Thursday, January 9, 2025
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भाजपा में ठेकेदारों की फौज कर रही पार्टी का बंटाधार !

संजीव गुप्ता जैसे कई ठेकेदार मौजूद हैं पार्टी में

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एनसीईआरटी घोटाले ने दिखा दिया कि संस्कारों और ईमानदारी की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी में किस हद तक गड़बड़ी करने वाले मौजूद हैं।

संजीव गुप्ता का नाम उजागर होने के बाद सवालों के घेरे में महानगर कार्यकारिणी आ गई है। खुद पार्टी के नेताओं ने आवाज उठानी शुरू कर दी है कि पार्टी के नाम पर ठेकेदारी करने वालों के खिलाफ अगर कार्रवाई नहीं हुई तो पूरी कार्यकारिणी दागदार कहलाएगी।

वहीं भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने जिस तरह से कहा कि पार्टी में ठेकेदारी करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए, क्या संगठन को यह नहीं पता कि जिस वक्त ऐसे लोगों को कार्यकारिणी में शामिल किया गया था उस वक्त ऐसे लोगों की स्क्रूटनिंग नहीं की गई थी।

भाजपा की महानगर कार्यकारिणी के अच्छे कामों के बारे में भले कोई न जानता हो लेकिन बदनुमा दाग वाले कारनामों की चर्चाएं पार्टी और विरोधी पार्टी की जुबान पर चढ़ी हुई है।

चाहे तेल का खेल हो, लॉकडाउन में रसोई का मामला हो या फिर एनसीईआरटी का प्रकरण। पार्टी के नेताओं को लेकर आरोपों के दौर खूब चले। भाजपा के एक बड़े वर्ग का कहना है कि पार्टी कार्यकारिणी में ऐसे लोग मौजूद हैं।

आरोपी चाचा-भतीजा फरार, दबिशों का दौर

साठ करोड़ रुपये के एनसीईआरटी की नकली किताबों के मामले में मुख्य आरोपी संजीव गुप्ता और उनके भतीजे सचिन गुप्ता फरार चल रहे है।

धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में लिप्त चाचा भतीजे की गिरफ्तारी के लिये दबिशें दी जा रही है। वहीं फरार चल रहे बाकी दो लोगों की भी तलाश की जा रही है।

बुढ़ानागेट ठठेरवाड़ा निवासी संजीव गुप्ता की परतापुर के अच्छरोड़ा में गोदाम से एसटीएफ ने 35 करोड़ का घोटाला पकड़ा था। संजीव गुप्ता ने मोहकमपुर में एक प्रिंटिंग प्रेस का दावा किया था, जो मौके पर एक होटल के रूप में मिला।

एसटीएफ को परतापुर से 9 लाख किताबें और गजरौला से छह लाख किताबें और साढ़े पांच लाख कवर मिले थे। इसके अलावा छह प्रिंटिंग मशीने भी जब्त की गई है।

इस मामले में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है। संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता की तलाश में परतापुर पुलिस दबिशें दे रही है। परतापुर इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने बताया कि आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास किये जा रहे है और बहुत जल्द पकड़ में आ जाएंगे।

निगम की ठेकेदारी करते हैं और पार्टी के नाम का फायदा उठा रहे है। इसी तरह एक अन्य महामंत्री एमसीएक्स, शराब और एनसीईआरटी मामलों में शामिल है।

इन महामंत्री के शहर के कई शराब के ठेकों में पत्ती भी बताई जाती है। इसी तरह एक पदाधिकारी की नियुक्ति के लिये कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की सिफारिश पर रखा गया है।

यह पदाधिकारी भी नगर निगम की ठेकेदारी करते हैं और ठेकेदारी संघ में पदाधिकारी भी है। इसके अलावा कई अन्य पदाधिकारी अपने धंधे चला रहे हैं।

पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल को क्या ऐसे लोगों की जानकारी नहीं है जो ठेकेदारों को बाहर का रास्ता दिखाने की बात कर रहे है।

इसी तरह पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष रह चुके अश्वनी त्यागी जो वर्तमान समय में प्रदेश महामंत्री बने है उनको भी मेरठ की महानगर कार्यकारिणी की पूरी जानकारी है।

इसके बाद भी ऐसे लोग कार्यकारिणी में मौज ले रहे हैं। हैरानी की बात यह है जो लोग अब संजीव गुप्ता पर उंगली उठा रहे हैं वही लोग इनकी पैरवी में खड़े रहते थे।

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