- कैंट क्षेत्र में खुलेआम चल रहे अवैध निर्माण, कैंट अफसर कुंभकर्णी नींद में
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सीबीआई लगातार कैंट बोर्ड में भ्रष्टाचार रोकने के लिए छापेमारी कर रही हैं। भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मियों को गिरफ्तार भी कर रही हैं, लेकिन कैंट बोर्ड कर्मचारियों का दुस्साहस तो देखिये कि इसके बावजूद अवैध निर्माण कराये जा रहे हैं। आबूलेन पर निशात सिनेमा कभी हुआ करता था, उसको भी मोडीफाइड कर आॅफिस का संचालन कर दिया गया हैं। इसमें सीओ व इंजीनियर मौके पर जाकर देखकर आये, फिर भी वर्क करा दिया गया।
इसी तरह से बॉबे बाजार स्थित बड़ा निर्माण चल रहा हैं, जिसका विवाद से पहले कैंट बोर्ड के अफसर कटघरे खड़े हो गए थे। उस अवैध निर्माण को कैसे छुट दे दी? इसके लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही हैं। सीबीआई से भी कैंट बोर्ड के अफसर डर नहीं रहे हैं, तभी तो कैंट क्षेत्र में ताबड़तोड़ अवैध निर्माण होते जा रहे हैं, जिस पर अंकुश लगाने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाये जा रहे हैं, ये सभी सवालों के घेरे में आ गया हैं।
सीबीआई देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी हैं। इससे बड़ी एजेंसी देश में नहीं हैं। सीबीआई से कोई घबरा रहा हो, लेकिन कैंट बोर्ड के अधिकारी कतई नहीं घबरा रहे हैं। जिस तरह से अवैध निर्माण चल रहे हैं, उनको देखकर तो ऐसा ही लग रहा हैं।कैंट बोर्ड में हाल ही में सीबीआई ने छापेमारी की, जिसमें सेनेट्री इंस्पेक्टर योगेश यादव को रिश्वस्त लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था। ये रिश्वत अवैध निर्माण कराने के लिए मांगी गई थी, जिसमें शिकायतकर्ता की शिकायत पर सीबीआई ने ये कार्रवाई की हैं।
इसी मामले में सेनेट्री इंस्पेक्टर अभिषेक गंगवार भूमिगत चल रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए सीबीआई टीम लगी हुई हैं। इनकी गिरफ्तारी भी नहीं हुई और इनका निलंबन भी नहीं हुआ हैं। इतना सब होने के बाद भी कैंट बोर्ड के अफसर व कर्मचारी अवैध निर्माण कराते हुए नहीं घबरा रहे हैं। यही वजह है कि अवैध निर्माण दर निर्माण चल रहे हैं। आबूलेन स्थित निशांत सिनेमा कभी हुआ करता था। लंबे समय से ये सिनेमा बंद पड़ा हुआ हैं।
इसमें भी अब निर्माण कर दिया गया। इसका मूल रूवरूप बदल दिया गया। मोडीफाइड कर दिया गया। इसकी कोई अनुमति कैंट बोर्ड से नहीं ली और कार्य पूर्ण कर दिया। अब यहां किसी व्यक्ति का आॅफिस संचालित हो रहा हैं। यही नहीं, बॉबे बाजार स्थित एक बड़ा निर्माण चल रहा हैं। इसमें कोई कार्रवाई कैंट बोर्ड अफसरों ने नहीं की। यही नहीं, इसको लेकर विवाद भी हुआ था, जिसमें कई अफसरों की गर्दन भी फस गई थी, फिर भी अवैध निर्माण यहां कराये जा रहे हैं।
इसके लिए सीधे कैंट बोर्ड अफसरों की जवाबदेही बनती हैं, मगर इसमें कार्रवाई करने से अफसर कन्नी काट रहे हैं। यही वजह है कि अवैध निर्माणों को बढ़ावा मिल रहा हैं। जिन अफसरों की जवाबदेही बनती हैं, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही हैं? कई और भी निर्माण हैं, जिसको लेकर उंगली उठ रही हैं। इनकी शिकायत भी सीबीआई तक पहुंच गई हैं, जिसमें सीबीआई की टीम पूछताछ कर सकती हैं।