जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज सोमवार को राजनीति से रिटायर होने की खबरों पर चुप्पी तोड़ते हुए बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायवती ने कहा है रिटायरमेंट का सवाल ही नहीं है। मैं अंतिम सांस तक बहुजन मिशन के लिए काम करती रहूंगी। उन्होंने कहा कि मेरे रिटायरमेंट की खबरें जातिवादी मीडिया के जरिए फैलाई जा रही हैं।
इस तरह की खबरों को लेकर रहे सावधान
उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें डॉ. अंबेडकर और कांशीराम के प्रारंभ किए गए बहुजन आंदोलन को कमजोर करने के लिए साजिश के तहत फैलाई जाती हैं। मेरी अनुपस्थिति या खराब स्वास्थ्य होने पर जिम्मेदारियों के लिए आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया गया है। अत: इस तरह की खबरों को लेकर सावधान रहें।
राष्ट्रपित बनने की अफवाहें भी उड़ी
मायावती ने कहा कि इसके पहले भी मेरे राष्ट्रपति बनने की अफवाहें उड़ाई गई थीं। कांशीराम जी को भी इस तरह का ऑफर दिया गया था जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था तो उनके शिष्य के इस तरह के ऑफर स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता है।
वहीं, मायवती ने सपा को लेकर भी बयान दिया है। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में कहा कि सपा ने 2 जून 1995 में बसपा द्वारा समर्थन वापस लेने पर मुझ पर जानलेवा हमला कराया था। इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है? उस दौरान केंद्र में रही कांग्रेस सरकार ने भी समय से अपना दायित्व नहीं निभाया था। दरअसल, उस समय केंद्र की कांग्रेस सरकार की भी नीयत खराब हो चुकी थी।
जो कुछ भी अनहोनी के बाद यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर, पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी। उसका यह षड्यंत्र बसपा ने फेल कर दिया था। उस समय सपा के आपराधिक तत्वों से भाजपा सहित समूचे विपक्ष ने मानवता व इन्सानियत के नाते मुझे बचाने में जो अपना दायित्व निभाया, इसकी कांग्रेस को बीच-बीच मे तकलीफ होती रहती है। लिहाजा बसपा समर्थक कांग्रेस से सचेत रहें।
बसपा वर्षों से इसकी पक्षधर रही
मायावती ने कहा कि बसपा वर्षों से जातीय जनगणना के लिए केंद्र में कांग्रेस और भाजपा पर पूरा दबाव बनाती रही है। बसपा वर्षों से इसकी पक्षधर रही है। लेकिन जातीय जनगणना के बाद, क्या कांग्रेस एससी-एसटी व ओबीसी वर्गों का वाजिब हक दिला पायेगी। कांग्रेस एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर अभी भी चुप्पी साधे हुए है, उसका जवाब दे।
कल होगी प्रदेश कार्यालय में बैठक
बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में होगी, जिसमें मायावती को फिर पार्टी की कमान सौंपी जाएगी। साथ ही, राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा। बैठक मे पार्टी के देशभर के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे, जिन्हें मायावती राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और यूपी के उपचुनाव को लेकर अहम दिशा-निर्देश देंगी।