मानव जीवन का कदाचित ही ऐसा कोई क्षेत्र होगा जहां मैथमैटिक्स का उपयोग नहीं होता हो। साधारण रूप से घर में दूध, राशन, बच्चों की शिक्षा और कपड़े की धुलाई करनेवालों के हिसाब से लेकर पृथ्वी से सूर्य, चंद्रमा, मंगल और अन्य खगोलीय पिंडों की दूरियों की गणना के लिए मैथमैटिक्स की महत्ता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। यही कारण है कि समय के साथ मैथमैटिक्स स्टूडेंट्स के लिए बेहतर कॅरियर आॅप्शन और जॉब्स के नये अवसरों के प्रोमिजिंग डोमेन के रूप में उभरा है।
मैथमैटिक्स शब्द का उद्भव प्राचीन ग्रीक शब्द मथेमा से हुआ है जिसका अर्थ सीखने से संबंधित विज्ञान से होता है। इस शब्द की उत्पत्ति छठी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ माना जाता है। सिस्टमैटिक रूप से गणित को संख्याओं (अरिथमेटिक), सूत्रों (ऐलजेब्रा), मात्राओं (कैलकुलस) और स्पेस और आकृतियों (जीआमिट्री) के विज्ञान की एक मिश्रित शाखा के रूप में परिभाषित किया जाता है। ज्ञान के एक अहम डिसप्लिन के रूप में गणित के विकास में आर्किमिडीज, आर्यभट्ट, यूक्लिड और पाईथागोरस ने महती भूमिका निभाई है। आर्किमिडीज को मैथमैटिक्स के डेवलपमेंट में उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण गणित का जनक कहा जाता है।
शुरुआत कहां से करें?
मैथमैटिक्स में कॅरियर की शुरुआत बारहवीं की परीक्षा के पास करने के बाद से की जा सकती है। फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमैटिक्स के साथ बारहवीं पास करनेवाले स्टूडेंट्स मैथमैटिक्स में आॅनर्स के साथ तीन-वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स (बीएससी इन मैथमैटिक्स) में दाखिला ले सकते हैं। इसके बाद मैथमैटिक्स में स्पेशलाईजैशन के साथ पोस्टग्रेजुएशन (एमएससी इन मैथमैटिक्स) किया जा सकता है जिसके बाद से इस विषय में पीएचडी की डिग्री के लिए राहें खुल जाती हैं।
कॅरियर के लिए आवश्यक कौशल
सामान्य रूप से गणित का विषय स्टूडेंट्स के लिए फोबीया माना जाता है और यही कारण है कि इस डोमेन में कॅरियर की राहें आसान नहीं होती हैं। मैथमैटिक्स में कॅरियर बनाने में इन्टरिस्टिड कैन्डीडेट्स के लिए सतत कठिन मिहनत आवश्यक होता है।
सतत सीखने की इच्छा, तीक्ष्ण निर्णय लेने की क्षमता, गणित के लिए नेचुरल ऐप्टिटूड, स्ट्रॉन्ग कम्यूनिकेशन स्किल, सिस्टम एनालेसिस स्किल और तीक्ष्ण मस्तिष्क।
अध्ययन के लिए मुख्य संस्थान
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सैंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली
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क्रिश्चियन कॉलेज, चेन्नई
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क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर
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सेंट जेविअर्स कॉलेज, मुंबई और कोलकाता
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टाटा इंस्टिट्यूट आॅफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई
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इंडियन स्टटिस्टिकल इंस्टिट्यूट, कोलकाता
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इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ साइंस एण्ड एजुकेशन, पुणे
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इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ साइंस, बैंगलोर
