Tuesday, July 9, 2024
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निलंबन बहाली मामले में बीएसए की जांच को हाईकोर्ट में चुनौती

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  • चर्च सिटी जूनियर हाईस्कूल की प्रबंध कमेटी के प्रबंधक ने ली कोर्ट की शरण
  • अपर शिक्षा निदेशक राजकीय और संयुक्त शिक्षा निदेशक महिला करेंगे जांच
  • अपर शिक्षा निदेशक से मिले चर्च सिटी जूनियर हाईस्कूल के प्रबंधक रमेश गिल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: चर्च सिटी जूनियर हाईस्कूल की प्रबंध समिति द्वारा निलंबित की गयी प्रधानाचार्या की बहाली की बीएसए मेरठ की जांच का हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है। इस संबंध में प्रबंध समिति के सचिव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। वहीं, दूसरी ओर बीएसए की जांच में प्रधानाचार्या की बहाली के आदेश के इतर शासन के अपर शिक्षा निदेशक संजय कुमार ने भी दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी में अपर शिक्षा निदेशक राजकीय व संयुक्त शिक्षा निदेशक महिला शामिल की गयी है। दरअसल, बीते 25 सितंबर को चर्च सिटी जूनियर हाईस्कूल ठठेरवाड़ा मेरठ की प्रबंध कमेटी के प्रबंधक इलाहाबाद में अपर शिक्षा निदेशक से मिले थे।

ये हुआ अब तक

बेसिक शिक्षा अधिकारी मेरठ ने चर्च सिटी जूनियर हाई स्कूल ठठेरवाड़ा मेरठ प्रधानाचार्या के निलंबन मामले में प्रबंध समिति को बड़ा झटका देते निलंबन समाप्त कर दिया। दरअसल, परिषदीय स्कूलों को लेकर नियम है कि यदि किसी स्कूल की प्रबंध समिति द्वारा अपने स्कूल की प्रधानाचार्य को निलंबित किया जाता है तो वह निलंबन महज 60 दिन प्रभावी रहेगा। 60 दिन से अधिक प्रभावी तभी रह सकता है जब जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रधानाचार्य के निलंबन के प्रबंध समिति के निलंबन के निर्णय का अनुमोद कर दें, उस पर मुहर लगा दें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

चर्च सिटी ठठेरवाड़ा जूनियर हाई स्कूल की प्रबंध समिति की तमाम कवायदों के बाद भी स्कूल की प्रधानाचार्या का निलंबन 60 दिन से ज्यादा नहीं टिका रह सका। बीएसए ने ना तो उसका अनुमोदन किया और न ही उस पर किसी प्रकार की आपत्ति दर्ज की जिसके बाद शासकीय नियम के चलते निलंबन स्वत ही खत्म हो गया। वहीं, दूसरी ओर स्टाफ को लेकर भी इस मामले में तमाम तरह की बाते सामने आ रही हैं। सबसे बड़ी मुसीबत इस खींचतान के चलते दो माह से वेतन नहीं रिलीज हुआ है।

इस वजह से किया निलंबन

चर्च सिटी की प्रबंध समिति का प्रधानाचार्य पर आरोप है कि उनकी शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण पत्रों संदेहास्पद हैं। उनकी जांच जरूरी है। इसके लिए ठोस साक्ष्य भी प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इसके अलावा प्रधानाचार्या पर स्कूल व प्रबंध समिति के प्रति अनर्गल दुष्प्रचार करने के भी आरोप हैं। उन पर जो सवाल उठाए गए हैं उन पर भी प्रबंध समिति कायम हैं। उन सवालों का उत्तर अभी तक प्रधानाचार्य ने नहीं दिया है। उनका कहना है कि जो कुछ हुआ है, वह उचित नहीं ठहराया जा सकता।

जता दी थी पहले ही आशंका

जिस प्र्रकार से निलंबन खत्म किया गया है प्रबंध समिति का कहना है कि उसकी पहले ही आशंका जता दी गयी थी। चर्च सिटी स्कूल की प्रबंध समिति ने आशंका जतायी है कि बीएसए से मिली राहत के चलते प्रधानाचार्य कोर्ट की शरण ले सकती हैं। प्रबंध समिति के स्तर से किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर स्थगनादेश हासिल कर सकती हैं। चर्च सिटी के सचिव रमेश गिल ने जानकारी दी कि बीएसए कार्यालय द्वारा निर्णय की जानकारी रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजे जाने की जानकारी उन्हें मिली है, लेकिन 18 सितंबर तक उन्हें कोई भी रजिस्टर्ड डाक इस संबंध में नहीं प्राप्त हुई है।

रमेश गिल ने आशंका जतायी कि इन्हीं तमाम चीजों के चलते प्रबंध समिति द्वारा निलंबित की गयी प्रधानाचार्या को कोर्ट की मार्फत राहत का मौका प्रदान करने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ी जा रही है। रमेश गिल ने इसको अनुचित बताया। साथ ही कहा कि जो आरोप प्रबंध समिति ने प्रधानाचार्य पर लगाए हैं उस पर प्रबध समिति कायम है। इस मामले में बीएसए कार्यालय की भूमिका के चलते ही हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।

ये कहना है सचिव का

चर्च सिटी जूनियर हाईस्कूल के सचिव रमेश गिल ने बताया कि जिस प्रकार से बीएसए ने निलंबन समाप्त किया वह असंवैधानिक है। इसको लेकर विगत 25 सितंबर को वह शिक्षा निदेशक प्रयागराज से मिले थे। उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया। अपर शिक्षा निदेशक ने बताया कि शासन स्तर से इस मामले की जांच करायी जा रही है।

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