जनवाणी संवाददाता |
शामली: राजनीतिक गलियों में जिस तरह के कयास लगाए जा रहे थे,वह सही निकले। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के करीबी माने जाने वाले पूर्व विधायक तेजेंद्र निर्वाल को हाईकमान ने शामली जनपद की कमान सौंप दी है।
उत्तर प्रदेश में जिलाध्यक्षों की बहुप्रतीक्षित सूची को शुक्रवार को प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने जारी कर दिया। इस सूची के अनुसार प्रदेश में करीब 50 जिलों के जिलाध्यक्ष को बदल गया है। इनमें सर्वाधिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 19 जिलाध्यक्ष/ महानगर अध्यक्ष शामिल हैं। शामली जनपद की कमान भाजपा हाईकमान ने पूर्व विधायक तेजेंद्र निर्वाल को सौंपी है।
तेजेंद्र निर्मल को जहां प्रदेशाध्यक्ष का बेहद करीबी माना जाता है, वहीं तेजेंद्र निर्वाल वर्ष 2012 में भी शामली जनपद के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही, 2017 में वे पहली बार शामली विधानसभा सीट से भाजपा के सिंबल पर विधायक बने थे। योगी सरकार में उनके मंत्री बनने की संभावनाएं थीं, लेकिन बाजी थानाभवन से विधायक रहे सुरेश राणा के हाथ लगी थी।
जिस तरह से राजनीतिक गलियारों में जिलाध्यक्ष को लेकर सुगबुगाहट थी, उससे पूर्व विधायक तेजेंद्र निर्वाल और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हरवीर मलिक दौड़ में आगे चल रहे थे, लेकिन 6 दिन पूर्व एक घटनाक्रम के दौरान शामली कोतवाली पर हुए धरने पर दर्शन में हरवीर मलिक के पहुंचने और जिलाध्यक्ष सतेंद्र तोमर द्वारा उनके सहित 20 से अधिक नेताओं को नोटिस जारी करने के मामला ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया था।
साथ ही, पूर्व विधायक तेजेंद्र निर्वाल का पलड़ा भारी हो गया था। बता दें, तेजेंद्र निर्वाल 2022 का विधानसभा चुनाव भी शामली विधानसभा सीट से लड़े थे लेकिन राष्ट्रीय लोकदल के प्रसन्न चौधरी ने उनको करीब 7500 मतों से पराजित कर दिया था।