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आईआईटी कानपुर
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इंस्टिट्यूट आॅफ मैथमैटिकल साइंसेज, चेन्नई
कॅरियर और जॉब्स के अवसर कहां हैं
मैथमैटिक्स एक ऐसा विषय है जिसमें ग्रेजुएशन या पोस्टग्रेजुएशन कर लेने के बाद विभिन्न डोमेंस में जॉब के अवसरों की कोई कमी नहीं रह जाती है। टीचिंग से लेकर बैंक और कंप्यूटर से लेकर एस्ट्रोनमी तक मैथमैटिक्स सब्जेक्ट में स्पेशलाईजेशन के उम्मीदवारों के लिए कॅरियर के अनगिनत डोमैन खुले हुए हैं।
टीचिंग के रूप में प्रोफेशन
मैथमैटिक्स विषय के साथ गे्रजएशन और पोस्टग्रेजुएशन करने के बाद टीचिंग का कॅरियर के रूप में सिलेक्शन एक प्रतिष्ठित विकल्प के रूप में साबित हो सकता है। स्कूल लेवल पर टीजीटी और पीजीटी मैथमैटिक्स के पोस्ट होते हैं जिसके लिए मैथमैटिक्स में ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन के बाद टीचिंग में प्रोफेशनल डिग्री बीएड की जरूरत होती है। नवोदय विद्यालय समिति, केन्द्रीय विद्यालय संगठन और अन्य सरकारी संस्थाओं से लेकर प्राइवेट सेक्टर के स्कूलों में मैथमैटिक्स के डिग्री वालों के लिए बेशुमार अवसर उपलब्ध हैं। कॉलेज लेवल पर मैथमैटिक्स में पीजी और पीएचडी डिग्री के बाद नेट या सेट के क्लीयेरन्स के साथ असोशिएट प्रोफेसर के रूप में कॅरियर की शुरुआत की जा सकती है।
सिविल सर्विसेज के क्षेत्र में कॅरियर
यूपीएससी के द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज की मेंस की परीक्षा में मैथमैटिक्स एक अच्छा आॅप्शनल पेपर साबित हो सकता है और इसमें सफलता के फलस्वरूप मैथमैटिक्स के ग्रेजुइट आईएएस, आईपीएस आॅफिसर, इंडियन फॉरिन सर्विसेज और अन्य अलाईड सर्विसेज में कॅरियर बना सकते हैं। इसके अतिरिक्त सिविल सर्विसेज की प्रिलिमिनरी परीक्षा में जनरल स्टडीज और सिविल सर्विसेज ऐप्टिटूड टेस्ट के प्रश्नों को सॉल्व करने में भी मैथमैटिक्स की अहम भूमिका होती है।
एक मैथमेटिशयन एक अच्छा स्टैटिस्टिशयन होता है
एक स्टैटिस्टिशन का मुख्य कार्य किसी विशेष क्षेत्र से डाटा को कलेक्ट करना, आॅर्गनाइज करना, क्लाससिफाई करना, चार्ट और डायग्राम्स के रूप में प्रेजेंट करना और अंत में एनालेसिस करके उससे रिजल्ट प्राप्त करना होता है। क्रिकेट मैच से लेकर, मार्केट सर्वे, और जनसंख्या से लेकर अपराध की घटनाओं तक में आवश्यक निष्कर्षों के आधार पर निर्णय लेने में एक मैथमेटिशयन की अहम भूमिका होती है। मैथमैटिक्स में ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट इन सभी डोमेंस में सरकारी और निजी दोनों सेक्टर्स में जॉब्स पा सकते हैं।
डाटा ऐनलिस्ट के रूप में कॅरियर
डाटा ऐनलिस्ट का मुख्य कार्य किसी संस्था में प्राइआॅरिटी के आधार पर बिजनस टारगेट को प्राप्त करने में मदद करना होता है। इसके लिए आवश्यक डाटा को कलेक्ट किया जाता है, उसे आॅर्गनाइज किया जाता है और महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकाला जाता है। इन महत्वपूर्ण निष्कर्षों के आधार पर फिर उस संस्था के लिए नई नीतियों का निर्माण किया जाता है। ये विभिन्न र्कंपनियों के डाटाबेस भी डिवेलप करते हैं। साथ ही कंपनी के ब्रांड नेम को प्रमोट करते हैं। मैथमैटिक्स के साथ बैचलर डिग्री और एमबीए क्वालिफिकेशन के साथ विभिन्न संस्थाओं में डाटा ऐनलिस्ट के रूप में कॅरियर की शुरुआत की जा सकती है।
मैथमैटिक्स से चार्टर्ड एकाउंटेंट की राहें
