Friday, May 30, 2025
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लाइट, वाइपर के बिना रोड पर उतार दी बसें

  • एआरएम फाइनेंस ने लगाई श्यामा-श्याम कंपनी की क्लास, हो सकता है बड़ा एक्शन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: महानगर सेवा के अंतर्गत चलने वाली सीएनजी बसों के मेंटेनेंस में किस कदर लापरवाही की जा रही है, इसका एक उदाहरण गुरुवार रात देखने को मिला। जिसमें अंधेरे और बरसात के बीच लाइट और वाइपर के बिना ही बस को रोड पर उतार दिया गया।

यात्रियों के माध्यम से इस बारे में की गई शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एआरएम फाइनेंस ने मेंटेनेंस करने वाली श्यामा-श्याम कंपनी के अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने शुक्रवार को फोरमैन समेत संचालक से जुड़े अधिकारियों को अपने कार्यालय में तलब किया है। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

गुरुवार देर शाम बारिश के बीच मेरठ बेगम पुल से वाया सरधना छुर-मुल्हैड़ा यूपी 78/बीटी 6088 जाने वाली बस संख्या करीब 7:15 रवाना हुई। उस समय बस में करीब 40 सवारियां मौजूद थीं। यात्रियों के अनुसार लाइट डिम होने के साथ-साथ बस में वाइपर भी नहीं चल रहे थे। जिसके कारण बस को बार बार रोक कर उसके शीशे साफ कराते हुए ड्राइवर ने बस को आगे बढ़ाना शुरू किया लाइट और वाईपर के अभाव में अंधेरी और बारिश के बीच चलाई जा रही इस बस की तस्वीरें खींचकर यात्रियों ने एआरएम फाइनेंस समेत संबंधित अधिकारियों को प्रेषित की।

टीआरएम फाइनेंस मुकेश कुमार अग्रवाल ने इतनी लापरवाही के साथ बस को मार्ग पर उतारने केस मामले को बेहद गंभीरता से लिया उन्होंने तत्काल बसों का मेंटेनेंस करने वाली कंपनी श्यामा श्याम के अधिकारियों और संचालन से जुड़े विभागीय अधिकारियों की क्लास लगाते हुए उनसे जवाब तलब किया उन्होंने इस मामले में अपना जवाब देने के लिए संचालन से जुड़े सभी अधिकारियों को अपने कार्यालय में तलब किया है।

तीन लाख रुपये प्रतिदिन होता है मेंटेनेंस चार्ज

महानगर बस सेवा केंद्र का चलने वाली सीएनजी की लगभग 100 बसों के मेंटेनेंस का काम श्यामा श्याम कंपनी के माध्यम से कराया जाता है। 19.71 प्रति किलोमीटर की दर से श्यामा श्याम कंपनी मेंटेनेंस के नाम पर और चालक देने के नाम पर वसूल करती है। प्रतिदिन 180 किलोमीटर के आसपास हर बस चलती है। सीएनजी बसों की अगर बात की जाए तो प्रतिदिन का संचालन 88 का औसत है।

जिनमें 180 किमी संचालन से देखा जाए तो प्रतिदिन तीन लाख रुपये खर्च कर रहे हैं। इसके बावजूद अधिकतर सीएनजी बसों की लाइट, शीशे, सीटें, वाइपर आदि खराब दशा में पाए जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि किशोर क्षेत्र में चलने वाली सीएनजी की ज्यादातर बसें अपेक्षाकृत ठीक-ठाक कंडीशन में रहती हैं। जबकि सरधना समेत अन्य मार्गों पर चलने वाली बसों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। यही कारण है कि सीएनजी बसें आए दिन कहीं न कहीं ब्रेकडाउन का शिकार होती रहती हैं।

रात्रि के समय बरसात के बीच वाइपर और बिना लाइट की बस को रोड पर उतारना बेहद गंभीर मामला है। हर यात्री और स्टाफ की सुरक्षा विभाग का पहला दायित्व है। लाइट और वाईपर के बगैर बस का संचालन गंभीर हादसे का कारण बन सकता है। इस संबंध में श्यामा श्याम कंपनी के अधिकारी, संबंधित फॉर मैन और संचालन से जुड़े अधिकारियों को तलब किया गया है। इस प्रकरण में संबंधित कंपनी से रिकवरी की जाएगी। साथ ही फॉर मैन व अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। मुकेश अग्रवाल, एआरएम फाइनेंस, मेरठ परिक्षेत्र

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