- पालतू गोवंश को बेसहारा छोड़ते हुए पकडेÞ जाने पर पशुपालक के खिलाफ पशु कू्ररता निवारण अधिनियम के तहत हो सकती है दंडात्मक कार्रवाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रदेश सरकार निश्रारित गोवंश के संरक्षण को लेकर बेहद गंभीर है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। शासन-प्रशासन निराश्रित गोवंश के संरक्षण की कार्रवाई में जुटा है। पूरे प्रदेश में आम जनमानस को निराश्रित गोवंश के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निराश्रित गोवंश के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो रही है। सड़कों पर इनकी वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। जिसमें लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ रही है।
गांव से लेकर शहर तक निराश्रित गोवंश की भरमार है। शासन-प्रशासन द्वारा इन्हें पकड़कर गो-आश्रय स्थलों में रखने कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इनकी तादात इतनी अधिक है कि गोआश्रय स्थलों में भी जगह कम पड़ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भी आम जन मानस से निराश्रित गोवंश के संरक्षण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अपील की गई है, लेकिन पशुपालक आए दिन गोवंश को बेसहारा हालत में छोड़ते हुए देखे जा रहे हैं। जिले के सरधना, मवाना, रोहटा, सरूरपुर, जानी आदि क्षेत्र में लोगों द्वारा गोवंश छोडेÞ जा रहे हैं।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश गर्ग ने बताया कि नगर निगम, नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायत स्तर पर निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए टीम कार्य कर रही हैं। पशुपालन विभाग के वीओ भी इस कार्य में तैनात है। जिले की 26 गोशालाओं में इन्हें रखने की व्यवस्था की गई है। हस्तिनापुर स्थित गोशाला में अभी 122 निराश्रित गोवंश रखे गए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव भी इस कार्य में लगे हैं। उन्होंने जनपद के सभी पशुपालकों एवं आम लोगों से अपील की है कि अपने गोवंश को बेसहारा हालत में न छोडेÞ। साथ ही जानकारी दी की यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता हुआ पकड़ा जाता है तो उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा उसे जेल भी हो सकती है।