वैसे तो चार्टर्ड एकाउंटेंट का डायरेक्ट संबंध मैथमैटिक्स से नहीं होता है, किंतु इस रूप में कॅरियर में सफलता बहुत अधिक मैथमैटिक्स में ऐप्टिटूड पर निर्भर करता है। चार्टर्ड एकाउंटेंट बनने के क्रम में दि सीए फाउंडेशन एग्जाम या कॉमन प्रफिशयन्सी टेस्ट, इन्टरमीडिएट एग्जाम और सीए फाइनल लेवल की परीक्षाएं होती हैं। इसमें बिजनेस मैथमैटिक्स का भी सिलबस होता है। बारहवीं में मैथमैटिक्स विषय के साथ सीए के सभी परीक्षाएं पास करने के बाद चार्टर्ड एकाउंटेंट के लिए आवश्यक अर्हताएं पूरी हो जाती हैं।
ऐक्चूएरी साइंस में कॅरियर प्रॉस्पेक्ट्स
ऐक्चूएरी साइंस के अंतर्गत मैथमैटिकल और स्टटिस्टिकल विधियों के प्रयोग से बीमा, बैंकिंग, हेल्थकेयर, वित्त, बिजनेस के क्षेत्र में होनेवाले रिस्कस की गणना की जाती है। ऐक्चूएरी साइंस के प्रोफेशनल्स विभिन्न कंपनियों की समस्याओं को सॉल्व करती हैं और पॉलिसी फॉर्मेशन करती हैं। विभिन्न प्रकार के रिस्कस को कैलकुलेट करने के लिए ऐक्चूएरी साइंस में स्टेटिस्टिक्स, प्रॉबबलिटी, कंप्यूटर और गणित के अन्य सिद्धांतों को प्रयोग में लाया जाता है। मैथमैटिक्स, इकनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स के बैचलर्स ऐक्चूएरी साइंस में जॉब्स के लिए काफी उपयुक्त माने जाते हैं। इसके लिए ऐक्चूएरीअल कॉमन एंटेंस टेस्ट क्वालीफाई करने की जरूरत होती है।
क्रीपटोग्राफर के रूप में कॅरिअर
छुपी हुई सूचना के अध्ययन की प्रक्रिया को क्रिप्टाग्रफी कहा जाता है। यह एक ऐसा डिसप्लिन है, जिसमें डाटा की इस प्रकार से कोडिंग और डिकोंडिंग की जाती है, जिससे उन्हें आसानी से पढ़ा नहीं जा सकता हो। सेंसेटिव और सिक्योरिटी से रिलेटेड डाटा की सुरक्षा के लिए एक क्रीपटोग्राफार की भूमिका काफी अहम होती है। मैथ्स के स्टूडेंट्स के लिए क्रिप्टाग्राफी सबसे उपयुक्त कॅरियर डोमेन माना जाता है। मैथमैटिक्स या कंप्यूटर साइंस में बैचलर डिग्री वाले प्रोफेशनल्स क्रीपटोग्राफर के रूप में अपने कॅरियर की शुरूआत कर सकते हैं।
बैंकिंग में कॅरियर की राहें
मैथमैटिक्स के साथ बैचलर और मास्टर की डिग्री वाले प्रोफेशनल्स के लिए बैंकिंग कॅरियर का गोल्डन पासपोर्ट माना जाता है। प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर में रीटेल बैंकिंग से लेकर इनवेस्टमेंट बैंकिंग तक मैथमैटिक्स में बैचलर की काफी डिमांड होती है। बैंकों के विलय से लेकर उनके अधिग्रहण तक और कंपनियों के बॉंडस और शेयर्स, प्राइवेटाईजेशन, आईपीओ वगैरह में स्पेशलाईजेशन के रूप में जॉब्स के अवसरों की कोई कमी नहीं है। मैथमैटिक्स में बैचलर डिग्री और फाइनेंस में प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन इस सेक्टर में कॅरियर निर्माण के लिए आवश्यक शर्तों में शुमार होता है।
ऑपरेशन रिसर्च एनालिस्ट
एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स को शिड्यूल करने से लेकर ऐमजान, फ्लिपकॉर्ट जैसी विभिन्न ई-कंपनियों के द्वारा ट्रांसर्पोटेशन और डिलीवरी को अरैंज करने तक जैसे कई कार्य आॅपरेशंस कहलाते हैं। इन सभी जिम्मेदारियों को मैनेज करनेवाले प्रोफेशनल्स आॅपरेशन रिसर्चर्स कहलाते हैं।
मैथमैटिक्स या स्टेटिस्टिक्स या इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री और आॅपरेशनल मैनेजमेंट में एमबीए की डिग्री के साथ इस डोमेन में कॅरियर की शुरुआत की जा सकती है।
श्रीप्रकाश शर्मा
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