार-तार

कोरोना ग्राफ नीचे आने का सबसे ज्यादा खामियाजा कोरोना प्रोटोकॉल को भुगतना पड़ा है। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को लेकर बड़ी देखी जा रही है।

आम ही नहीं अब खास में भी सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर लापरवाही आम हो गई हैं। बसें और टेÑनों की बात तो जाने ही दें, वीवीआईपी पार्टियों का भी सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क को लेकर ट्रैक रिकार्ड कोई बहुत अच्छा नहीं है। इन्हीं तमाम बातों को कोरोना को न्योता दिया जाना सरीखा बताया जा रहा है।

विशेषज्ञों की यह आशंका यूं ही नहीं है। इसके पीछे ठोस कारण भी हैं। पिछले साल माह फरवरी में ही कोरोना संक्रमण ने रंग ढंग दिखाना शुरू किया था और कुछ ही दिनों में पूरी तरह से छा गया था।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार भी कोरोना रिटर्न की आशंका से इनकार नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता है तो इसके लिए वो लोग जिम्मेदार होंगे जो लापरवाही बरत रहे हैं। इसी आशंका के चलते मरीजों की संख्या एकदम घट जाने के बाद भी कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड को खाली नहीं कराया जा रहा है। जहां तक वैक्सीनेशन की बात है तो जितनी क्षमता है उतना किया जा रहा है। जो छूट गए हैं, उन्हें भी वैक्सीन दी जाएगी।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डा. शिशिर जैन व डा. संदीप जैन का कहना है कि सावधानी तो बेहद जरूरी है। जहां तक वैक्सीनेशन की बात है तो मेरठ के करीब दो दर्जन प्राइवेट हॉस्टिपल स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीनेशन के लिए चिह्नित किए हैं। उम्मीद की जा रही है कि प्राइवेट हॉस्पिटलों में वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद आम आदमी का भी वैक्सीनेशन संभव है।

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सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के लिए चालान काटने वाले खुद लापरवाह

कोरोना महामारी में लॉक डाउन के दौरान परे शहर का चालान काटने वाले पुलिस वाले इन दिनों कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी की गई गाइडलाइन को लेकर पूरी तरह से लापरवाही बरत रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग हो या फिर मास्क दोनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पुलिस लाइन में टैÑफिक पुलिस, गणना, आरआई, दमकल, क्राइम ब्रांच सरीखे तमाम कार्यालय हैं।

इनके अलावा बैरक जहां रिजर्व फोर्स रहता है। जनवाणी की टीम जब गुरुवार को पुलिस लाइन पहुंची तो तमाम स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां बिखरी नजर आयीं। कम्युनिटी हाल में तो नजारा ऐसा था मानों विवाह समारोह में पुलिस वाले बतौर मेहमान आए हों। बेतरकीब पड़ी कुर्सियों पर पुलिस वाले कोरोना से बचाव को लेकर पूरी तरह से लापरवाह अंदाज में नजर आए। कमोवेश पुलिस लाइन की कैंटीन का भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई दिया। यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को लेकर पूरी लापरवाही बरती जा रही थी।

रिजर्व फोर्स का रिकॉर्ड मेनटेन करने वाले गणना कार्यालय, अग्नि शमन स्टाफ समेत अन्य जितने भी पुलिस से संबंधित कार्यालय लाइन में नजर आए वहां का स्टाफ कोरोना से बचाव के लिए किए जाने वाले उपायों को लेकर पूरी तरह से गैर जिम्मेदार था। महिला थाना में भी इसको लेकर पूरी लापरवाही दिखाई दी। वहां से मेले सरीखा हाल नजर आया। कमोवेश ज्यादातर मामलों में पुलिस का ऐसा ही हाल है वो चाहे दफ्तर हों या फिर कोर्ट कचहरी अथवा अन्य स्थान जहां पुलिस फोर्स की ड्यूटी लगाई जाती है।

कोरोना संक्रमण के चार नए केस

कोरोना संक्रमण के चार नए केस मिले हैं। इन्हें मिलाकर मेरठ में कुल संक्रमितों की संख्या 21375 हो गई है। गुरुवार को कुल 4408 सैंपल की जांच मेडिकल की माइक्रोबॉयलोजी लैब में की गई थी। जिनमें से चार केस संक्रमित पाए गए। इन संक्रमितों में सेक्टर चार जागृति विहार निवासी 25 वर्षीय, जटौली निवासी 23 वर्षीया, मवाना के ढिकौली निवासी 57 वर्षीया व शास्त्री नगर राजेन्द्र नगर निवासी 81 वर्षीय हैं।

वहीं, दूसरी ओर मौत के आंकड़ों की यदि बात की जाए तो मेरठ में अब तक कुल मरने वालों की संख्या 409 हो चुकी है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि सभी संक्रमितों को उपचार के लिए कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया है। उनके बेहतर उपचार की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करना चाहिए। कोशिश है कि संक्रमितों की संख्या शून्य हो। इसके लिए काफी प्रयास भी किए जा रहे हैं।

सबसे ज्यादा जोर कान्टेक्ट टेÑसिंग पर किया जा रहा है। जिन इलाकों में संक्रमण के केस मिल रहे हैं, वहां संपर्क में आने वाले सभी लोगों के सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों में लोग बाहर से आ रहे हैं खासतौर से जिन परिवारों में विदेशों से उनके परिवार के सदस्य या मेहमान आ रहे हैं उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को आवश्य दी जानी चाहिए। विदेशों से आने वालों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।

दअरसल अधिकारियों का मानना है कि स्थानीय स्तर पर कोरोना संक्रमण को पूरी तरह से काबू कर लिया गया है, जो केस फिलहाल मिल रहे हैं उनका किसी न किसी प्रकार का बाहरी संबंध मिल रहा है। इसलिए सबसे ज्यादा जोर बाहर से आने वालों के कान्टेक्ट ट्रेसिंग पर दिया जा रहा है। सीएमओ ने बताया कि जितनी मेहनत व सावधानी से स्वास्थ्य विभाग की टीमें काम कर रही हैं उसके शानदार परिणाम शीघ्र ही सामने आएंगे।

इसके अलावा लोगों से कहा गया है कि मास्क का नियमित रूप से प्रयोग किया जाए। साथ ही सोशल डिस्टेसिंग भी बनाकर रखी जाए। भीड़ वाले इलाकों में अधिक सावधानी बरते जाने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।

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