- चुनाव में जीएसटी की व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में मेरठ में बड़ी रैली हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रैली में मौजूद रहे। भाजपा के लिए एक-एक सीट महत्वपूर्ण है, लेकिन जीएसटी विभाग के अधिकारी भाजपा का खेल बिगड़ने में लगे हुए हैं। इसके पीछे स्थानीय भाजपा नेताओं की कहीं साजिश तो नहीं है। क्योंकि अरुण गोविल भाजपा के बाहरी प्रत्याशी हैं, जिसको लेकर स्थानीय भाजपा के नेता कुछ भीतर घात कर रहे हैं।
खुलकर विरोध तो नहीं किया जा रहा हैं, लेकिन राज्य कर विभाग (जीएसटी) के अधिकारियों से मिलकर आचार संहिता के दौरान व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की जा रही है। ऐसा करने से व्यापारी वर्ग नाराज हो जाएगा। एक दिन पहले मुजफ्फरनगर के सरिया व्यापारियों के यहां छापेमारी जीएसटी ने की थी। शुक्रवार को जीएसटी के अधिकारियों ने शहर के कई होटलों में छापेमारी की। इससे यही लग रहा है कि भाजपा के प्रत्याशी अरुण गोविल का खेल बिगड़ने का कुछ तो साजिश चल रही है।
क्योंकि व्यापारी वर्ग भाजपा का है और व्यापारियों पर ही जीएसटी अपना शिकंजा आचार संहिता के दौरान कस रही है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट आदेश दिए थे कि आचार संहिता के दौरान ईडी या जीएसटी की कोई छापेमारी नहीं होगी, लेकिन यहां उसके विपरीत जीएसटी विभाग के अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं। शुक्रवार को जीएसटी के अधिकारियों की एक टीम ने शहर के कई होटलों में छापेमारी की। इसके बाद व्यापारियों में भाजपा के प्रति नाराजगी बढ़ गई। क्योंकि व्यापारी भाजपा का मूल वोट है,
लेकिन जीएसटी के अधिकारी व्यापारियों को ही अपना निशाना बनाकर वह भी चुनाव आचार संहिता के दौरान आखिर क्या मैसेज देना चाहते हैं? यह बड़ा सवाल है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि जब लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगी हुई है, इस दौरान कोई भी छापेमारी नहीं हो सकती, लेकिन फिर किसके आदेश पर जीएसटी के अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं? इसको लेकर जीएसटी अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
बता दें कि जीएसटी के अधिकारियों ने मुजफ्फरनगर के एक सरिया व्यापारी के यहां भी छापेमारी की। शहर के होटल में जो छापेमारी जीएसटी की टीम ने की है उस टीम में शामिल अधिकारियों की गाड़ियों पर चुनाव ड्यूटी का स्टीकर चस्पा था। उन गाड़ियों को लेकर कैसे छापेमारी की जा रही है। ऐसे तो आचार संहिता का सीधे उल्लंघन किया जा रहा हैं। यह बड़ा सवाल ये है कि इसकी फुटेज और वीडियो भी वायरल हो रही है। क्योंकि एक तरफ चुनाव आचार संहिता लगी है। दूसरी तरफ चुनाव में जो ड्यूटी लगी है, उन अधिकारियों ने चुनाव ड्यूटी की गाड़ियों का प्रयोग छापेमारी में कैसे किया?
ये भी जांच का विषय हैं। दरअसल, शहर में चर्चा यह भी है कि भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल बाहरी है, जिसके चलते चुनाव में हानि पहुंचाने के लिए भाजपा के स्थानीय नेता जीएसटी अधिकारियों से मिलकर व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कराकर व्यापारी वर्ग को नाराज कर रहे हैं। इससे तो यही संदेश जा रहा हैं। जिसके चलते व्यापारी वर्ग भाजपा से नाराज हो गया है। यह छापेमारी राज्य कर विभाग (जीएसटी) के द्वारा की जा रही है। ऐसे में छापेमारी को लेकर आला अफसरों की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई हैं।