साउथ स्टार अल्लू अर्जुन, साउथ के 1000 से अधिक फिल्में करने वाले बेहद पापुलर कॉमेडी एक्टर अल्लू रामलिंगैया के नाती हैं। अल्लू अर्जुन के पिता अल्लू अरविंदम साउथ के जाने माने फिल्म प्रोडयूसर हैं। चिरंजीवी अल्लू अर्जुन के फूफा हैं। चिरंजीवी के भाई पवन कल्याण भी साउथ के जबर्दस्त एक्टर हैं। अल्लू अर्जुन की फिल्में, कमाई के मामले में बॉलीवुड के अनेक बड़े स्टार्स को टक्कर देती रही हैं। उनकी पिछली फिल्म ‘पुष्पा: द राइज‘ (2021) ने उन्हें वैसे ही सफलता दिलाई, जैसी ‘बाहुबली फ्रेंचाइजी‘ ने प्रभास को दिलाई थी।
‘पुष्पा: द राइज‘ ने ‘मास्टर‘ और ‘स्पाइडर मैन‘ जैसी फिल्मों को पीछे छोड़ते हुए़ 2021 की सबसे बड़ी ओपनिंग डे वाली फिल्म होने का गौरव हासिल किया। रिलीज के महज 29 दिनों में 300 करोड़ के क्लब में शामिल होकर इस फिल्म ने एक और कीर्तिमान रच दिया।
इसी के साथ यह साउथ की चौथी ऐसी फिल्म बनी जिसने 300 करोड़ के क्लब में एंट्री ली। सुकुमार द्वारा निर्देशित ‘पुष्पा: द राइज‘ के दूसरे पार्ट ‘पुष्पा: द रूल‘ की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। संभवत: यह इस साल जुलाई में फ्लोर पर आ सकेगी। इसे अगले साल रिलीज किया जाएगा।
प्रस्तुत हैं अल्लू अर्जुन के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:
क्या आपने उम्मीद की थी कि ‘पुष्पा: द राइज‘ के हिंदी वर्जन को इस कदर आॅडियंस का प्यार मिलेगा?
हम फिल्म के डब वर्जन को ओटीटी पर लाने से पहले थिएटर में रिलीज करके देखना चाहते थे। हमने तो बस एक प्रयोग किया था लेकिन जो रिस्पांस मिला, वह कमाल का रहा है।
कुछ साल पहले आपने कहा था कि आप साउथ की तरह बॉलीवुड फिल्मों में भी काम करना चाहते हैं। फिर किस चीज ने अब तक आपको रोक रखा है?
हिंदी सिनेमा से हर कोई प्यार करता है। मुझे लगता है कि यदि मैं यहां काम करता हूं तो मेरे प्रति आॅडियंस के प्यार में और इजाफा होगा। कुछ बॉलीवुड फिल्मों के आॅफर मुझे मिले अवश्य हैं लेकिन वे ऐसे नहीं थे जो मुझे उत्साहित कर सकें। कोई दमदार किरदार मिला तो मैं अवश्य यहां काम करना चाहूंगा।
आप किस तरह की बॉलीवुड फिल्में करना चाहते हैं?
कमर्शियल हों, अच्छी हों बस। मुझे पैरलल सिनेमा करने में मजा नहीं आता। मैं उस तरह की फिल्में देखता हूं और पसंद भी करता हूं लेकिन मुझे लगता है कि उस तरह के सिनेमा के लिए मैं बना ही नहीं हूं।
लेकिन इस न्यूज एज को मसाला एंटरटेनर फिल्मों के बजाए कॉन्टेंट सिनेमा के लिए ज्यादा मुफीद माना जा रहा है?
हर चीज की अपनी खूबसूरती है। एक अच्छी कहानी वाली कमर्शियल फिल्म की भी अपनी खूबसूरती है। कमर्शियल सिनेमा समय के साथ ज्यादा सैंसिबल हो रहा है। यह तय है कि यदि एक अच्छी कहानी वाली फिल्म में डांस, इमोशन, कॉमेडी और एक्शन जैसे कमर्शियल एलिमेंट डालो तो वो और अच्छी बनेगी।
बॉलीवुड के किस डायरेक्टर के साथ काम करना चाहते हैं?
साउथ इंडियन एक्टर्स बेसिकली कमर्शियल फिल्में करते हैं और अगर मैं बॉलीवुड की कमर्शियल फिल्मों की बात करूं तो मेरे लिए बेस्ट डायरेक्टर रोहित शेट्टी हैं जो जानते हैं कि पब्लिक को क्या चाहिए।
बॉलीवुड फिल्मों की वह कौन सी खूबी है जो आपको आकर्षित करती है?
यहां की फिल्में तो खूबियों का खजाना हैं। यहां की फिल्मों में जिस तरह के ग्लैमरस सांग, रोमांस ड्रामा होता है वह मुझे बहुत अच्छा लगता है। मुझे लगता है कि यह सब कुछ बॉलीवुड की ताकत है।
सुभाष शिरढोनकर