- एक दशक से सिर्फ कागजों में ही चल रहा कैटल कॉलोनी का काम, कमिश्नर ने लिखा डीएम को पत्र
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कैटल कॉलोनी को लेकर पिछले एक दशक से शहर में डेयरी की समस्या एक विकराल रूप धारण कर रही हैं। डेरी के खिलाफ हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने डेयरी संचालकों को कैटल कॉलोनी विकसित करके नहीं दी, जिसके चलते शहर के तमाम नालें गोबर से चौक हो गए। अब कमिश्नर सुरेंद्र कुमार ने जिलाधिकारी, एसएसपी, नगर आयुक्त और मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि संयुक्त बैठक करें तथा कैटल कॉलोनी को विकसित करने की दिशा में कदम उठाए जाए।
क्योंकि पशु डेयरियों को शहर से बाहर शिफ्ट तभी किया जा सकता है जब कैटल कॉलोनी विकसित हो जाएगी। इसको लेकर संबंधित अधिकारियों से संयुक्त मीटिंग कर कार्य योजना बनाकर मांगी गई है, जिसका क्रियान्वयन जल्द किया जाएगा। कमिश्नर ने कहा है कि डीएम दीपक मीणा 30 अप्रैल तक कैटल कॉलोनी को लेकर रिपोर्ट तैयार कर उन्हें अवगत कराएं।
बता दें, कैटल कॉलोनी को लेकर डेयरी संचालक प्रवेश त्यागी आदि संगठन के लोग हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें कैटल कॉलोनी बनाकर देने की प्रशासन से मांग की गई, लेकिन फिर जनहित याचिका की अवमानना याचिका डेयरी संचालकों ने दायर की, जिसमें कहा गया कि हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। अब इस मुद्दे को लेकर कमिश्नर सुरेंद्र कुमार गंभीर नजर आ रहे हैं। उन्होंने संबंधित विभागों के अफसरों से संयुक्त मीटिंग कर कैटल कॉलोनी को लेकर प्लानिंग तैयार करने के बाद रिपोर्ट तलब की है।