जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इन दिनों लगातार यह बात कह रहे हैं कि खेला होगा। इसकी शुरुआत अब दिखने लगी है। कुछ घंटे पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला किया। फिर कुछ देर के बाद ही रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लिखी बात को डिलीट भी कर दिया। और अब, भाजपा ने अपने सारे विधायक को पटना बुला लिया है।
जानकारी के मुताबिक, चार बजे तक उन्हें पटना में उपस्थित रहने के लिए निर्देश दिया गया है। लगातार बदल रहे घटनाक्रम से यह दिखने लगा है कि हो न हो जीतन राम मांझी की भविष्यवाणी अब सत्य होने वाली है। मांझी ने पहले ही अपने विधायकों को बिहार से बाहर नहीं जाने और भरसक पटना में रहने कहा था। सिर्फ पटना में ही बुलावा नहीं आया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी के साथ भाजपा कोटे से नीतीश कुमार के साथ उप मुख्यमंत्री रह चुके राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी को भी दिल्ली बुलाया गया है। संभवत: आज ही इनके साथ बैठक होगी।
रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर लिखा था-“अक्सर कुछ लोग नहीं देख पाते हैं अपनी कमियां, लेकिन किसी दूसरे पे कीचड़ उछालने को करते हैं बदतमीजियां…”। फिर आगे लिखा- “खीज जताए क्या होगा, जब हुआ न कोई अपना योग्य। विधि का विधान कौन टाले, जब खुद की नीयत में ही हो खोट।” उन्होंने फिर लिखा- “समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है, हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है”। बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर लिखी रोहिणी की बातों से सीएम नाराज हो गए और कैबिनेट बैठक के दौरान रूखे-रूखे रहे।
2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू-भाजपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और इसी गठबंधन को सरकार चलाने के लिए जनमत मिला था। बीच में नीतीश कुमार ने भाजपा से दूरी बना ली और महागठबंधन के मुख्यमंत्री बन गए। बिहार विधानसभा में संख्या के लिहाज से राजद पहले नंबर पर है। उसके पास 79 विधायक हैं। इसके बाद भाजपा है। भाजपा के पास 78 विधायक हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के पास विधायकों की संख्या 45 है। ऐसे में भाजपा विधायकों का पटना बुलाया जाना महागठबंधन सरकार की अस्थिरता की खबर को आगे बढ़ा रहा है।