Wednesday, April 23, 2025
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बंगाल उपचुनाव में भाजपा ने अग्निमित्र पॉल को मैदान में उतारा

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: भाजपा ने आगामी लोकसभा उपचुनावों के लिए फैशन डिजाइनर से राजनेता बनीं अग्निमित्र पॉल को मैदान में उतारा है। यहां उनका सामना तृणमूल कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा से होगा। पॉल पश्चिम बंगाल भाजपा की महासचिव भी हैं और 2021 के विधानसभा चुनावों में आसनसोल दक्षिण (दक्षिण) से विधायक चुनी गई थीं। उन्होंने तत्कालीन टीएमसी उम्मीदवार सयानी घोष को हराया था। बालीगंज से विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने केया घोष को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।

टीएमसी ने आसनसोल से लोकसभा उपचुनाव और बालीगंज से विधानसभा उपचुनाव के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा और बाबुल सुप्रियो को मैदान में उतारा है। सिन्हा और सुप्रियो दोनों कभी भाजपा के सदस्य हुआ करते थे।

इस बीच अग्निमित्र पॉल ने कहा कि बाबुल सुप्रियो और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे लोगों के जीवन में कोई विचारधारा या नीति नहीं है। भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है और पार्टी के लिए कोई व्यक्तिगत मामला नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात ‘कमल’ है। शत्रुघ्न सिन्हा कभी कांग्रेस में हुआ करते थे, फिर वे भाजपा में शामिल हुए और अब टीएमसी में चले गए। अब वह आप में भी शामिल हो सकते हैं।”

आसनसोल लोकसभा सीट दो बार के भाजपा सांसद सुप्रियो के पिछले साल अक्तूबर में भाजपा छोड़कर टीएमसी में शामिल होने के बाद खाली हुई थी। बालीगंज विधानसभा सीट राज्य मंत्री सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद खाली हुई थी।

टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने मुझपर हमला किया: भाजपा नेता

इस बीच भाजपा नेता कल्याण चौबे ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि चौबे मासाग्राम इलाके में एक मंदिर जा रहे थे, तभी अज्ञात लोगों ने जमालपुर रेलवे क्रॉसिंग पर उनकी कार को रोक लिया। सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और उन्हें भिडंत से बचाया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

बाबुल सुप्रियो ने तोड़ी चुप्पी

बालीगंज विधानसभा उपचुनाव के लिए टीएमसी उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने घृणा और विभाजन की राजनीति की वजह से भाजपा छोड़ने का फैसला किया था। पूर्व सांसद ने केंद्र में मंत्री पद गंवाने के तुरंत बाद भाजपा छोड़ दी थी। अक्सर खेमे बदलने के अपने फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए सुप्रियो ने बंगाल बीजेपी के आधिकारिक पेज को टैग करते हुए ट्वीट किया कि मेरे पद छोड़ने का फैसला नफरत और विभाजन की राजनीति की वजह से था। मैं अब और नहीं कर सकता था। मैं राजनीति के ऐसे ब्रांड के साथ सामंजस्य नहीं बैठा सकता था।

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